मंगलवार, 27 जुलाई 2021

टोक्यो ओलंपिक: देश के लिए स्वर्ण पदक लेना ही महिला हॉकी टीम का लक्ष्य:नवजोत

तकनीकी तौर पर मैदान में सामंजस्य बनाने में माहिर है नवजोत कौर खेल इंडिया ने अर्जुन पुरस्कार के लिए किया नामित ओ.पी. पाल.रोहतक। भारतीय महिला हॉकी टीम की तेजतर्रार खिलाड़ी नवजोत कौर किसी पहचान की मोहताज नहीं है, जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल के मैदान में बेहतरीन तकनीकी और रक्षात्मक तौर पर बेहतर सामंजस्य, लंबे समय तक गेंद होल्ड करने में माहरत हासिल करते हुए भारतीय टीम की जीत में अहम योगदान दिया है। टोक्यो ओलंपिक में रानी रामपाल की अगुवाई में भारतीय महिला हॉकी टीम में मिडफिल्डर की भूमिका के लिए शामिल नवजोत को पूरा भरोसा है कि टोक्यो ओलंपिक में उनकी टीम भारत के लिए स्वर्ण पदक लेकर आएगी। 29वें टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक दिलाने के मकसद से भारतीय महिला हाकी टीम पिछले कई माह से बंगलूरू में हरेक खिलाड़ी पिछले अनुभवों के आधार पर सामने आई कमियों में सुधार करके रक्षात्मक तकनीकी के साथ अभ्यास करने में जुटी हुई हैं। हाल ही में अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित हुई टीम इंडिया की मिडफिल्डर नवजोत कौर ने हरिभूमि से बात करते हुए कहा कि पूरी टीम की खिलाड़ी शारीरिक रूप से फिट है, क्योंकि अच्छा प्रदर्शन करने के लिए फिटनेस पहली कड़ी होनी चाहिए। अब तक 172 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुकी नवजोत कौर ने टीम इंडिया की जीत में हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके प्रदर्शन के आधार पर उसे दूसरी बार ओलंपिक में क्वालिफाई करने वाली टीम में शामिल किया गया। -----------पहले ही अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में लोहा मनवाया----------- हरियाणा के कुरुक्षेत्र के शाहबाद में सात मार्च 1995 को जन्मी नवजोत कौर को बचपन से ही हॉकी के खेल में रुचि थी और आठ साल की उम्र में वर्ष 2003 में उसने शाहबाद में मारकंडा अकादमी में कोच बलदेव से कोचिंग लेना शुरू किया। नवजोत ने अपनी प्रतिभा के सहारे स्कूल, स्टेट और नेशनल स्तर के हॉकी टूर्नामेंटों में अपने प्रदर्शन से भविष्य के इरादे जाहिर कर दिये। बहराल वर्ष 2011 में नवजोत राष्ट्रीय जूनियर अंडर-18 की टीम में चुनी गई और बैंकांक में हुए एशिया कप यानि पहले ही अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में 10 गोल दागकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, इस टूर्नामेंट में भारतीय जूनियर टीम कांस्य पदक लेकर स्वदेश लौटी। नवजोत को इस टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ स्कोरर का खिताब मिला। वर्ष 2013 में जापान एशिया कप के फाइनल मैच में चीन को हराकर भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक हासिल किया, जिसमें विजयी गोल उसी के नाम रहा। ---------जब कैरियर में आई मुश्किल---------- टीम इंडिया की सदस्य नवजोत ने बताया कि उसके पिता स. सतनाम सिंह एक मैकेनिक और माता मंजीत कौर ग्रहणी हैं। उसके छोटे भाई बलकार सिंह आस्ट्रेलिया में पढ़ रहा है और छोटी बहन सिमरनजीत कौर ने नर्सिंग कोर्स किया है। नवजोत ने बताया कि वर्ष 2012 में उसका चयन भारत की सीनियर महिला हॉकी टीम में हो गया, लेकिन इसी दौरान उसके पैर में आई चोट(इंजरी) ने उसकी मुश्किलें बढा दी। ऐसे मुश्किल दौर में घर पर माता-पिता के साथ मैदान में कोच बलदेव सिंह ने उसका हौंसला बढ़ाया। इस दौर से निकलने के बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार भारतीय टीम में कड़ी मेहनत और खेल पर फोकस कर रही हैं। नवजोत कौर ने बताया कि वर्ष 2018 में एशिया कप के फाइनल मैच में चीन को शूटआउट में 5-4 से मात देकर स्वर्ण पदक हासिल किया, जिसमें विजयी गोल उसी के नाम रहा। यह जीत भारत को विश्व कप के लिए क्वालिफाई करने में कारगर साबित हुआ। ----------पिता के साथ कोच को बड़ा श्रेय----------- खेल जगत में हॉकी के रूप में बुलंदिया छू रही नवजोत ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सफलता तक पहुंचने का श्रेय माता-पिता विशेषकर पिता को है जिन्होंने उन्हें हमेशा सहयोग दिया है। वहीं कोच बलदेव की वजह से आज वह ओलंपिक खेल रही हैं, जिन्होंने अकादमी में हमेशा खेल की तकनीकियों और विपक्षी टीम की जरा सी कमजोरी का लाभ उठाने के गुर दिये। इन्हीं की बदौलत वह वर्ष 2015 में हुए महिला हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल में भी टीम का हिस्सा रहीं। वहीं उन्होंने 17वें एशियाई खेलों, 2016 रियो ओलंपिक, चौथे महिला एशियन चैपियंस ट्रॉफी में भी भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। महिला विश्व हॉकी लीग राउंड-2 में भी वह शामिल थी। --------टीम इंडिया में उपलब्धियां---------- 2013-जूनियर वर्ल्ड कप में कांस्य पदक। 2014-में एशियाई गेम्स में कांस्य पदक। 2016-रियो ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन। 2016-एशिया ट्राफी में रजत पदक। 2017-एशिया कप हॉकी में स्वर्ण पदक। 2018-एशियाई गेम्स में रजत पदक। 10July-2021

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