शनिवार, 20 सितंबर 2014

12 तुगलक रोड़ के बंगले पर गरमाई सियासत!


चरण सिंह स्मारक पर सरकार और रालोद में रार
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह से सरकार बंगला खाली कराने के विरोध और इस 12 तुगलक रोड के सरकारी बंगले को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह का स्मारक बनाने के मुद्दे पर सियासत इतनी गरमा गई है कि केंद्र सरकार और रालोद आमने सामने है। केंद्र सरकार ने इस बंगले को स्मारक घोषित करने से साफ इंकार करने के बाद स्वयं अजित सिंह ने भी चुप्पी तोड़ी तो सरकार ने भी पलटवार करने में नियमों का तर्क देते हुए अजित सिंह और उनकी हिमायत कर रही कांग्रेस को नसीहत देने में कोई परहेज नहीं किया।
केंद्र सरकार के इस बंगले को स्मारक न बनाने के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद शुक्रवार को स्वयं रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ी और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए अजित सिंह ने इस बंगले को अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह के स्मारक में बदलने से इंकार करने पर मोदी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा लाल बहादुर शास्त्री, बाबू जगजीवन राम और कांशी राम के नाम पर भी एक स्मारक बने हैं तो यह क्यों नहीं बन सकता। इस पर केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि वह नियमों के मुताबिक किसी सरकारी बंगले को स्मारक में तब्दील नहीं कर सकती, क्योंकि केन्द्रीय मंत्रिमंडल वर्ष 2000 में मंत्रियों के सरकारी बंगले को दिवंगत नेताओं के नाम पर स्मारक में बदलने पर रोक लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुका है। गौरतलब है कि सांसद होने के नाते चौधरी अजित सिंह को आबंटित 12 तुगलक रोड का सरकारी आवास जब सीपीडब्ल्यूडी के कई नोटिस के बावजूद बंगला खाली नहीं हुआ तो पिछले सप्ताह इस बंगले की बिजली व पानी आपूर्ति काट दी गई और तब कहीं जाकर अजित सिंह ने बंगला खाली करने की शुरूआत की, हालांकि अभी इस बंगले पर उनका निजी कार्यालय और टेलीफोन सेवा काम कर रही है। बिजली पानी काटे जाने के विरोध में रालोद और भाकियू समर्थकों ने 12 तुगलक रोड को स्व. चौधरी चरण सिंह का स्मारक घोषित करने की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया। किसानों ने मुरादनगर नहर से कुछ घंटे तक दिल्ली की गंगा जल की आपूर्ति का रास्ता भी रोका और केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया। इसके बाद केंद्र सरकार का स्पष्टीकरण आने के बाद राजनीति गरमाने लगी। सूत्रों के अनुसार इस बंगले को खेल और युवा कल्याण मंत्री सवार्नंद सोनेवाल को आवंटित किया गया है। जबकि अजित सिंह अपने दिल्ली के वसंत विहार स्थित अपने निजी आवास में जाने की तैयारी में हैं।
स्वयं अजित जिम्मेदार
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने इस बंगले को चौधरी अजित सिंह को ही जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अभी तक वह केंद्र की सरकार में थे, तो उन्होंने कैबिनेट के इस प्रस्ताव को निरस्त कराने के लिए प्रस्ताव क्यों पेश नहीं किया। लगे हाथ ही नायडू ने हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के इस बंगले को चौधरी चरण सिंह स्मारक घोषित करने के लिए आए पत्र पर भी कांग्रेस पर वार किया। नायडू ने रालोद पर प्रहार करते हुए कहा यदि इन लोगों को चरण सिंह के नाम पर स्मारक के लिए इतनी ही फिक्र है तो उनके निधन के बाद पिछले 37 साल में उन्हें किसने रोका? सरकार पर आरोप लगाना अनुचित है और वह आशा करते हैं कि लोग हकीकत समझते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 14 साल पहले तय किया था कि कोई भी सरकारी बंगला स्मारक में नहीं बदला जाएगा। हम तो महज तीन महीने से सरकार में हैं। अजीत सिंह पिछली सरकार में महत्वपूर्ण मंत्री थे। पिछले दस साल से कांग्रेस केंद्र की सत्ता में थी तो हुड्डा या केंद्र में कांग्रेस की सरकार इस बंगले को स्मारक में क्यों बदलने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने रालोद प्रमुख या अन्य विपक्षी दलों के उन आरोपों को एक सिरे से खारिज कर दिया कि सरकार अजित सिंह से सरकारी आवास खाली करवाने में बदले की राजनीति कर रही है। गौरतलब है कि यह बंगला केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री भावना जैसा कुछ नहीं है। सरकार ने साफ कर दिया है कि वह किसी आंदोलन या अन्य दबाव में आकर नियमों को नहीं तोड़ेगी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
राकांपा नेता नवाब मलिक ने भी चौधरी चरण सिंह का स्मारक बनाने की वकालत की है। मलिक ने कहा कि चौधरी चरण सिंह देश के पीएम और किसानों के बड़े नेता रहे हैं इसलिए उनके स्मारक की मांग को लेकर सरकार को मान जाना चाहिए। समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि 12 तुगलक रोड का बंगला चौधरी साहब का स्मारक बनना चाहिए। हालांकि अग्रवाल ने पानी काटने, हुड़दंग व हंगामे के तरीके को गलत करार दिया। दूसरी ओर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह और रालोद के कार्यकर्ता जो दिल्ली की वाटर सप्लाई रोकने की बात कर रहें हैं यह गलत है। अजित सिंह राजनीति खेलने का प्रयास कर रहें हैं, ऐसा उन्होंने पहले सत्ता में रहते हुए क्यों नहीं किया।
20Sep-2014

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