मंगलवार, 2 सितंबर 2014

शराबी चालकों पर शिकंजा कसेगा नया कानून!


सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने को गंभीर सरकार
नए मोटर वाहन अधिनियम का मसौदा तैयार: गडकरी
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
दुनियाभर के देशों के मुकाबले भारत की सड़कों पर हो रही दुघर्टनाओं में मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिन्हें रोकने के लिए मोदी सरकार गंभीर है और वह पुराने मोटर वाहन अधिनियम के स्थान पर नए कानून बनाने की तैयारी कर चुकी है, जिसमें शराब पीने वाले वाहन चालकों की शामत आना तय है। सरकार नए मोटर वाहन अधिनियम के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लाने की तैयारियों को अंजाम दे चुकी है।
केंद्र की राजग सरकार ने इस आंकड़े पर चिंता जताई है जिसमें हर साल सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं और उसकी वजह से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 1.38 लाख लोगों की मौत हो जाती है,जिसकी कुल सामाजिक लागत लगभग एक लाख करोड़ रुपये बैठती है। यही नही, सड़क दुर्घटनाओं के चलते होने वाली 63 फीसदी मौतें राष्ट्रीय और राजमार्गों पर होती हैं। मंत्रालय के अनुसार पुराने कानून में कारगर सड़क इंजीनियरिंग के अभाव में दोषपूर्ण डीपीआर तैयार की गईं, जिसके कारण सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि सड़क सुरक्षा के अलावा शहरी क्षेत्रों में जिस सबसे बड़ी समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है, वह है वाहनों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी। इस वजह से जहां एक ओर सड़कों पर अक्सर जाम लग जाता है, वहीं दूसरी ओर सड़क यातायात के नियमों के उल्लंघन के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसलिए सरकार अपनी प्रासंगिकता खोते जा रहे मौजूदा मोटर वाहन अधिनियम 1988 के स्थान पर नया मोटर वाहन अधिनियम लाने की तैयारी कर रही है। इस अधिनियम में शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर शिकंजा कसना जरूरी माना गया है जिनके कारण दुर्घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि सरकार राजमार्गो पर बनी शराब की दुकानों को भी प्रतिबंधित करने पर विचार कर रही है।
शीतकालीन सत्र में आएगा बिल

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को यहां सड़क यातायात प्रबंधन की क्षमता बढ़ाने की दिशा में सड़क यातायात शिक्षा संस्थान द्वारा ‘सड़क सुरक्षा’ विषय पर आयोजित एक कार्यशाला में कहा कि सरकार शीतकालीन सत्र में एक नया सड़क यातायात अधिनियम पेश करेगी,जो पुराने कानून का स्थान लेगा। गडकरी ने कहा कि नया मोटर वाहन अधिनियम सड़क क्षेत्र से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय अधिनियमों के समतुल्य होगा। इसके लिए तैयार किये जा रहे मसौदा पहले ही अंतिम चरण में पहुंच चुका है, जिसमें अमेरिका, कनाडा, सिंगापुर, जापान, जर्मनी और ब्रिटेन सरीखे विकसित देशों में अपनाए जा रहे सर्वोत्तम तरीकों की खास बिंदुओं को शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नए कानून में पूर्ण पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने पर बल होगा और देशभर में सड़क दुर्घटनाओं पर सर्वोच्च स्तर पर जवाबदेही तय हो सकेगी। वहीं लोगों को सहज, सुगम सेवाएं प्रदान करने तथा समग्र पारदर्शिता लाने के लिए परिवहन विभाग को ई-गवर्नेंस से जोड़ा जाएगा।
नए कानून के खास प्रावधान

नए मोटर वाहन अधिनियम के मसौदे में देशभर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों यानि आरटीओ में भ्रष्टाचार जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करके नई व्यवस्था के तंत्र को गठित करने पर भी जोर दिया गया है। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार नए कानून में आनलाईन परमिट जारी करने को मान्यता तथा कैमरे में रिकार्डिंग के आधार पर कार्यवाही करने का प्रावधान किया जा रहा है। मसलन यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर अर्थदंड लगाने की व्यवस्था से भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी प्रणाली सामने आएगी, जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस का पूरा रिकार्ड होगा। इस कानून के जरिए यातायात नियंत्रण, प्रदूषण नियंत्रण करने की कवायद के साथ चालकों के खिलाफ किसी तरह का अपराध होने पर उसका लाइसेंस निरस्त करने के प्रावधान पर भी बल दिया गया है। यही नहीं महिला सुरक्षा के मद्देनजर पब्लिक वाहनों में महिला यात्रियों से बढ़ती छेड़छाड़ और अपराध को रोकने के लिए कड़ा प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके लिए यदि पब्लिक वाहन का ड्राइवर अपराध में लिप्त मिलता है या आपराधिक इतिहास रखता है तो सीधे वाहन परमिट निरस्त कर दिया जाएगा और परिवहन विभाग के इस प्रस्ताव में वाहन मालिक पर भी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा।
02Sep-2014

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