बुधवार, 27 अगस्त 2014

योजना आयोग के बदले शक्तिशाली होगी नई संस्था!



मैराथन बैठक में विशेषज्ञों ने किया गहन मंथन
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी सरकार योजना आयोग को खत्म करके उसके स्थान पर एक ऐसी नई संस्था बनाने की कवायद में है, जो अधिकारों के साथ शक्तिशाली हो। ऐसे दृष्टिकोण के साथ विशेषज्ञों ने भी सरकार के सुर में सुर मिलाते हुए योजना आयोग को खत्म करने के फैसले और नई संस्था के गठन पर सहमति जताई है।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले के प्राचीर से योजना आयोग को खत्म करने का ऐलान कर चुके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उसके स्थान पर नए तंत्र को जल्द से जल्द स्थापित करना चाहते हैं। इसके लिए सरकार ने विशेषज्ञों के अलावा आम लोगों से भी राय मांगी थी। इस संबन्ध में विशेषज्ञों की मंगलवार को मैराथन बैठकों के दौर में मंथन हुआ। इसके लिए हुए दो समूह की अलग-अलग बैठकें हुई, जिसमें एक बैठक की अध्यक्षता पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा और दूसरी बैठक की अध्यक्षता र्थशास्त्री प्रणब सेन ने की। इन बैठकों में योजना आयोग के पूर्व सदस्यों, पूर्व मंत्रियों और विशेषज्ञों ने नई संस्था के गठन के लिए खाका तैयार करने पर गहन चर्चा की। सूत्रों की माने तो बैठक में विशेषज्ञों के सुझावों को एकत्र किया गया, जिसमें नई संस्था को स्वायत्तता कैसे मिले और राज्यों को योजना राशि के आबंटन जैसी परंपराएं भी बनी रहे जैसे मुद्दों पर महत्वपूर्ण सुझाव बैठक के दौरान आए। वहीं सूत्रों के अनुसार बैठक में अर्थशास्त्रियों ने योजना आयोग के स्थान पर बनने वाली नई संस्था के पास कुछ संवैधानिक शक्ति होने की वकालत की, तो कुछ ने पंचवर्षीय योजना को भी खत्म करने का सुझाव दिया, बल्कि राज्यों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वित्त मंत्रालय और अन्य संबन्धित मंत्रालयों की क्षमता बढ़ाने पर भी सुझाव आए। सूत्रों के अनुसार योजना आयोग के स्थान पर नई संस्था के प्रति विशेषज्ञों ने अपनी सहमति प्रकट करते हुए अत्यंत महत्वपूर्ण सुझाव रखें हैं। विशेषज्ञों की बैठक में अर्थशास्त्री राजीव कुमार, रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर विमल जालान, पूर्व वित्त सचिव विजय केलकर, योजना आयोग के पूर्व सदस्य सौमित्र चौधरी के अलावा शंकर अचार्या, प्रताप भानु मेहता, डा. शेखर शाह, डा. सुरजीत भल्ला, टीसीए श्रीनिवासा राघवन, सुमित बोस,रजत कथुरिया, एमजे अकबर, एनके सिंह, टीएन नैनन, विजय केलकर, वाईके अलघ और नितिन देसाई जैसी विशेषज्ञ हस्तियां शामिल हुई। बैठक में विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई कि नई संस्था के पास ज्ञान अपने कार्य को स्वतंत्रता से करने की शक्ति होगी, ऐसे पहलुओं का प्रावधान करने पर जोर दिया जा रहा है। मसलन बौद्धिक क्षमताओं का संयोजन करने के साथ किर्यान्वयन के कुछ आधिकार भी योजना आयोग के नए अवतार में होंगे। एक समूह की बैठक में अध्यक्षता करने वाले पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि योजना आयोग को खत्म कर देना चाहिए। दोनों समूहों की बैठक में इस सर्वसम्मिति के बाद योजना आयोग के नए पारूप के खाका पर विचार विमर्श हुआ। उन्होंने कहा कि सभी विशेषज्ञों के सुझावओं के नोट को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास भेजा जाएगा, जो नई संस्था के गठन पर अंतिम फैसला लेंगे।
27Aug-2014


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