मंगलवार, 2 सितंबर 2014

शतक: चुनौती से निपटने में सक्षम मोदी सरकार!

दिखने लगा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव: जेटली
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में तीन माह पूरे कर चुकी भाजपानीत राजग सरकार कार्यकाल के दिनों का शतक पूरा करने की ओर है। राजग सरकार के अभी तक के कार्यकाल पर केंद्र सरकार ने दावा किया है कि केंद्र की मोदी सरकार ने देश की जनता से जो वायदे पूरे किये हैं उन्हें पूरा करने के लिए हर प्रकार की चुनौती से निपटने के लिए सक्षम है। वहीं आर्थिक मामलों के जानकारों ने भी देश को आर्थिक मजबूती देने वाले मोदी सरकार के फैसलों को मिल का पत्थर बताने में कोई कोताही नहीं बरती। इसका नतीजा देश के सामने है जब विकास दर में वृद्धि सामने आई है।
मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से देश को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जिनसे उम्मीदें जगी हैं। शनिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार के सौ दिन का लेखा-जोखा सामने रखा और कहा कि जब भाजपा ने सत्ता संभाली, तो देश के समक्ष निर्णय लेने में धीमापन तथा निवेशकों का विश्वास खो जाने जैसी चुनौतियां सामने खड़ी थी, लेकिन धीरे-धीरे बढ़े विश्वास ने इन्हें कम किया और सरकार के कामकाज में सकारात्मक नजीजे नजर आने लगे। हालांकि मुद्रास्फीति को काबू में करना, वृद्धि एवं निवेश को फिर से पटरी पर लाना तथा राजकोषीय घाटे को स्वीकार्य स्तर पर रखना सरकार की प्राथमिकता है। अभी तक की सरकार की उपलब्धियों पर जेटली ने कहा कि 100 दिनों में जो निर्णय लिए गए, उनका दीर्घकालीक प्रभाव धीरे-धीरे महसूस हो रहा है और 30 साल बाद एक पार्टी की सरकार बनने से फैसले लेने से हरेक चुनौती से पार पाना भी आसान होगा। यही कारण है कि देश की अर्थव्यवस्था के प्रति निवेशकों का भरोसा तेजी के साथ बढ़ा है और 5.7 फीसदी की विकास दर सरकार के एजेंडे का हौसला बढ़ाने से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार कारोबार को आसान बनाने कदम उठाने के साथ ज्यादातर क्षेत्रों में सामाजिक क्षेत्र के व्यय को बरकरार रखते हुए निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी लाने की पक्षधर है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति में नरमी आने के बाद विनिर्माण क्षेत्र में भी स्थिति बदल रही है। जेटली ने कहा कि देश के पास खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार है और सामान्य तौर पर एक समय होता है, जब कुछ फल एवं सब्जियों के दाम चढ़ जाते हैं, लेकिन माली हालत सुधरने के साथ महंगाई भी धीरे-धीरे कम हो रही है। देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तक करीब सवा दो करोड़ बैंक अकाउंट खुलना भी एक अच्छा संकेत है।
मेक इन इंडिया-मेड इन इंडिया
आर्थिक मामलों के जानकारों की की राय में विदेशी निवेशक जो देश में पैसा लगाने से परहेज कर रहे थे, वो अचानक खरीदारी पर उतर आए हैं और इससाल उनकी शुद्ध लिवाली 26 अरब डॉलर तक पहुंच गई। भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष अजय श्रीराम का कहना है कि नई सरकार ने विकास और सुधार के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई है, जिससे निवेश का माहौल बेहतर हुआ है। उद्योग जगत ने भी मोदी की काम करने वाले की छवि का लोहा माना है। हालांकि विशेषज्ञ के मुताबिक देश को नियंत्रण वाली अर्थव्यवस्था से विकासोन्मुख अर्थव्यवस्था की तरफ ले जाने के लिए अभी सरकार को बहुत कुछ करना बाकी है। फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर्स आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री यानि के अध्यक्ष सिद्धार्थ बिड़ला ने भी मोदी सरकार के कामकाज को सराहते हुए यह विश्वास जताया है कि 'मेक इन इंडिया' और 'मेड इन इंडिया' के सपने को पूरा करने के लिए जरूरी नीतियों और उपायों को लागू करने के लिए मोदी सरकार गंभीर नजर आ रही है, तभी विनिर्माण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। यही नहीं स्वच्छ भारत कार्यक्रम, कौशल विकास मिशन और वित्तीय समावेशीकरण योजनाओं से न सिर्फ सामाजिक सुरक्षा के साथ ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूत बनाने की दिशा में काम को गति मिली है।
अभी बाकी हैं चुनौतियां
जेटली ने कहा कि कुछ जटिल मुद्दों पर आने वाली चुनौती को सरकार सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठकर हल करेगी, जिसमें जमीन अधिग्रहण विधेयक में कुछ और लचीलापन लाने की योजना है। बीमा में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने से जनता को होने वाले लाभ, किसानों और गरीबों के हित में डब्ल्यूटीओ में उठाए गए कड़े कदम और डिजिटल इंडिया संबंधी फैसले इस रणनीति के केंद्र में रहेंगे। सूत्रों की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन फैसलों के बारे में जनता के बीच गए संदेश से संतुष्ट नहीं हैं। इसलिए सरकार चाहती है कि इन फैसलों के मकसद से जनता को कैसे लाभ मिले इस संदेश की जानकारी देना जरूरी है, जिसका प्रयास संगठन की स्थानीय ईकाइयों के जरिए सरकार कर रही है। वहीं सौ दिन पूरे होते ही हरेक मंत्रालय प्रधानमंत्री कार्यालय को अपनी प्रगति रिपोर्ट भी सौंपेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय इन्हीं प्रस्तुतियों के बाद सरकार के सौ दिन का रिपोर्ट कार्ड तैयार करेगी। इसका कारण है कि पूरे देश की नजर प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के विकास के कार्यों पर है और देश की जनता जानना चाहेगी कि राजग सरकार ने 100 दिन में कौन-कौन से विकास के काम किए हैं।
देश करेगा मूल्यांकन
केंद्र की राजग सरकार के 100 दिन पूरे होने जाएंगे। इस पर रेल मंत्री डीवी सदानंद गौडा ने कहा कि उनकी सरकार के कामकाज का मूल्यांकन देश की जनता ही कर सकती है, जिसने अपेक्षाओं के साथ उन्हें केंद्र की सत्ता सौंपी है। उन्होंने कहा कि सौ दिन के कामकाज की रिपोर्ट जनता के सामने रखेगी तो उसका मूल्यांकन जनता खुद करके सरकार की दिशा तय करेगी।
31Aug-2014

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