मंगलवार, 24 अगस्त 2021

मंडे स्पेशल: गरीब किसानों के पैसे को डकारने वालों की खैर नहीं!

परिवार पहचान पत्र योजना लागू होते ही खुलने लगी पोल पीएम सम्मान निधि का हजम कर चुके 41 हजार से ज्यादा लोग 
ओ.पी. पाल.रोहतक। पिछले 70 सालों में सरकार ने गरीबों किसानों और मजदूरों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं शुरू की। इस पर लाखों करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन जरुरतमंदों तक इसका लाभ ही नहीं पहुंच पाया। इसके कारण का खुलासा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ने किया है। इस योजना के तहत प्रदेश में 41 हजार से भी ज्यादा वो लोग सम्मान राशि लेते रहे जो इसके हकदार ही नहीं थे। चौंकाने वाला तथ्य तो यह कि किसानों को मिलने वाली इस रकम पर हाथ साफ करने में सरकारी कर्मचारी भी पीछे नहीं रहे। गरीब किसानों के लिए शुरू हुई 6000 रुपये वार्षिक सम्मान निधि को पाने वालों में हजारों किसान ऐसे भी हैं जो आयकर दाता है। सरकार ने जब परिवार पहचान पत्र की अनिर्वायता शुरू की, तो इनकी पोल खुली। अब तक 2500 ऐसे लोगों को रकम वापसी का नोटिस थमाया जा चुका है। अब सवाल यह है कि इस फर्जीवाड़े की गाज केवल सम्मान राशि पाने वालों पर ही गिरेगी या फिर उन अफसरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों का सत्यापन करके सरकारी खजाने को चूना लगाने में अहम योगदान दिया।
राज्य में प्रधानमंत्री सम्मान निधि के तहत 17,29,311 किसान पंजीकृत है, जिन्हें इस योजना में अब तक 356.16 करोड़ रुपये की राशि जारी हो चुकी है। लेकिन प्रदेश में इस योजना में हुए फर्जीवाड़े में हजारों किसानों ने प्रधानमंत्री सम्मान निधि की आठ किस्तें हड़प लीं। ऐसे अमीर किसान इस योजना के पात्र न होते हुए भी सम्मान निधि के 2 हजार रुपये की खातिर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर गरीब बन गए। इस फर्जीवाड़े में पति-पत्नी से लेकर मृतक किसान, टैक्सपेयर्स, पेंशनधारक, गलत खाते में धनराशि फंड ट्रांसफर, गलत आधार आदि के मामले शामिल हैं। ऐसे परिवार भी सामने आए जिनमें पति और पत्नी दोनों योजना का लाभ उठा रहे हैं। आश्चर्यजनक पहलू ये है कि ऐसे लोगों ने प्रदेश में शुरू हुए परिवार पहचान पत्र की प्रक्रिया में खुद को गरीब बताया था। इन फर्जी गरीबों में अब तक 41 हजार से ज्यादा ऐसे लोगों का खुलासा हुआ। अब सरकार आयकर भरने वाले ऐसे फर्जी गरीबों व किसानों को सरकारी योजनाओं के लाभ के दायरे से बाहर ही नहीं कर रही है, बल्कि गरीबों के हक मारकर हासिल की गई रकम को वापस कराने के लिए नोटिस जारी बाहर करने में जुटी हुई है। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि अपात्र किसानों के अलावा मृतक किसानों के नाम पर भी पीएम किसान सम्मान निधि वसूली जा रही है। हालांकि प्रदेश में किसान सम्मान निधि योजना के समेत जांच में कई अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले 88 हजार ऐसे लोग सामने आए, जो नियमों के विरुद्ध फर्जी दस्तावेजों से सरकारी धन हडप रहे हैं।
इस योजना के ये हैं पात्र
परिवार में पति-पत्नी में से कोई एक, जिसके नाम जमीन है। 18 साल से कम उम्र का बेटा या बेटी भी पति-पत्नी के साथ एक यूनिट माने गए हैं। 18 साल से ज्यादा उम्र का बेटा या बेटी, जिसके नाम जमीन है और वह माता-पिता से अलग रहता है तो उसे अलग यूनिट माना गया है। वह इस योजना का लाभ सकता है।
कौन नहीं ले सकता लाभ
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत एमपी, एमएलए, मंत्री और मेयर के अलावा पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, आर्किटेक्ट, वकील, सरकारी कर्मचारियों या अधिकारियों को भी लाभ नहीं दिया जाएगा, भले ही वह किसानी भी करते हो। आयकर जमा करने वाले और दस हजार से अधिक पेंशनधारक किसानों को भी इसका लाभ नहीं दिया जा सकता। ऐसे फर्जी गरीबों के खातों आई राशि की वसूली के लिए कृषि विभाग ने नोटिस जारी किये हैं।
दोगुना होगी वसूली
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत ऐसे फर्जी किसानों से दोगुना राशि वसूली की जाएगी, जिनके पास ना खेत है और ना उसके पास जमीन फिर भी इस योजना की जारी धनराशि हासिल कर ली है। मसलन जितनी राशि पाई है उतने ही जुर्माने के साथ वापस करनी होगी।
जींद जिले में 22 सौ फर्जी गरीब
प्रदेश के अकेले जींद जिले में 2200 से ज्यादा ऐसे लोगों के नाम सामने आए, जो सरकारी नौकरी करते हैं या इनकम टैक्स भरते हैं। नरवाना सब डिविजन के ऐसे अधिकतर किसानों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। वहीं जींद और सफीदों में नोटिस भेजे जा रहे हैं। जिले में बहुत से परिवारों में पति और पत्नी दोनों योजना का लाभ उठा रहे हैं। नियमानुसार दोनों में से केवल एक ही योजना का लाभ ले सकता है। इसी प्रकार सोनीपत जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अपात्र या फर्जी तरीके से अब तक धनराशि हासिल कर चुके आयकर दाता या 10 हजार से अधिक पेंशन लेने वाले 2391 किसानों को धन वापस करने के लिए नोटिस भेजा गया है।
पलवल में ढ़ाई हजार को नोटिस
प्रदेश के पलवल जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ फिलहाल 52 हजार किसानों को दिया जा रहा है। अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की आठवीं किस्त जारी हो चुकी है। इन 52 हजार किसानों में से भी 2500 किसानों से वसूली के नोटिस दिये गये हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यह सम्मान निधि हासिल की है।
ऐसे हो रही वसूली
प्रदेश के जींद जिले में अब तक 35 लोगों से 4.16 लाख रुपये की रिकवरी की गई है, जिनमें से 33 ऐसे लोगों से वसूली गई 1.66 लाख रुपये भी शामिल है, जो उनकी मौत के बावजूद सम्मान निधि उनके खातों में आ गई थी। सोनीपत में फर्जीवाडे के मामले में विभाग के कर्मचारी टोटल अमाउंट 97 लाख रुपये में से 70 हजार रुपए रिकवर कर लिये गये। जबकि 27 लाख रुपये अब भी रिकवर होना बाकी है। उचाना ब्लॉक 376 ऐसे किसानों को नोटिस भेजे हैं, जो आयकरदाता हैं। अब तक ऐसे 18 किसानों द्वारा राशि भी जमा करवा दी गई है। करीब 1 लाख 30 हजार रुपए की राशि 18 किसान जमा करवा चुके हैं।
ऐसे घटी किसानों की संख्या
पहली किस्ती के वक्त हरियाणा में 19,23,238 किसान पंजीकृत थे और 18,69,950 किसानों को लाभ मिला था, वहीं छठीं किस्तस के वक्तम 14,64,657 पंजीकृत किसान थे और 11,68,389 किसानों को लाभ मिला, जबकि सातवीं किस्तो के लिए हरियाणा सरकार ने 12,53,982 किसानों को चिह्नित किया है। जिसे सम्माजन निधि मिलेगा।
क्या है योजना का मकसद
केंद्र सरकार की ओर से पीएम सम्मान निधि योजना वर्ष 2018 में किसानों को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। जिसमें हर चार महीने के अंतराल में किसानों को 2-2 हजार रुपए की तीन समान किस्तों का भुगतान उनके खातों में हस्तांतरित किया जाता है। इस योजना से अब तक करीब 12 करोड़ से अधिक किसान जुड़ चुके हैं। 
सरकारी महकमा भी जिम्मेदार
पीएम किसान सम्मान निधि हो या फिर कोई योजना। लाभार्थियों को वेरीफिकेशन करने में कोताही बरतने या किसी स्वार्थवश फर्जी दस्तावेजों पर मुहर लगाकर अपात्र को योजना के लिए पात्र घोषित करने में सरकारी महकमा भी इस फर्जीवाडे के लिए कम जिम्मेदार नहीं है। सरकार ऐसे फर्जी गरीबों को तो नोटिस जारी करके वसूली करने की कार्यवाही कर रही है, लेकिन क्या सरकार अपने जांच के दायरे में सरकारी महकमे के उन लोगों को भी शमिल करेगी, जिनकी इस मामले में अहम भूमिका रही है।
ऐसे खातों में आता है पैसा
पीएम किसान सम्मान निधि योजना का पैसा केंद्र सरकार के खाते से किसानों के बैंक अकाउंट में सीधे नहीं पहुंचता। केंद्र सरकार राज्यों की सरकार के अकाउंट में पैसा भेजती है फिर उस अकाउंट से किसानों के खातों में धन हस्तांतरित किया जाता है। हालांकि वैंकों को निर्देश हैं कि बिना वेरीफिकेशन के खातों में पैसा न डाला जाए। सरकार की ओर से स्पष्ट है कि जिन लोगों के नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में होगा, वहीं इस योजना का लाभ लेने के हकदार होंगे। 
23Aug-2021

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