मंगलवार, 9 सितंबर 2014

मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव:भाजपा ने झोंकी ताकत!

सपा व भाजपा में कांटे की टक्‍कर
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
लोकसभा में ऐतिहासिक प्रदर्शन करने के बाद भाजपा यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट पर हो रहे चुनाव में सपा के वर्चस्व को तोड़ने के लिए पूरी जान फंूके हुए है, जहां भाजपा को बसपा व कांग्रेस का प्रत्याशी न होने का भी फायदा मिलता दिखाई दे रहा है। इस चुनाव में भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य व मुलायम ने अपने बड़े भाई के पौत्र तेज प्रताप यादव के बीच ही सीधी कांटे की टक्कर है।
सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में अपने वर्चस्व को कायम रखने वाले सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने मैनपुरी सीट जीतने के बाद छोड़ दी है, जिसके कारण यहां 13 सितंबर को इस सीट पर उप चुनाव हो रहा है। इस सीट को बचाने के लिए जहां सपा अपने परंपरागत पैंतरे आजमा रही है, वहीं केंद्र में भाजपा की सरकार का लाभ और दूसरे उप चुनावों से तौबाकर अलग हो चुकी बसपा व कांग्रेस की गैरमौजूदगी का लाभ भाजपा के प्रत्याशी प्रेम सिंह शाक्य आंकड़ो के हिसाब से बाजी मारते नजर आ रहे हैं। भाजपा ने अपना दल के साथ लोकसभा के आम चुनाव में यूपी की 80 में से 73 सीटें कब्जाई थी, मुलायम ने अपने पास आजमगढ़ सीट रखी है, इसलिए भाजपा के राजनीतिक समीकरण का दांव सीधे करवट बैठा तो यूपी में भाजपा गठबंधन के साथ 74 सीटें हो सकती है। इस सीट के लिए चुनाव प्रचार अंतिम चरम पर है जहां भाजपा कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेता जीजान से मोदी सरकार की सौ दिन की उपलब्धियों का प्रचार करके सपा के वोटबैंक में सेंध लगाने में जुटे हुए हैं।अभी तक इस सीट पर मुलायम परिवार का वर्चस्व रहा है जिसे तोड़ने के लिए भाजपा ने हर हालत में उपचुनाव में मैनपुरी संसदीय सीट पर जीत दर्ज करने के लिए प्रतिष्ठा को दांव पर लगा दिया है। हालांकि भाजपा व बसपा या अन्य किसी दल के लिए इस सीट पर ढाई दशक से जारी मुलायम सिंह के सियासी तिलिस्म को तोड़ नहीं सकी हैं, लेकिन उप चुनाव में भाजपा की उम्मीदें बरकरार हैं। अब देखना है कि इस उप चुनाव में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के परिवार की राजनीतिक साख नतीजे आने पर किस करवट बैठती हैं।मैनपुरी सीट के उपचुनाव में भाजपा की ओर से प्रचार की कमान वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र, गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी के हाथों में है। तो सपा के तेज प्रताप को जिताने के लिए सपा के दिग्गज शिवपाल यादव लगातार मैनपुरी में डटे हुए हैं और मुलायम सिंह यादव भी 6 और 7 सितंबर को चुनावी रणनीति का बिगुल बजाकर चुनाव पर नजर रखे हुए हैं। भाजपा को उम्मीद है कि नरेंद्र मोदी की साख के सहारे वह मुलायम के गढ़ में सेंध लगाने में कामयाब रहेगी।
मैनपुरी लोकसभा सीट पर कुल 16 लाख 47 हजार मतदाता हैं। जातिगत आंकड़ों में सबसे ज्यादा मतदाता 4 लाख 40 हजार के करीब यादव हैं। दूसरे नंबर पर 2 लाख 60 हजार के करीब शाक्य वोटर हैं, जबकि 1 लाख 97 हजार के करीब ठाकुर, 1 लाख 60 हजार के आसपास ब्राह्मण, 1 लाख लोधे और 60 हजार के करीब मुस्लिम मतदाता हैं, इसी तरह 2 लाख 70 हजार के आसपास दलित मतदाता भी राजनीतिक दलों की सूची में है। भाजपा नेताओं का दावा है कि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के साथ मात्र पांच लाख मत हैं, जबकि उनके साथ अन्य सभी जातियां हैं। उनके दावे से हट कर मौके की स्थिति की बात करें, तो पिछले चुनाव में मुलायम सिंह यादव के साथ अधिकाँश ठाकुर मतदाता थे एवं ब्राह्मण भी रहे, लेकिन इस चुनाव में ठाकुर व ब्राह्मण पूरी तरह भाजपा के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
09Sep-2014

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