बुधवार, 24 सितंबर 2014

चौ.चरण सिंह स्मारक बनाने की मांग पर बवाल!

पंचायत करने सैकड़ो किसान गिरफ्तार

लुटियंस जोन में निषेधाज्ञा लागू, 12 तुगलक रोड छावनी में तब्दील

ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
लुटियंस जोन में 12 तुगलक रोड के सरकारी बंगले का चौधरी चरण सिंह स्मारक घोषित करने मांग को लेकर रालोद समर्थकों का केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बंगले को स्मारक बनाने की मांग को लेकर मंगलवार को होने वाली पंचायत में पहुंचते ही किसानों और पुलिस में जमकर बवाल हुआ। पंचायत पर रोक के बावजूद 12 तुगलक रोड के बंगले में घुसने के प्रयास में भाकियू नेता राकेश टिकैत समेत सैकड़ो रालोद समर्थक और किसानों ने गिरफ्तार कर लिया।
रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह के लोकसभा चुनाव हार जाने के बाद सरकार ने अन्य पूर्व सांसदों के साथ उन्हें भी 12 तुगलक रोड के सरकारी आवास को खाली कराने के लिए कई नोटिस जारी किये थे, लेकिन वह बंगले को खाली करने में आनाकानी करते रहे तो एनडीएमसी व सीपीडब्ल्यूडी ने इस बंगले की बिजली व पानी आपूर्ति को काट दिया। सरकार की ओर से इस कार्यवाही से रालोद और भाकियू समर्थकों का गुस्सा तेज हुआ, तो वहीं इस बंगले को चौधरी चरण सिंह स्मारक बनवाने की मांग ने ज्यादा जोर पकड़ा। बिजली व पानी कटने के बाद अजित सिंह ने बंगले को खाली कराने की शुरूआत तो की लेकिन अभी पूरी तरह खाली नहीं किया। सरकार और रालोद-भाकियू के बीच तकरार इसलिए तूल पकड़ने लगा कि सरकार ने इस बंगले को स्मारक घोषित करने से नियमों का तर्क देते हुए साफ इंकार कर दिया। इसी मांग को लेकर इस बंगले पर मंगलवार को रालोद-भाकियू की एक पंचायत बुलाई गई थी, जिसमें आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए संघर्ष समिति का गठन भी किया जाना था। इस पंचायत के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने पूरे लुटियंस जोन में धारा 144 लागू करके मंगलवार को प्रस्तावित पंचायत को भी अवैध करार घोषित कर दिया। तय कार्यक्रम के मुताबिक मंगलवार को यूपी व अन्य आसपास के राज्यों से सैकड़ो रालोद व भाकियू समर्थकों को सुबह ही 12 तुगलक रोड की तरफ आना शुरू हो गया था, लेकिन पुलिस ने पहले ही तुगलक रोड, औरंगजेब रोड, राजेश पायलट रोड और आईएनए, तीन मूर्ति जैसे मार्गो पर बेरेकेटिंग लगाकर कड़ी सुरक्षा के इंतजाम कर रखे थे, ताकि किसानों को 12 तुगलक रोड के बंगले पर जाने से रोका जा सके। इस दिशा में रेसकोर्स मैट्रो स्टेशन को भी बंद कर दिया गया था।
ऐसे हुआ बवाल
12 तुगलक रोड के सरकारी बंगले रालोद प्रमुख अजित सिंह और भाकियू द्वारा बुलाई गई पंचायत में जैसे ही सुबह किसानों के जत्थे आना शुरू हुए तो पूरी तरह से पुलिस सुरक्षा में बेरेकेटिड तुगलक रोड़ पर उन्हें रोका गया। बहुत से समर्थक तो किसी तरह चकमा देकर बंगले तक पहुंच भी गये थे, लेकिन 12 तुगलक रोड पूरी तरह से पुलिस छावनी में तब्दील किया जा चुका था। लुटियंस जोन में बढाई गई सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहले ही आने वाले समर्थकों को निषेधाज्ञा लागू होने की जानकारी देकर वापस जाने को कहा गया, लेकिन तुगलक रोड के दोनों ओर से बेरेकैटिंग लांघने के लिए रालोद समर्थकों ने हंगामा करके बवाल काटा। चौधरी चरण सिंह के स्मारक बनाने की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए 12 तुगलक रोड की तरफ बढ़ने के प्रयास में पुलिस ने सौ से भी ज्यादा रालोद व भाकियू नेताओं समेत किसानों को गिरμतार कर लिया और उन्हें बसों में बैठाकर संसद मार्ग, तिलक मार्ग व तुगलक रोड पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां उन्हें शाम के समय रिहा किया गया। गिरफ्तार समर्थकों में भाकियू नेता राकेश टिकैत, चन्द्रपाल फौजी,रालोद नेता तरसपाल मलिक, त्रिलोक त्यागी व राजकुमार सांगवान आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।
अब मेरठ में 12 को होगी महापंचायत
चौधरी चरण सिंह विचार मंच और भाकियू के गिरμतार नेताओं ने संसद मार्ग थाने में ही बैठक करके निर्णय लिया है कि 12 तुगलक रोड को चौधरी चरण सिंह स्मारक बनवाने की मांग के लिए आंदोलन को तेज किया जाएगा। इस आंदोलन की रणनीति के लिए 12 अकटूबर को मेरठ में महापंचायत करने का निर्णय भी लिया गया। हरिभूमि को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यह जानकारी देते बताया कि अब मेरठ में प्रस्तावित महापंचायत में जनप्रतिनिधियों को भी बुलाया जाएगा और इस सरकारी बंगले को चौधरी चरण सिंह स्मारक बनवाने के लिए समर्थक आंदोलन करके सरकार से आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं।
केंद्र सरकार पर निशाना 
रालोद प्रमुख अजीत सिंह का कहना है कि चौधरी चरण सिंह 12 तुगलक रोड के बंगले पर करीब 35 वर्षो तक रहे और यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली थी,जिसके बाद यह बंगला मेरे नाम से आवंटित है। इस बंगले से देश के किसानों की भावनाएं जुडी हुई हैं। तो जनता की मांग है कि इस आवास को उनके स्मृति स्थल में तबदील कर दिया जाना चाहिए, इसमें सरकार को निर्णय लेने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अजित सिंह ने चौधरी चरण सिंह के अनुयायियों की इस मांग के लिए होने वाली पंचायत के मद्देनजर लुटियन जोन के कई मार्गो को बंद कर बंगले को छावनी बनाने के लिए भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। वहीं रालोद महासचिव त्रिलोक त्यागी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए बताया कि किसान शांति में रणनीति बनाने आए थें, मगर दिल्ली पुलिस ने केन्द्र सरकार के दबाव में आकर यह कार्यवाही की और किसानों को पंचायत नही करने दी। उन्होंने कहा कि कि जब दिल्ली में वर्ष 2000 के बाद जगजीवन राम स्मारक व कांशीराम स्मारक के अलावा अन्य नेताओं के नाम के स्मारक बन सकते हैं तो किसानों के मसीहा रहे चौधरी चरण सिंह का स्मारक व संग्राहलय क्यों नहीं बनाया जा सकता।
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12 तुगलक रोड को स्मारक बनाने की मांग को एक सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि वर्ष 2000 में कैबिनेट के फैसले से सरकार अलग नहीं जा सकती। यदि चौधरी अजित सिंह को इस बंगले को स्मारक बनवाने की इतनी ही चिंता थी, तो वे इससे पहले की केंद्र सरकार में मंत्री रहते हुए चौधरी चरण सिंह स्मारक क्यों नहीं बनवा पाय। नायडू ने यहां तक कटाक्ष किया कि स्मारक तो दूर की बात है वह उनके नाम से किसी मार्ग का नामकरण तक नहीं करवा सके। अब इस मांग का औचित्य क्या है जिसमें वे केंद्र सरकार के सिर ठींकरा फोडने का प्रयास कर रहे हैं।-- एम. वेंकैया नायडू (केंद्रीय शहरी विकास मंत्री)
24Sep-2014

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