सोमवार, 22 सितंबर 2014

स्मारक के बहाने वजूद बनाने की जुगत में रालोद!



23 सितंबर को रालोद व भाकियू  कोर कमेटी की बैठक
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।  
राष्ट्रीय लोकदल के सामने लोकसभा चुनाव में खोये हुए जनाधार को वापस हासिल करने की चुनौती है, जिसके लिए शायद अब रालोद ने 12 तुगलक रोड के सरकारी बंगले को चौधरी चरण सिंह स्मारक बनवाने की मांग के बहाने किसानों की सहानुभूति की रणनीति अपनाई है। इसके लिए 23 सितंबर को इसी बंगले पर रालोद व भाकियू की होने वाली कोर कमेटी की बैठक में रणनीति तय की जाएगी।
भाकियू के सूत्रों ने बताया कि 12 तुगलक रोड पर कोर कमेटी की बैठक में इस बंगले को स्व. चौधरी चरण सिंह स्मारक बनवाने की मांग को लेकर आंदोलन की अगली रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। लोकसभा चुनाव में अपना वजूद खो चुके रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह ने सरकार के इस बंगले को कोई स्मारक न बनाने के ऐलान के बाद ही चुप्पी तोड़ी थी। उससे पहले बंगला खाली कराने के लिए काटी गई बिजली व पानी आपूर्ति के विरोध में रालोद समर्थक और भाकियू समर्थक किसान ही आंदोलन करते नजर आए। माना जा रहा है कि रालोद का मकसद अब यूपी के 2017 में होने वाले विधानसभा के लिए पार्टी के वजूद को बचाने का लक्ष्य है। राजनीति के जानकार भी मान रहे हैं कि चौधरी चरण सिंह के स्मारक के बहाने रालोद समर्थकों की अजित सिंह को सहानुभूति मिलने से पार्टी में कुछ जान आने की संभावना है। 12 तुगलक रोड के सरकारी बंगले को चौधरी चरण सिंह स्मारक की मांग को हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का समर्थन भी चौधरी अजित सिंह के लिए राज्यसभा तक जाने का रास्ता तय कर सकता है। हालांकि हुड्डा की स्मारक की मांग को केंद्र सरकार पहले ही खारिज कर सकती है, लेकिन स्मारक के बहाने रालोद सुर्खियों में रहेगा, तो उसके लिए यूपी की सत्तारूढ़ पार्टी सपा का भी रालोद को साथ मिल रहा है तो जदयू ने भी इस बंगले को चौधरी चरण सिंह का स्मारक बनाने की वकालत की है। इसके अलावा राजनीतिक दलों में जाट नेता भी स्मारक के समर्थक हैं, लेकिन भाजपा में शामिल जाट नेता इस मुद्दे पर खामोश ही रहना बेहतर समझ रहे हैं और वे खुलकर इस मामले में सामने आने को कहीं तक भी राजी नहीं हैं।
सरकार पर दबाव बरकरार
12 तुगलक रोड जहां पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह ने अंतिम सांस ली थी और तभी से यह बंगला उसके परिवार के पास ही रहा है। अब जब लोकसभा चुनाव में रालोद जनमत हासिल नहीं कर सका तो इस सरकारी बंगले को खाली करने का फरमान तो आना तय था। ऐसे में इस बंगले को चौधरी चरण सिंह स्मारक बनाने की मांग जाग उठी और सरकार की मनाई के बाद रालोद व भाकियू समर्थक लगातार दबाव बनाने में लगे हुए हैं। इस मुद्दे को जीवित रखकर रालोद व भाकियू समर्थक हरियाणा में हो रहे विधानसभा चुनाव में जाट वोटों को साधकर भाजपा की घेराबंदी करने का प्रयास कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो हुड्डा का केंद्र सरकार को स्मारक बनाने के लिए भेजा गया पत्र के पीछे भी यही राजनीति रही, ताकि जाट वोट के लिए अजित सिंह उनके चुनाव में योगदान दें सकें।
22Sep-2014

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