कार्पोरेट
घरानों ने भाजपा में दिखाई ज्यादा दिलचस्पी
देश के
सात राजनीतिक दलों के 20 हजार से अधिक के चंदे में एक साल में 119.49 करोड़ रुपये
की गिरावट है। मसलन वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान इन दलों को इस प्रकार के चंदे
के रूप में 469.89 करोड़ रुपये मिला है। इसमें वर्ष 2016-17 के मुकाबले 95.23
करोड़ की कमी आने के बावजूद अकेले भाजपा को बाकी छह दलों के मुकाबले 12 गुणा चंदा
प्राप्त मिला है।
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।

देश
में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से राजनीतिक दलों द्वारा विभिन्न स्रोतों से 20
हजार से ज्यादा के पार्टी को मिलने वाले चंदे या दान का विवरण केंद्रीय चुनाव आयोग
में देने वाले प्रावधान है। आयोग में देश की सात राष्ट्रीय पार्टियों के खातों में
वर्ष 2017-18 के चंदे की मिलने वाली राशि के ब्यौरे के तहत कुल 469.89 करोड़ की
धनराशि जमा हुई है। पार्टियों के इस दान का विश्लेषण करने वाली एडीआर नामक संस्था
के प्रमुख मेजर जनरल (सेवानिवृत्त)अनिल वर्मा ने खुलसा करते हुए जानकारी दी है कि
वर्ष 2016-17 के दौरान इन दलों को विभिन्न स्रोतों से दान में कुल 532.27 करोड़
रुपये घोषित की गई थी। इसके मुकाबले एक साल में चंदे की राशि में 119.49 करोड़
रुपये यानि 18 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इन दलों को यह चंदा 4201 दानदाताओं
ने दिया है, जिसमें कार्पोरेट घरानो ने भाजपा में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई और 2977
दान से भाजपा को सर्वाधिक 437.04 करोड़ रुपये चंदा मिला। जबकि कांग्रेस को 777 दान
से 26.658 करोड़, सीपीएम को 196 से 2.756 करोड़, राकांपा को 42 से 2.09 करोड़, सीपीआई
को 176 से 1.146 करोड़ तथा तृणमूल कांग्रेस को 33 दानों से केवल 20 लाख रुपये का
चंदा हासिल हो सका है। जबकि बसपा ने पिछले 12 सालों से फिर से यही घोषित किया है
कि उसे 20 हजार से ज्यादा का चंदा नहीं मिला है।
सभी दलों को हुआ घाटा
एडीआर
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016-17 के दौरान कांग्रेस को मिले 41.90 करोड़ के चंदे
के मुकाबले इस साल मिला चंदा 36 फीसदी घटकर यानि 26.658 करोड़ रह गया है। इसी
प्रकार पिछले साल राकांपा को 6.34 करोड़, सीपीएम को 5.26 करोड़, तृणमूल कांग्रेस
को 2.15 करोड़ तथा सीपीआई को 1.44 करोड़ का चंदा मिला था। यानि वर्ष 2017-18 के
दौरान सभी दलों को मिलने वाले चंदे में गिरावट आई है।
किस राज्य से कितना चंदा
देश
के राष्ट्रीय दलों को मिले ताजा चंदे में सर्वाधिक चंदा 208.56 करोड़ रुपये दिल्ली
से प्राप्त हुआ है। जबकि महाराष्ट्र से 71.93 करोड़, गुजरात से 44.02 करोड़,
कर्नाटक से 43.67 करोड़, हरियाणा से 10.59 करोड़ रुपये के अलावा 48.52 करोड़ रुपये
अन्य राज्यों से मिले हैं। जबकि 42.60 करोड़ का चंदा ऐसा है जिसके बारे में किसी
राज्य या संघ शासित प्रदेशों का उल्लेख नहीं किया गया।
कार्पोरेट घरानों का चंदा
भाजपा
को मिले कुल 437.04 करोड़ रुपये के चंदे में 400.23 करोड़ रुपये 1207 कार्पोरेट
घरानों से मिला है, जबकि बाकी 36.71 करोड़ की राशि व्यक्तिगत दानदाताओं द्वारा दी
गई है। इसके मुकाबले कांग्रेस को केवल 53 कार्पोरेट घरानों ने 19.30 करोड़ का चंदा
दिया, जबकि 7.36 करोड़ रुपये व्यक्तिगत चंदे के रूप में प्राप्त हुए।
प्रूडेंट-सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा व कांग्रेस को कुल 164.30 करोड़ का चंदा
दिया है, जिसमें सर्वाधिक 154.30 करोड़ रुपये भाजपा और दस करोड़ कांग्रेस के
हिस्से में आए हैं। इसके अलावा बीजी कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉली ने सर्वाधिक 50 लाख
रुपये का चंदा राकांपा को दिया है। इसी प्रकार सीपीआई को 50 राज्य सचिवों तथा जिला
परिषदों से 53.57 लाख रुपये का चंदा मिला है।
17Jan-2019
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