सोमवार, 26 जुलाई 2021

मंडे स्पेशल: हरियाणा में 1100 कार्यक्रमों में योगासन करेंगे 55 हजार लोग

सातवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस आज कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने का जिम्मा संभालेगा जिला प्रशासन प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में व्यायामशालाओं के निर्माण पर कर रही काम ओ.पी. पाल. रोहतक। अब तो विज्ञान भी मान चुका है कि योग इम्युनिटी बढ़ाने का सबसे कारगर और सरल साधन है। इस बार पूरी दुनिया 21 जून को ऐसे मौके योग दिवस मना रही है जब कोरोना से लड़ने के लिए मजबूत इम्युनिटी की सख्त जरूरत है। यही कारण है कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए खास तैयारी की गई है। मसलन प्रदेशभर में कोरोना प्रोटोकॉल के चलते 1100 से ज्यादा योग कार्यक्रम तो रखे गए है, लेकिन हर आयोजन में साधकों की संख्या केवल 50 ही होगी। सरकार, राज्य योग आयोग और समाजिक संगठन इस प्रयास में लगे हैं कि आम जन घर में ही रहकर योग के आसनों का अभ्यास करें। इसके लिए लगातार जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित होने के बाद योग को वर्ष 2016 में प्रदेश सरकार ने बढ़ावा देने की दिशा में हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में एक हजार व्यायामशालाओं का निर्माण करने का निर्णय लिया था। वहीं एक हजार योग शिक्षकों की भर्ती करने का भी ऐलान हुआ। सरकार के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार अभी तक करीब 300 योग एवं व्यायामशालाओं का निर्माण किया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की दिशा में पहले चरण के 1000 पार्क-सह-व्यायमशालाओं की स्थापना पर काम जारी है। भविष्य में इनकी संख्या दोगुना करने पर भी विचार चल रहा है। जबकि इसके विपरीत प्रदेशभर के जिलों में हरिभूमि टीम की पड़ताल के बाद जो तथ्य सामने आए हैं उसमें किसी भी जिले में व्यायामशालाओं का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया और ग्रामीण क्षेत्रों में जहां निर्माण हुआ है तो वहां योग शिक्षक या किसी अन्य कर्मचारी की नियुक्ति तथा मूलभूत सुविधाओं के अभाव में व्यायामशालाएं खस्ता हालत में विरान अवस्था में हैं। पड़ताल के अनुसार जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में जिन व्यायायामशालाओं का निर्माण हुआ है, वह या तो अधूरा है या फिर उनकी देखरेख और उनमें दी जाने वाली सुविधाओं के अभाव में उनकी भी हालत बद से बदतर होने के कगार पर है। हालांकि हरियाणा योग आयोग का गठन करके राज्य सरकार ने ग्रामीण स्तर पर योगशालाओं की स्थापना करने और योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति करने की योजना को सिरे चढ़ाने के प्रयासों को तेज कर दिया है, ताकि योग को जमीनी स्तर पर लोगों को अपने जीवन शैली का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। ------------------- सरकार की ये भी है योजना---- प्रदेश में योगा और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए सरकार की यह भी योजना है। इसके तहत जिला, ब्लॉक और तहसील स्तर पर योग प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें प्रशिक्षित शारीरिक प्रशिक्षण प्रशिक्षक (पीटीआई) और शारीरिक शिक्षा में डिग्री धारक (डीपीई) योग प्रशिक्षण देंगे। प्रशिक्षण पहले चरण में 2,200 अध्यापकों को योग में प्रशिक्षित किया जाएगा। वहीं सरकार की प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र का नाम बदलकर ‘योग और आयुष केंद्र’ करने की योजना है, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा सभी जिला मुख्यालयों पर भी ‘योग और आयुष केंद्र’ स्थापित किए जाएंगे। इस योजना के तहत कुरुक्षेत्र के श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय स्तर का ध्यान योग केंद्र स्थापित किया जाएगा। योग परिषद को हरियाणा योग आयोग के रूप में स्थापित करके प्रदेश सरकार ने पहले ही विधेयक को मंजूरी दे दी है, ताकि अधिनियम के आधार पर योग को बढ़ावा दिया जा सके। ---------------------------- स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बना योग--- प्रदेश सरकार ने स्वस्थ्य के सबसे सरल साधन माने जाने वाले योग को बचपन से ही अपनी जीवन शैली में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में योग को हरियाणा के सभी सरकारी स्कूलों में एक अप्रैल 2021 से शैक्षणिक सत्र में योग को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का ऐलान किया था, लेकिन कोरोना महामारी के कहर के बीच शिक्षण संस्थाएं बंद होने के कारण इसकी शुरूआत नहीं हो सकी। हालांकि राज्य में नैतिक शिक्षा के अलावा छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2016-17 से योग पढ़ाया जा रहा है। ---------------------- कोरोना ने समेटा योग दिवस--- प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित होने वाले योग कार्यक्रमों को सीमित कर दिया है। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत प्रदेशभर में 1100 स्थानों पर योग कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। यानि राज्य सरकार के निर्देशों के तहत हरेक जिले में 50-50 योगा कार्यक्रम हो रहे हैं, जिनमें कोरोना महामारी के दिशानिर्देशों के तहत एक कार्यक्रम में योग करने के लिए केवल 50-50 साधकों को ही योगासन करने के लिए अनुमति दी गई। इस प्रकार प्रदेश के 22 जिलों में 55 हजार साधक ही योगासन के लिए हिस्सेदारी कर सकेंगे। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत योगा कार्यक्रम आयोजित करने की जिम्मेदारी जिला उपायुक्तों के कंधों पर है, तो कार्यक्रम में योग प्रशिक्षकों और कार्यक्रम स्थल पर अन्य सुविधाओं की व्यवस्था हरियाणा योग आयोग और आयुष विभाग कर रहा है। ---स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बना योग--- प्रदेश सरकार ने स्वस्थ्य के सबसे सरल साधन माने जाने वाले योग को बचपन से ही अपनी जीवन शैली में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में योग को हरियाणा के सभी सरकारी स्कूलों में एक अप्रैल 2021 से शैक्षणिक सत्र में योग को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का ऐलान किया था, लेकिन कोरोना महामारी के कहर के बीच शिक्षण संस्थाएं बंद होने के कारण इसकी शुरूआत नहीं हो सकी। हालांकि राज्य में नैतिक शिक्षा के अलावा छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2016-17 से योग पढ़ाया जा रहा है। ------- वर्जन महामारी में योग बेहतर उपाय----- योग का अर्थ है टू ज्वाइंट यानी जुड़ना या लगाव। हम जो भी कार्य करें उसे पूरी एकाग्रता के साथ करें। इस सृष्टि में चारों तरफ योग ही दिखाई दे रहा है। स्वस्थ व्यक्ति योग को जीवन पद्धति, रोगी व्यक्ति चिकित्सा पद्धति और योग साधक योग को कैवल्य प्राप्ति का साधन मानते हैं। कोरोना महामारी के समय लोगों ने प्रणायाम करके अपनी जीवन शक्ति यानी प्रतिरक्षी संस्थान को मजबूत किया। जिससे कि वे कोविड जैसी महामारी में भी स्वयं स्वस्थ रख पाए। आसन व सूर्य नमस्कार से शरीर को मजबूत बनाया। षटकर्म करके अपने शरीर की शुद्धता यानी सफाई की। योगनिद्रा, श्वासन, मकरासन आदि से अपनी पूरे शरीर का सूक्ष्म निरीक्षण किया। ध्यान के द्वारा अपने आप को उस परमपिता परमात्मा के साथ जोड़ा और इस प्रकार लोग योग द्वारा इस महामारी में शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रुप से स्वस्थ रह सके और महामारी का शिकार होने से बच गए। हमें योग को अपनी दिनचर्या के अहम हिस्से के रुप में स्वीकार करना चाहिए जिससे कि हम शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रह सकें और किसी भी प्रकार के तनाव से मुक्त हो जाएं। -संगीता दलाल, असिस्टेंट प्रोफेसर योगा साइंस, महारानी किशोरी जाट कन्या महाविद्यालय --------------- शारीरिक व मानसिक विकास का सर्वांगीण उपाय है योग--- योग केवल व्यायाम की कला नहीं है, बल्कि यही शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति का सर्वांगीण उपाय है। योग में मन पर नियन्त्रण सबसे महत्वपूर्ण है। हमारे शरीर में रोगों का मुख्य कारण है मन का अनियन्त्रित होना। पैसे की अन्धी भागदौड़ और उससे उत्पन्न मानसिक तनाव, वर्तमान युग में असाध्य रोगों को जन्म देता है। आज सुख-सुविधाओं के उपभोग तथा श्रम के अभाव के कारण मानव बिमार पड़ रहा है। खाने-पीने में असावधानी के कारण मोटापे का जिन्न भी बढ़ता जा रहा है। योग हमें सम्पूर्ण स्वास्थ्य की ओर ले जाता है। मन और तन दोनों को स्वस्थ बनाने की कला है योग। यम, नियम के पालन के अतिरिक्त योगासान, प्राणायाम भी मन पर नियन्त्रण करना सिखाते हैं। योग का शरीर के सभी अंगों, सभी ग्रन्थियों और सभी इन्द्रियों पर प्रभाव पड़ता है। प्राणायाम द्वारा अपनी सांसों पर और प्राणशक्ति पर नियन्त्रण करना आ जाता है। जिससे हमारी आयु लम्बी होती है। एक निरोगी, निरामय जीवन, एक ऐसा जीवन जो आपके अपने हाथ में है, आपको किसी डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती, आप स्वयं अपने डॉक्टर बन सकते हैं। इसलिए योग को जीवन में अपनाओ ओर अपने जीवन को सफल बनाओ। -स्वामी आदित्यवेश, 21June-2021

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