रविवार, 3 फ़रवरी 2019

रेलवे सुधार की परियोजनाओं में अब आएगी तेजी




अंतरिम बजट में 64587 करोड़ के पूंजीगत सहायकता का प्रस्ताव
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे के कायाकल्प की दिशा में चलाई जा रही परियोजनाओं को पूरा करके रेल प्रचालन अनुपात को वर्ष 2019-20 में मौजूदा 96.2 फीसदी से बेहतर 95 फीसदी करने का लक्ष्य है, जिसके मकसद से अंतरिम बजट में 64587 करोड़ रुपये की पूंजीगत सहायता का प्रस्ताव किया गया है। इसका मकसद रेलवे सुधार के लिए चलाई जा रही परियोजनाओं को तेजी के साथ पूरा करना है।
संसद के बजट सत्र में शुक्रवार को पेश किये गये अंतरिम बजट में वित्त मंत्री के रूप में पीयूष गोयल ने ऐलान किया कि सरकार ने वर्ष 2019-20 में रेलवे के लिए वर्ष 2018-19 में आंबटित 1.48 लाख करोड़ में बढ़ोतरी करके 1.58 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय आवंटन का प्रस्ताव किया है, जिसमें अंतरिम बजट में रेलवे को 64587 करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ के तहत देश में पहली विकसित और विनिर्मित सेमी हाई स्पीड़ वंदेमातरम भारत एक्सप्रेस को इंजीनियरिंग चमत्कार बताते हुए कहा कि पिछले पांच सालों में रेलवे सुधार की दिशा में चलाई जा रही परियोजनाओं की बदौलत भारतीय रेलवे इतिहास में मौजूदा वर्ष सबसे सुरक्षित वर्ष के रूप में दर्ज किया गया है। इसका नतीजा रेलवे की रेल संरक्षा और सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता के साथ परियोजनाओं को अंजाम देना रहा है, जिसमें देश के सभी मानवरहित फाटकों को समाप्त किया जा चुका है और रेलवे ट्रेक के विद्युतीकरण का कार्य जारी है।
रेल प्रचालन अनुपात को 95 फीसदी करने का लक्ष्य
अंतरिम बजट में रेलवे को मिले 64587 करोड़ रुपये के बजट से रेलवे की तकनीकी आधार पर चलाई जा रही परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाया जा सकेगा। रेलवे के लिए आवंटित इस बजट के जरिए जारी रेलवे की परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए संसाधन जुटाने का रास्ता प्रशस्त हुआ है। रेलवे सुधार की योजनाओं के तहत वर्ष 2019-20 में रेलवे परिचालन अनुपात को 95 फीसदी की बेहतर दिशा देने का लक्ष्य है, जो 2017-18 में 98.4 फीसदी था, जिसे मौजूदा वर्ष में सुधार कर 96.2 फीसदी तक लाया गया है।
रेलवे के सुधार पर रहेगा फोकस
रेलवे के लिए अंतरिम बजट में किये गये बजट के ऐलान के दौरान वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे बजट अनुमान के अनुवसार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए रेलवे की कुल आय 2,72,705.68 करोड़ रुपए है, जो वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 2,49,851.01 करोड़ रुपए के संशोधित अनुमान से 22,854.01 करोड़ रुपए अधिक है। रेल बजट के प्रस्तावित आवंटित राशि में से नई लाइनों के निर्माण के लिए 7255 करोड़ रुपए, आमान परिवर्तन के लिए 2200 करोड़ रुपए, दोहरीकरण के लिए 700 करोड़ रुपए, रॉलिंग स्टॉक के लिए 6114.82 करोड़ रुपए और सिग्नल एवं दूरसंचार के लिए 1,750 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा यात्री सुविधाओं के विकास के लिए कुल 3422 करोड़ रुपए का प्रस्ताव इस बजट आवंटन में शामिल है।
पूर्वोत्तर में भी मजबूत होगा परिवहन जैसा बुनियादी ढांचा
पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल, सड़क, हवाई और जल परिवहन जैसे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में अंतरिम बजट में वर्ष 2019-20 क लिए 58,166 करोड़ रुपये का बजट आंवटित करने का प्रस्ताव किया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 21 फीसदी ज्यादा है। वहीं बजट के दौरान देश में विश्व के मुकाबले सबसे तेजी से हो रहे सड़कों के विकास का भी जिक्र किया गया,जिसमें पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर सरकार का फोकस है। इसी प्राथमिकता के तहत असम एवं अरुणाचल प्रदेश में बोगीबील रेल-सह-सड़क पुल शुरू किया जा चुका है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ब्रह्मपुत्र नदी की नौवहन क्षमता बढ़ाकर पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए भी कंटेनर कारगो की आवाजाही की शुरुआत करेगी। देश के तटीय क्षेत्रों से जुड़े प्रमुख कार्यक्रम ‘सागरमाला’ से ऐसे बंदरगाहों का विकास संभव हो पाएगा जहां आयात एवं निर्यात कारगो का त्‍वरित संचालन हो सकेगा। 
02Feb-2019


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