
देश
के ट्रांसपोर्टरों को राहत देने की कवायद
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश की
परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटी केंद्र सरकार ने परिवहन क्षेत्र में
जीएसटी की तर्ज पर एक ‘राष्ट्र-एक परमिट-एक कर’ की एकीकृत प्रणाली को लागू करने की
तैयारियां तेज कर दी हैं, ताकि ट्रांसपोर्टरों को राहत देने के लिए बनाई गई
योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा सके।
दरअसल
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देश की परिवहन व्यवस्था में
आमूलचूल परिवर्तन करने की दिशा में कई योजनाओं का खाका तैयार करके इसके लिए
राज्यों के परिवहन मंत्रियों के एक समूह का गठन किया था, जिसमें देश में सुरक्षित
सड़क परिवहन की दिशा में नए मोटर वाहन एवं सड़क सुरक्षा विधेयक के प्रारूप को
अंतिम रूप दिया गया था। इसी मंत्री समूह ने देश में एक राष्ट्र-एक कर प्रणाली के
तहत जीएसटी लागू होने के बाद देश के परिवहन क्षेत्र में भी पिछले साल ‘एक
राष्ट्र-एक परमिट-एक कर’ प्रणाली को लागू करने की योजना बनाई थी। इसी प्रणाली के
बारे में परिवहन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हरिभूमि संवाददता को बताया कि
वर्ष 2019 में नए वित्तीय वर्ष से इस एकीकृत प्रणाली को लागू करने की तैयारी चल
रही है। मंत्रालय के अनुसार इस प्रणाली को लागू करने के लिए मंत्रालय ने देश के
ट्रांसपोर्टरों से भी राय ली है, ताकि उन्हें इसका समुचित लाभ मिल सके। मंत्रालय
में इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है। मसलन केंद्र सरकार परिवहन क्षेत्र में ‘एक
राष्ट्र-एक परमिट-एक कर’ प्रणाली को जल्द ही लागू कर सकती है।
देबराय समिति ने भी की सिफारिश
मंत्रालय
की माने तो देश के परिवहन क्षेत्र खासकर सड़कों पर चलने वाले ट्रकों के मामले में एक
देश-एक परमिट-एक कर जैसी प्रणाली जैसे सुधारात्मक कदम उठाने के लिए पीएम आर्थिक
सलाहकार परिषद के सुझाव पर विवेक देबराय की अध्यक्षता में गठित लॉजिस्टिक्स विकास समिति
ने भी हाल ही में पीएमओ को सौंपी गई अपनी एक रिपोर्ट में परिवहन क्षेत्र के
कारोबारी सुगमता की दिशा में ऐसी प्रणाली को लागू करने की सिफारिश की है। समिति की
रिपोर्ट का हवाला देते हुए मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि ने कहा कि नए मोटर
वाहन कानून में संशोधन कर ‘राष्ट्र-एक परमिट-एक कर’ प्रणाली लागू करने पर बल दिया।
ऐसा ही सुझाव मोटर वाहन विधेयक की जांच करने वाली संसदी समिति भी दे चुकी है,
लेकिन यह विधेयक अभी तक संसद में लंबित है। ऐसे में मंत्रालय मोटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स
कानून के प्रावधानों में भी जरूरी बदलाव करके संशोधित नियमों के जरिए जल्द ही इस
प्रणाली को लागू करने की तैयारी में हैं, ताकि ट्रांसपोर्टरों और ट्रक उद्योग को
प्रोत्साहित किया जा सके।
प्रणाली को ट्रांसपोर्टरों का
भी समर्थन
केंद्र
सरकार की ऐसी एकीकृत प्रणाली को लेकर देश के ट्रांसपोर्टर भी अरसे से मांग करते आ
रहे हैं। इस संबन्ध में आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस(एआईएमटीसी) की कोर कमेटी
के चेयरमैन बल मलकीत सिंह ने बातचीत में कहा कि यदि सरकार इस प्रणली को जल्द ही लागू
करती है तो इसका ट्रांसपोर्ट और ट्रेड दोनों क्षेत्रों में फायदा होगा। हालांकि
इसके लिए पॉलिसी बनाने के बाद ही इस प्रणाली लागू किया जाए तो ज्यादा सकारात्मक
कदम साबित होगा। मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष एसके मित्तल, और कोआर्डिनेट
कमेटी चेयरमैन अमृलाल मदान का कहना है कि सरकार को इस प्रणाली में यह भी ध्यान
देने की जरूरत होगी कि ट्रांसपोर्ट समुदाय पर टैक्स की मार न पड़े, इसके लिए सरकार
को एक सड़क कर प्रणाली में टैक्स कटौती करना होगा, ताकि पहले से ही ज्यादा कर की
मार झेल रहे ट्रांसपोर्टरों को राहत दी जा सके।
19Jan-2019
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