मंगलवार, 27 जुलाई 2021

मंडे स्पेशल: बिजली खपत से ज्यादा उत्पादन क्षमता, फिर भी हाल बेहाल

राज्य के कई थर्मल पावर प्लांट बंद, वितरण व्यवस्था का विस्तार न होने से संकट में जनता अन्य प्रदेशों व निजी कंपनियों से बिजली खरीदकर मांग पूरी कर रही है सरकार ओ.पी. पाल.रोहतक। प्रदेश में बिजली का उत्पादन खपत से कम नहीं है। इसके बावजूद गर्मी के दिनों में राज्यवासी पसीने से तर-बतर हैं। एक ओर बंद पड़े थर्मल पावर प्लांटों ने पसीना निकाला, तो रही सही कसर बिजली वितरण व्यवस्था ने पूरी कर दी। कहीं ट्रांसफार्मर फूंके, तो कही केबल जलने से लोगों ने जागकर रात काटी। हालात ये रहे कि एक मिनट में बिजली किल्लत की तीन शिकायतें दर्ज की गई। जगह-जगह रास्ते रोके गये और लोगों ने जमकर नारेबाजी की। सूर्यदेव के तेवर कुछ नरम पड़े और देवराज प्रसन्न हुए तो राहत की सांस आई। प्रदेश में गर्मी बढ़ते ही बिजली की मांग बढ़ने लगी है। हालांकि हरियाणा के पावर प्लांटों में हो रहे बिजली उत्पादन की पूरी क्षमता से चलाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन कई यूनिटें बंद पड़ी हैं। इसलिए प्रदेश में खासकर गर्मी के दिनों में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सरकार करीब 5700 मेगावाट बिजली की खरीद करती है। आमतौर पर प्रदेश में चार से पांच हजार मेगावाट खपत है, लेकिन गर्मी के दिनों में बिजली की मांग करीब आठ हजार मेगावाट से बढ़कर इस बार 11 हजार से ज्यादा तक जा पहुंची। मसलन प्रदेश में बिजली की कमी नहीं है, लेकिन गर्मी के दिनों में बढ़ते लोड़ के कारण वितरण व्यवस्था का ढांचा उसके आधुनिकीकरण की याद दिलाता है। हालात ये हैं कि इस व्यवस्था के दुरस्त न होने का खामियाजा लोगों को बिजली कट के कारण पसीना बहाकर भुगतना पड़ रहा है। हालांकि सरकार का दावा है कि बिजली विभाग ने 8000 बिजली के खम्भे खरीदे हैं और जल्द ही खराब खम्भों को बदला जाएगा। जल्द ही प्रदेश में सभी पुरानी तारों को भी बदलने का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए 96 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। ------------------------- ऐसे पूरी हो रही है बिजली की मांग हरियाणा में जैसे जैसे अप्रैल माह में गर्मी बढ़ना शुरू हुई वैसे ही हर रोज 6500 मेगावाट से ज्यादा बिजली की खपत होना शुरू हो गई, जो बढ़ते बढ़ते एक जुलाई को 11732 मेगावाट तक रिकार्ड बना गई। पिछले साल जुलाई माह में अधिकतम 11400 मेगावाट बिजली की खपत हुई थी। प्रदेश में स्थिपित जहां कुछ बिजली उत्पादन प्लांट बंद है, तो चालू प्लांटों में क्षमता के अनुरूप बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने पहले से ही बिजली की मांग को पूरा करने के लिए अन्य प्रदेशों और निजी बिजली उत्पादन कंपनियों से अनुबंध किया हुआ है। प्रदेश में समस्या है कि थर्मल पावर प्लांटों में क्षमता से कम बिजली का उत्पादन हो रहा है और बिजली की बढ़ती मांग के बावजूद कई उत्पादन इकाई बंद पड़ी हैं। प्रदेश सरकार के अनुबंधों के तहत फिलहाल खरीदी जा रही बिजली में अदानी पावर लिमिटेड की तीन इकाईयों से 1424 मेगावाट प्रतिदिन खरीद का अनुबंध है, लेकिन फिलहाल एक इकाई से ही हर रोज करीब 650 मेगावाट बिजली मिल रही है। फरीदाबाद गैस प्लांट से 196 और पानीपत में सोलर प्लांट से 10 मेगावाट बिजली मिल रही है। वहीं हरियाणा के लिए एचपीजीसीएल से 2582, भाखड़ा से 846, सेंट्रल पावर से 2572 और निजी क्षेत्र से 5700 मेगावाट बिजली ली जाती है। --------------------- प्रदेश के थर्मल पावर प्लांटों की क्षमता----- प्रदेश में हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (एचपीजीसीएल) भारत में हरियाणा सरकार की बिजली उत्पादक कंपनी है। हरियाणा में नए उत्पादक स्टेशन स्थापित करने की जिम्मेदारी संभाल रहे निगम के छह पावर स्टेशन और परियोजनाएं पानीपत, यमुना नगर, हिसार और झज्जर जिलों में स्थित हैं, जिनकी उत्पादन क्षमता 6032.2 मेगवाट है। बाकी सरकार अन्य प्रदेशों और निजी कंपनियों से खरीद करके प्रदेश में बिजली की मांग को पूरा कर रही है। पानीपत थर्मल पावर प्लांट की आठ में से चार ईकाईयों से 920 मेगावाट, राजीव गांधी थर्मल पावर स्टेशन, खेदड, हिसार की दो इकाईयों से 1200 मेगावाट उत्पादन चालू है। इंदिरा गांधी सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट, झज्जर की तीन यूनिट से 1500 मेगावाट, महात्मा गांधी थर्मल पावर प्लांट प्रोजेक्ट, झज्जर की दो इकाईयों से 1320 मेगावाट बिजली बन रही है। दीन बंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट, यमुनानगर की दो इकाई से 600 मेगावाट तथा डब्ल्यूवाईसी हाइड्रो इलेक्ट्रिक स्टेशन, यमुनानगर की चार इकाई से 62.40 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने की क्षमता है। --------------------------- बिजली आपूर्ति की क्या है व्यवस्था----- प्रदेश में बिजली की आपूर्ति के लिए हरियाणा बिजली प्रसारण निगम, उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम बिजली का संप्रेषण करते हैं। प्रसारण निगम से मिलने वाली बिजली को उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम अपने तहत आने वाले करनाल, पानीपत, सोनीपत, जींद, रोहतक, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर व अंबाला सर्कल में औद्योगिक, ग्रामीण, शहरी, कृषि क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति करती है। इसी तरह दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम अपने हिसार, भिवानी, गुड़गांव, सिरसा, नारनौल, फरीदाबाद सर्कलों में कृषि, ग्रामीण, शहरी व औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति करता है। -------------- सौर ऊर्जा को बढ़ावा---- प्रदेश सरकार का दावा है कि ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाला हरियाणा देश का दूसरा राज्य है। राज्य सरकार का दावा है कि 'म्हारा गांव-जगमग गांव' योजना के तहत राज्य के करीब 5300 गांवों में 24 घंटे बिजली दी जा रही है। सरकार ने इस योजना के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों को रोशन करने के लिए छह हजार सोलर एलईडी स्ट्रीट लाइट, 12 वॉट की 5 हजार एलईडी और सीसीटीवी कैमरा वाली एक हजार हाईमास्ट एलईडी लाइट लगाने का निर्णय लिया गया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष के बजट में यह भी ऐलान किया गया कि प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड 77 मेगावॉट के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाएगा। इसके अलावा सरकार पंचकूला को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करके शहर की 20 प्रतिशत बिजली की मांग को सौर ऊर्जा से पूरा करने का निर्णय लिया है। ----------------------- स्मार्ट मीटर का लक्ष्य अधूरा------ हरियाणा डिस्कॉम ने तीन वर्षों में 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस कार्य के लिए डिस्कॉम ने एनर्जी एफिशिएंट सर्विस लिमिटेड के साथ काम करने की योजना बनाई है। दिसंबर 2020 तक राज्य में 2.15 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। बिजली विभाग द्वारा खरीदे गये 10 लाख स्मार्ट मीटरों में से 2.75 लाख स्मार्ट मीटर गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल और पंचकूला में लगाए गए हैं। इसके अलावा सरकार जल्द ही 20 लाख स्मार्ट मीटर और खरीने की योजना बना रही है। वहीं हरियाणा में बिजली के नव एवं नवीनीकरण के पहले चरण में 15000 ऑफ-ग्रिड सौर पंप और दूसरे चरण में 35000 ऑफ ग्रिड सौर पंप स्थापित किए जाने थे, सरकार ने एक साल में इस घोषणा का 75 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है। ------------ पहली बार बना खपत का रिकार्--- ‘प्रदेश में गर्मी के दिनों में बिजली की मांग बढ़ जाती है, जिसकी विभाग द्वारा निगरानी की जाती है। इस माह के पहले दिन यानि एक जुलाई को ही प्रदेशे के इतिहास में सबसे ज्यादा बिजली की 2576.88 लाख लाख यूनिट के रिकॉर्ड खपत और 11732 मेगावाट बिजली का लोड दर्ज किया गया। इसके सबसे ज्यादा गुरुग्राम सबसे ज्यादा 1147 मेगावाट लोड़ दर्ज हुआ। सरकार की अग्रिम तैयारियों के कारण प्रदेश में बिजली की कमी जैसी कोई समस्या नहीं है। विभाग के अधिकारियों को निर्देश है कि बिजली की सुचारू उपलब्धता के लिए वितरण प्रणाली दुरस्त रखी जाए। इसी प्रकार राज्य के अधिकारियों के लिए दिशानिर्देश दिये गये हैं कि धान सीजन के दौरान सतर्क रहने और जनता व किसानों को निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। वहीं सरकार ने कोरोना काल के दौरान चार महीने की बिजली सिक्योरिटी को एक साल के लिए स्थगित कर जनता को राहत दी है। यानि जब तक कोरोना काल है तब तक बिजली पर कोई अधिभार नहीं लिया जाएगा। -रणजीत सिंह चौटाला, बिजली मंत्री, हरियाणा। 05July-2021

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