घरेलू
नौकर भी योजना के दायरे में शामिल
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
आगामी
लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा के
दायरे को बढ़ाते हुए अंतिम छोर के श्रमिकों को भी सौगात दी है। मसलन अंतरिम बजट
में सरकार ने 15 हजार रुपये तक की मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए
‘प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना’ शुरू करने का प्रस्ताव रखा है,
जिसका लाभ देश के 10 करोड़ श्रमिक और कामगारों को मिलने का अनुमान लगाया गया है।
लोकसभा
में अंतरिम बजट पेश करने के बाद शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में वित्त
मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि लाभान्वित होंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार का यह
आजाद भारत का ऐतिहासिक फैसला है। उन्होंने तर्क दिया कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद
(जीडीपी) का आधा हिस्सा असंगठित क्षेत्र के उन 42 करोड़ कामगारों के पसीने और कठोर
परिश्रम से आता है, जो रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्शा चालक, निर्माण मजदूर, कूड़ा बीनने
वाले, कृषि कामगार, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा कामगार, चमड़ा कामगार और इसी प्रकार के
अनेक अन्य कार्यों में लगे हुए हैं। इसमें खासबात यह है कि इस योजना का लाभ घरेलू
नौकरों को भी दिया जाएगा।
क्या है पेंशन योजना
सरकार की प्रस्तावित ‘प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन
वृहद पेंशन योजना’ में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को उनकी वृद्धावस्था के दौरान
उन्हें व्यापक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना प्रमुख मकसद है। इस येाजना में असंगठित
क्षेत्र के 18 वर्ष की आयु वाले उन कामगारों को प्रति माह न्यूनतम 55 रुपये जमा
कराने होंगे और उतनी ही राशि उनके खाते में केंद्र सरकार जमा कराएगी। इस पेंशन
योजना से जुड़ने वाले ऐसे श्रमिक अपनी कार्यशील आयु के दौरान एक छोटी सी राशि के मासिक
अंशदान से 60 वर्ष की उम्र से 3000 रुपये की निश्चित मासिक पेंशन पाने के हकदार बन
जाएंगे। इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि 29 वर्ष की उम्र में इस पेंशन योजना से
जुड़ने वाले असंगठित क्षेत्र के कामगार को केवल 100 रुपये प्रति माह का अंशदान 60 वर्ष
की उम्र तक करना होगा। सरकार हर महीने कामगार के पेंशन के खाते में इतनी ही राशि जमा
करेगी। सरकार को उम्मीद है कि अगले पांच वर्ष में असंगठित क्षेत्र के कम से कम 10
करोड़ श्रमिकों और कामगारों को प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना का लाभ मिल
सकेगा। इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है और जरूरत पड़ने पर
अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की जाएगी। इस योजना को वर्तमान वर्ष से ही लागू किया जाएगा। 02Feb-2019
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें