शुक्रवार, 15 अगस्त 2014

लागत पूरी होते ही नहीं वसूला जाएगा टोल टैक्स

सड़क क्षेत्र में मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि राष्टीय राजमार्गो के निर्माण की लागत पूरी होने के बाद टोल टैक्स नहीं वसूला जाएगा। मसलन राजमार्गो के निर्माण में आई लागत की वसूली होने तक ही टोल टैक्स वसूलने की व्यवस्था बनाई है। इस व्यवस्था को बनाने की सिफारिशें पूर्ववर्ती सरकार के दौरान संसदीय समिति भी करती रही है, लेकिन सरकार ने अभी तक संसदीय समिति की ऐसी सिफारिशों को दरकिनार किया हुआ था।
यूपीए शासनकाल में राज्यसभा की परिवहन विभाग संबन्धी संसदीय स्थायी समिति ने एक बार नहीं कई बार केंद्र सरकार से सिफारिशें की थी कि वह टोल रोड के निर्माण के बाद स्थापित टोल पर उस समय तक टोल टैक्स वसूले जब तक निर्माण में लगी लागत वसूल नहीं हो जाती। आखिर मोदी सरकार ने समिति की ऐसी सिफारिशों पर गौर किया और निर्णय किया कि राष्ट्रीय राजमार्गो पर बनने वाले टोल रोड के निर्माण पर आने वाली लागत वसूल होने के बाद इस मार्ग से गुजरने वाले किसी भी वाहन को टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा। सरकार के इस निर्णय पर गुरूवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में उठाए गये सवालों के जवाब में यह ऐलान किया। मोदी सरकार में सड़क क्षेत्र को सबसे ज्यादा महत्व दिए जाने का आश्वासन देते हुए गडकरी ने कहा कि पिछली यूपीए सरकार तक यह व्यवस्था थी कि हाई-वे के निर्माण का 75 प्रतिशत काम पूरा होने पर गाड़ियों से टोल की वसूली शुरू की जाती थी और लागत वसूल होने के बावजूद टोल रोड की देखभाल के नाम पर 40 प्रतिशत टोल की वसूली जारी रखी जाती थी। उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने यह फैसला किया है कि जिन टोल मार्गों की निर्माण लागत टोल के जरिए से वसूल की जा चुकी है उन पर वसूली पूरी तरह समाप्त कर दी जाएगी। वहीं टोल रोड के निर्माण का सौ फीसदी काम पूरा होने से पहले कोई टोल वसूली नहीं होगी। राज्यसभा की परिवहन संबन्धी संसदीय समिति के सभापति रहे सीताराम येचुरी ने भी यूपीए सरकार को इस क्षेत्र में जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनके नेतृत्व वाली समिति ने यूपीए सरकार को कई बार इस बात की सिफारिश की थी कि सड़क निर्माण की लागत पूरी होने के बाद टोल टैक्स खत्म कर दिया जाए, लेकिन सरकार का मतत रहा था कि सड़क की मरम्मत और अन्य पेंचवर्क के नाम पर टोल टैक्स जारी रहा, जिसके मौजूदा सरकार ने बदला है तो लोगों को राहत मिलेगी।
सड़कों के निर्माण सर्वोच्च प्राथमिकता
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार राजग सारकार ने सड़कों के निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पूर्ववर्ती सरकार की उन नीतियों को एक सिरे से बदलने का निर्णय लिया है जिसमें सड़कों के निर्माण और उनके लक्ष्य में अड़चने आ रही थी। मंत्रालय के अनुसार यूपीए सरकार की गलत नीतियों का ही नतीजा था कि सड़क निर्माण में पर्यावरण मंजूरी, अधिग्रहण संबंधी समस्याओं, अतिक्रमणों आदि के कारण परियोजनाएं आगे नहीं बढ़ पा रही थीं और बैंक इस क्षेत्र में पैसा लगाने से कतरा रहे थे। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि उनकी सरकार इन सब स्थितियों को बदलते हुए जनहित को सर्वोपरि रखते हुए सड़क क्षेत्र में नीतियां बना रही है, जिसके लिए स्वयं प्रधानमंत्री ने भी बैंकों के साथ बैठक करने का फैसला किया है, जिसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे। इन्हीं नीतियों के चलते राजग सरकार ने एक दिन में 30 किमी सड़क निर्माण करने का लक्ष्य रखा है जिसे पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध भी है।
नहीं टूटेगा रामसेतु
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोक सभा में इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन राम सेतु के मुद्दे पर भी एलान किया कि किसी भी सूरत में राम सेतु (सेतु समुद्रम) को तोड़ा नहीं जाएगा। गडकरी ने लोस में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि सड़क की कीमत वसूल हो जाने के बाद टोल टैक्स नहीं वसूला जाएगा। पिक आवर में लोगों को घंटों गाड़ियों की कतार में लग कर टोल टैक्स चुकाना पड़ता था। सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पुरजोर शब्दों में राम सेतु के मुद्दे को भी उठाया। गडकरी ने कहा कि हम किसी भी हालत में राम सेतु को नहीं तोड़ेंगे। राम सेतु को बचाकर देशहित में प्रोजेक्ट हो सकता है तो हम करेंगे। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर जो भी सुझाव देगा वो सभी संबंधित पक्षों को मान्य होगा।
15-Aug-201

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