रविवार, 3 फ़रवरी 2019

गणतंत्र दिवस परेड: 11 साल बाद दिखेगी सीआईएसएफ की झांकी

हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
एक दशक से भी ज्यादा अंतराल के बाद इस बार 26 जनवरी को नई दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में अपनी आकांक्षाओं, प्रतिबद्धता और समर्पण का एक प्रतिबिंब के रूप में अपने पेशेवर आचरण के विभिन्न प्रदर्शन के साथ केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानि सीआईएसएफ की झांकी भी नजर आएगी।
गृह मंत्रालय की स्वीकृति के बाद सीआईएसएफ की झांकी को तैयार किया गया है। सीआईएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि 11 साल के अंतराल के बाद ऐसा मौका आएगा जब सीआईएसएपु की झांकी एक बार फिर से गणतंत्र दिवस परेड में बल के बहुआयामी कामकाज का प्रदर्शन करेगी। सीआईएसएफ की झांकी का अगला भाग राष्ट्र के पिता महात्मा की  समाधि के हिस्से को को सुरक्षा कवर करते हुए होगा, जबकि मध्य भाग बल को विभिन्न सरकार को सुरक्षा प्रदान करता है, जो पेट्रोकेमिकल प्लांट, न्यूक्लियर पावर प्लांट जैसे प्रतिष्ठान के रूप में दिखाया गया हे।  इस झांकी में यह भी दिखाया गया कि सीआईएसएफ कर्मी चेकिंग और फ्रिस्किंग कैसे करते हैं, जिसके बाद झांकी के हिस्से में जम्मू-कश्मीर, लाल किला, अंतरिक्ष स्थापना और भारतीय हवाई अड्डों के पहाड़ी इलाकों में किशनगंगा हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को सीआईएसएफ सुरक्षा का नजारा होगा। सीआईएसएफ में भारत के सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के बीच महिला कर्मियों का सबसे बड़ा प्रतिशत है। विभिन्न वर्दी में जीवित तत्व सीआईएसएफ के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हैं। सीआईएसएफ कैनाइन दस्ते को झांकी के साथ-साथ चलने वाले तत्व के रूप में देखा जा सकता है।
अनासक्ति आश्रम की झांकी
नई दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में उत्तराखण्ड राज्य की झांगी के रूप में कौसानी स्थित अनासक्ति आश्रम को दर्शाया गया है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति माटामेला सिरिल रामफोसाइज की विशेष उपस्थिति में आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस की राष्ट्रीय परेड में उत्तराखण्ड राज्य की ओर से कौसानी के ‘अनासक्ति आश्रम’ की झांकी प्रस्तुत की जायेगी। उत्तराखंड के प्रवक्ता ने यहां बताया कि देवभूमि उत्तराखण्ड में कौसानी को ‘भारत का स्विटरजलैण्ड’ बताते हुए महात्मा गांधी ने कौसानी स्थित ’अनासक्ति आश्रम’ को बहुत ही शांतिपूर्ण स्थान बताया, जहां उन्होंने वर्ष 1929 में कौसानी का भ्रमण किया था तथा इसी स्थान पर उन्होंने गीता पर आधारित अपनी प्रसिद्व पुस्तक ’अनासक्ति योग’ की प्रस्तावना लिखी थी। इसीलिए झांकी के अग्रभाग में अनासक्ति योग लिखते हुए महात्मा गांधी जी की बडी आकृति को दिखाया गया है। झांकी के मध्य भाग में कौसानी स्थित अनासक्ति आश्रम तथा आश्रम के दोनों ओर पर्यटक योग व अध्ययन करते हुए नागरिकों व पण्डित गोविन्द बल्लभ पंत को महात्मा गांधी जी से वार्ता करते हुए दिखाया गया है। झांकी के पृष्ठ भाग में देवदार के वृक्ष, स्थानीय नागरिकों व ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं के अलवा साइड पैनल में उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत, जागेश्वर धाम, बद्रीनाथ तथा केदारनाथ मंदिर को दर्शाया गया है।
काशी विद्यापीठ की झांकी
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश की झांकी काशी विद्यापीठ के शिलान्यास पत्थर तथा वाराणसी के स्वच्छ घाटों के माध्यम से राज्य के विकास को प्रदर्शित करती नजर आएगी। इसमें महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘सत्य के प्रयोग’ को भी प्रदर्शित किया गया है। झांकी के अग्रभाग गांधी जी की शिक्षानीति को प्रदर्शित करेगा तो शेष भाग प्राचीनतम नगरी वाराणसी के पारम्परिक घाटों व मंदिरों को प्रदर्शित करता नजर आएगा।
23Jan-2019

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें