गुरुवार, 14 अगस्त 2014

भारत रत्न को लेकर अटकलों की राजनीति

कानून के मुताबिक एक बार में तीन को मिल सकता है यह सम्मान
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से मोदी सरकार किस-किस हस्ती को नवाजने जा रही है इसकी अटकलों की राजनीति गरमानी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर ही इन अटकलों पर विराम लग सकता है, जब सरकार भारत रत्न से नवाजने वाली हस्तियों के नामों का ऐलान करेगी।
मोदी सरकार द्वारा एक तीर से कई निशाने साधने की रणनीति को लेकर भारत रत्न देने वाली हस्तियों की सुगबुगहाट में जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के अलावा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, कांशीराम, मदन मोहन मालवीय की तरह कई नामों की चर्चा हुई तो इस पर राजनीति गरमाना स्वाभाविक ही है। सूत्रों के अनुसार गृहमंत्रालय ने रिजर्व बैंक के छापेखाने को पांच भारत रत्न पदक बनवाने का आर्डर दिया है, तो माना जा रहा है कि मोदी सरकार इस साल पांच हस्तियों को इस सर्वोच्च सम्मान से नवाजने जा रही है। सूत्रों की माने तो जिन हस्तियों को इस सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जाएगा उसका ऐलान स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हो जाएगा, लेकिन अभी तक ऐसी हस्तियों के नामों के बारे में मात्र अटकलें ही लगाई जा रही हैं, जिनकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। संविधान के जानकारों का तो कहना है कि भारत में मौजूदा कानूनों के मुताबिक एक बार में केवल देश का यह सर्वोच्च सम्मान तीन लोगों को ही दिया जा सकता है। वहीं यह भी मानना है कि यदि भारत सरकार तीन से ज्यादा लोगों को भारत रत्न से सम्मानित करना चाहती है तो सरकार को इसके लिए मानकों में भी बदलाव करना होगा। जहां तक पांच पदकों के आर्डर का सवाल है उसके बारे में गृहमंत्रालय के सूत्र भी कह चुके हैं कि यह जरूरी नहीं है कि जितने पदकों का आर्डर दिया गया हो उतने ही लोगों को इस सम्मान से नवाजा जाए।
सर्वोच्च सम्मान पर राजनीति
देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न देने के मामले पर राजनीति भी गरमाने लगी है। कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि संभावित नामों की चर्चा में काशीराम को इस सम्मान से नवाजकर मोदी सरकार दलित वोटबैंक की राजनीति करना चाहती है। सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दलित नेता काशीराम को भी भारत रत्न से सम्मानित करने जा रही है, वहीं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भी भारत रत्न का सम्मान देने की चर्चा है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने मोदी सरकार के इस रूख पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यदि भारत रत्न देने के लिए सरकार इतिहास बनाने का प्रयास कर रही है तो उन्‍होंने भगत सिंह, सुखदेव और लाला लाजपत राय रास बिहारी बोस, जनरल मोहन सिंह, एनी बेसेंट, एओ ह्यूम, गोपाल कृष्ण गोखले के नाम भी सुझाए हैं। इससे पहले देश में यह सर्वोच्च सम्मान 43 लोगों को दिया जा चुका है, जिसमें 11 को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया है। पिछले साल यूपीए सरकार ने महानतम क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और वैज्ञानिक सीएनआर राव को इस सर्वोच्च सम्मान से नवाजा था।
नेताजी के परिजनों का ऐतराज
देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजे जाने वालों में जब नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के नाम की चर्चा आई तो नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजनों ने भारत सरकार से नेताजी को भारत रत्न देने के बजाय उनकी गुमशुदगी की गुत्थी सुलझाने की मांग कर डाली। नेताजी के पोते सीके बोस ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि यदि वह सुभाष चंद्र बोस का सम्मान करना ही चाहते हैं, तो उनकी गुमशुदगी की गुत्थी को सुलझाएं। उन्होंने कहा कि नेताजी के गायब होने से जुड़ी करीब 100 गुप्त फाइलें सरकार के पास हैं, उन्हें सार्वजनिक किया जाना चाहिए। जिससे सच देश के सामने आ सके। उन्होंने कहा कि एक स्पेशल टीम गठित कर इन फाइलों की जांच करवाई जानी चाहिए। उन्होंने नेताजी के लिए भारत रत्न को अनुपयुक्त बताते हुए कहा कि इसमें अब बहुत देर हो चुकी है। गौरतलब है कि इससे पहले 1992 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने सुभाष चंद्र बोस को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान देने का फैसला लिया था, लेकिन इस पर जमकर हंगामा हुआ और मामला अदालत तक पहुंचा और नतीजन सम्मान वापस लेना पड़ा।
11Aug-2014

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