मंगलवार, 27 जुलाई 2021

मंडे स्पेशल: पाताल में पहुंचा भू-जल स्तर, प्रदेश के 14 जिलों में तो हो गए हालात बद से बदतर

असर नहीं दिखा पा रही जल सुधार की योजनाएं पिछले पांच दशक से लगातार गिर रहा है भूजल स्तर पानी पर नही संभले तो बूंद बूंद को तरसेंगे हरियाणावासी ओ.पी. पाल.रोहतक। भू-जल को लेकर प्रदेश के हालात बद से बदतर हो गए हैं। राज्य के 14 जिलों में पानी पाताल में चला गया है। कुल 141 ब्लाक में से 85 ब्लाक की हालत ये है कि उन्हें रेड जोन में रखा गया है। सबसे ज्यादा बुरा हाल अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, हिसार, झज्जर, भिवानी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, सिरसा, सोनीपत, पानीपत और जींद जिलों में है, जिनके 64 ब्लॉक डार्क जोन श्रेणी रखे गए हैं। सरकार ने भूमिगत जल स्तर की कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन हालात में सुधार की बजाए बदहाली ज्यादा हो रही है। न तो जल दोहन से आमजन बाज आ रहे और न ही अफसर इस पर काबू पा रहे हैं। - हरियाणा में वैसे तो पिछले पांच दशक से भूजल का स्तर लगातार गिर रहा है। दोहन होने की वजह से भूजल स्तर की स्थिति चिंताजनक हालातों में पहुंच गई र्है। इसके नियंत्रण के लिए राज्य सरकार जल सरंक्षण को लेकर विभिन्न योजनाएं भी चला रही है, लेकिन करोड़ो रुपये बहाने के बावजूद भूजल को धार नहीं दी जा सकी। केंद्र सरकार द्वारा देश में शुरू की गई अटल भूजल योजना को कार्यान्वित करने में प्रदेश में करोड़ो की रकम खर्च कर रही है। हाल ही सरकार ने अटल भूजल योजना में अटल पाइप लाइन स्कीम के तहत 725 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है, जिसमें रेड जोन में शामिल जिलों के फिलहाल 36 ब्लाकों की 12.55 लाख हैक्टेयर भूमि को कवर करने की शुरूआत कर दी गई है। इस योजना के कार्यान्वयन में इन ब्लाकों की 1669 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। इस गिरते भूजल स्तर में सुधार और जल संरक्षण को लेकर अब सरकार प्रदेश के हर ब्लॉक स्तर पर अलग से वाटर प्लान तैयार करने में जुट गई है। ऐसी योजना के इसके तहत वहां पीने के पानी और सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध किया जाएगा। ----------- 13 जिलों के 64 ब्लॉक डार्क जोन में-------- प्रदेश में भूजल स्तर के अत्याधिक दोहन की वजह से सर्वे के आधार पर 13 जिलों के 64 ब्लॉक को डार्क जोन घोषित किया जा चुका है। इन जिलों में अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, हिसार, झज्जर, भिवानी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, सिरसा, सोनीपत, पानीपत और जींद शामिल हैं। इन जिलों के ब्लॉकों में भिवानी के बाढड़ा, बहल, कैरू, लोहारू, तोशाम, फतेहाबाद का टोहाना, कैथल का गुहला, राजौंद, कुरुक्षेत्र के लाडवा, पिहोवा, शाहाबाद, पानीपत के बापौली, समालखा, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, करनाल, असंध, महेंद्रगढ़ में नांगल चौधरी, अटेली, कनीना, रेवाड़ी में खोल, सिरसा में ऐलनाबाद, गुरुग्राम व फरूखनगर, पटौदी, सोहना, यमुनानगर में जगाधरी, मुस्तफाबाद, रादौर, साढौ़रा, पलवल में हसनपुर, हथीन, होडल समेत 64 ब्लॉक डार्क जोन घोषित किए गए हैं। ----------- तेजी से गिर रहा भूजल स्तर---------- जल विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश में बीते 42 साल में भूजल का स्तर 60 फुट नीचे जा पहुंचा है। राज्य में जहां वर्ष 2000 में भूजल औसतन 31 फीट पर था। वहीं अब खासकर गुरुग्राम, फतेहाबाद, फरीदाबाद, कैथल, रेवाड़ी जिले में भूजल स्तर औसतन 88 फीट से नीचे गिर चुका है। यही नहीं इन जिलों के शहरी क्षेत्र में तो हालात और भी बद से बदतर है, जहां भूजल 120 फीट से नीचे दर्ज किया गया है। सूबे का 60 फीसदी इलाका डार्क जोन में शामिल हो गया है। गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ जिलों में ट्यूबवेल का कनेक्शन जारी करने में विशेष सावधानी बरती जा रही है। सबसे बुरा हाल कुरुक्षेत्र, गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ का है। यहां भूजल स्तर 90 फुट के करीब है। -------------- ऐसे गिर रहा है भूजल स्तर--------- प्रदेश के सात जिले ऐसे हैं, जहां जल भराव तथा जलीय लवणता की समस्या है। प्रदेश में लोगों द्वारा अंधाधुंध भूजल का इस्तेमाल के चलते वर्ष 2004 में राज्य के 114 ब्लाक में से 55 ब्लाक यानि 48 फीसदी रेड जोन में आ चुके थे। जिसके हालात इतने बद से बदतर हो गये कि फिलहाल प्रदेश के 141 ब्लाक में से 85 ब्लाक रेड जोन में पहुंच गए, जो कि राज्‍य का 60 प्रतिशत हिस्‍सा है। ---------- धान की खेती पर संकट----- भूजल पर सर्वे रिपोर्ट की माने तो कम होते भूजल की सबसे बड़ी वजह ट्यूबवेल से फसलों की सिंचाई मानी जा रही है। धान की खेती में पानी सबसे ज्यादा लगता है। एक एकड़ धान में करीब 26 बार पानी लगाने की जरूरत पड़ती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक किलोग्राम चावल पैदा करने के लिए करीब 5389 लीटर पानी की खपत होती है। हरियाणा गठन के समय प्रदेश में धान का रकबा 1.92 लाख हेक्टेयर था जो, बढ़कर 14 लाख हेक्टेयर को पार कर गया है। इसे देखते हुए राज्य सरकार मक्का और अरहर की खेती को बढ़ावा दे रही है। हरियाणा तालाब प्राधिकरण की योजना के तहत प्रदेश में करीब 14 हजार तालाबों का पानी इस्तेमाल करने पर बल दे रहा है। ------- ढाकला गांव ने पेश की मिसाल----- प्रदेश में गिरते भूजल से बढ़तेक संकट को देखते हुए झज्जर जिले के गांव ढाकला के किसानों ने इस बार सामूहिक रूप से 3445 एकड़ भूमि में धान की खेती न करने का निर्णय लिया है। दरअसल जिन 36 ब्लॉकों को डार्क जोन घोषित किया गया था, उनमें यह गांव भी शामिल है। इस गांव के किसानों के निर्णय पर मुख्यमंत्री ने राज्य में जल संरक्षण व फसल विविधीकरण के लिए चलाई जा रही ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ के तहत सात हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन दिया जाएगा। -------------------- अटल भूजल योजना से होगा सुधार----- देश में भूजल संसाधनों की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही अटल भूजल योजना के तहत राज्य सरकार ने इन 14 जिलों को कवर करने का निर्णय लिया है। इस योजना में इन जिलों की 1669 ग्राम पंचायतें शामिल किया हैं। इस योजना में सामुदायिक भागीदारी के साथ ऐसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन में सुधार करने का प्रयास है। हरियाणा में योजना के तहत भूजल संसाधनों का हाइड्रोजियोलॉजिकल डाटा नेटवर्क तैयार किया जाएगा। -देवेंद्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग हरियाणा।

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