सोमवार, 9 अगस्त 2021

मंडे स्पेशल: क्यो ओलंपिक में प्रदेश के बेटो व बेटियों ने दुनिया को किया हैरान

पानीपत के नीरज चोपड़ा ने सवा सौ साल का इतिहास रचकर भारत का नाम बढ़ाया भले ही आशा के विपरीत पदक भले ही नहीं झटके, पर दिल जीतने में रहे कामयाब ओ.पी. पाल.रोहतक।
 टोक्यों ओलंपिक में प्रदेश के 31 खिलाड़ियों ने केवल हिस्सा लिया, बल्कि दमदार उपस्थिति दर्ज करवाई। हालांकि उम्मीद के अनुरुप हम मेडल झटकने में कामयाब नहीं हो सके, लेकिन एथलीट नीरज चोपड़ा ने गोल्ड लेकर हरियाणा को ही नहीं, पूरे देश को गौरवान्वित करके इतिहास रच दिया। भारत के लिए प्रदेश के पहलवान रवि दहिया ने रजत और बजरंग पूनिया ने कांस्य पदक पर दांव लगाया। प्रदेश के अन्य सभी खिलाड़ियों के दमखम ने केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित किया। हमारे दो होनहारों से सजी पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक लेकर विश्व को हैरान कर दिया। प्रदेश की नौ खिलाड़ियों वाली महिला हॉकी टीम ने पदक नहीं, दिल जीता। कुछ पहलवानों और निशानेबाजों का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। निशानेबाज मनु भाकर की गन ने धोखा न दिया होता और विनेश फोगाट अपनी फार्म में खेलती तो हमारी झोली पदकों से भरी होती। ओलंपिक में हिस्सा लेने गये भारतीय दल में इस बार सबसे ज्यादा 31 खिलाड़ी हरियाणा से रहे, जिनमें महिला हॉकी में नौ, पुरष हॉकी में दो, कुश्ती में सात, मुक्केबाजी, निशानेबाजी व एथलीट में 4-4 तथा लॉन टेनिस में एक खिलाड़ी शामिल रहे। अपनी अपनी स्पर्धाओं में सभी खिलाड़ियों ने जुनून व जज्बे के साथ अच्छा प्रदर्शन किया। ओलंपिक में भारत को मिले एक स्वर्ण व दो रजत समेत मिले सात पदकों में हरियाणा की पिछले कुछ सालों से बढ़ रही हिस्सेदारी बरकरार है। भारत को मिले एक स्वर्ण पदक समेत तीन पदक में हरियाणा की हिस्सेदारी रही। यही नहीं पुरुष हॉकी के पदक में भी हरियाणा हिस्सेदार बना है। हालांकि ज्यादातर खिलाड़ी पदक के नजदीक जाकर पिछड़ गये, तो कई की किस्मत टाइमिंग और युवा निशानेबाज मनुभाकर जैसी की पिस्टल में तकनीकी खराबी ने हमारे खिलाड़ियों को पदक के निशाने से दूर कर दिया। प्रदेश के खिलाड़ियों के प्रदर्शन और खेल सुधार के लिए राज्य सरकार की खेल नीति को भी श्रेय दिया जा रहा है। यही कारण है कि पिछले कई सालों से देश और दुनिया के तमाम खेलों में राज्य के खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर देश की जीत में सबसे बड़ी हिस्सेदारी दी है। टोक्यो ओलंपिक की तैयारी के लिए राज्य सरकार ने हरेक खिलाड़ी को प्रोत्साहन और पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद दी। वहीं टोक्यो जाने से पहले प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए ओलंपिक में पदक के हिसाब से 6, 4 और ढाई करोड़ रुपये ईनामी राशि भी घोषित कर दी थी। हालांकि आशा के अनुरुप पदक हासिल नहीं हो सके। लेकिन भारत के लिए ओलंपिक का इतिहास हरियाणा के नाम रहा, जिसमें भाला फेंक में एथलीट नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक झटककर दुनिया को हैरान कर दिया। वहीं भारतीय दल के सात पहलवानों में रवि दहिया रजत और बजरंग पुनिया ने कांस्य पदक लेकर हरियाणा को भारत के नक्शे पर बनाए रखा।
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करिश्माई साबित हुए नीरज चोपड़ा------- 
 एथलीट में प्रदेश के चार खिलाड़ियों में टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक में पानीपत जिले के एक छोटे से खंडरा गांव निवासी नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक में देश के लिए भाला फेंक में एक मात्र स्वर्ण पदक जीतकर भारत के कीर्तिमान पुरुष बने, उनकी यह उपलब्धि हरियाणा के लिए किसी करिश्मे से कम नहीं है। मसलन भारतीय दल में एक मात्र स्वर्ण पदक हासिल वाले नीरज ने अपने पहले ओलंपिक में ही भारतीय तिरंगे को ऊंचा रखकर भारतीयों और खेल प्रमियों के दिलों में जगह बना ली। भारतीय एथलीट दल में प्रदेश के चक्का फेंक में सोनीपत की सीमा पूनिया, पैदल चाल में बहादुरगढ़ के राहुल रोहिल्ला और झज्जर के महेन्द्रगढ़ के संदीप भी शुरूआत दौर में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद पिछड़ गये थे। 
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कुश्ती में हरियाणा का दम-------- 
 भारतीय कुश्ती दल में टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने गये सभी सातों पहलवान हरियाणा के थे, लेकिन सोनीपत के रवि दहिया ने रजत और झज्जर के बजरंग पूनिया ने कांस्य पर अपना दांव खेला। रवि दहिया ने विरोधी पहलवान के बाजू में दांत गड़ाए रखने के बावजूद उसे पटखनी देकर दर्द को भूल देश को सर्वोपरि रखा और रजत पदक हासिल किया। जबकि बजरंग पूनिया ने भी अंतिम क्षणों में अपने तकनीकी दांव पेंच से भारत को कांस्य पदक दिलाया। बाकी पहलवानों में विनेश फौगाट, दीपक पूनिया, सोनम मलिक, अंशु मलिक और सीमा बिसला अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद अंतिम क्षणों में पदक से दूर हो गये। 
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हॉकी में छोरों-छोरियों ने रचा इतिहास----------- 
 भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में 41 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए सेमीफाइनल तक का सफर तय करके एक नया इतिहास रचा। पुरुष टीम ने कांस्य पदक जीता, जिसमें प्रदेश में कुरुक्षेत्र के सुरेन्द्र पालड और सोनीपत के सुमित ने अपने प्रदर्शन से दुनिया को हैरान कर दिया। जबकि जबकि महिला टीम ने ओलंपिक के इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल में प्रवेश किया। भले ही उसे सफलता न मिली हो, लेकिन कप्तान रानी रामपाल समेत प्रदेश की नौ खिलाड़ियों की बदौलत टीम के बेहतरीन प्रदर्शन ने करोड़ो भारतीयों का दिल जीत लिया। 
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मनु भाकर की पिस्टल ने उलटी किस्मत----------- 
 भारतीय निशानेबाज दल में प्रदेश के झज्जर की युवा निशानेबाज मनु भाकर से पदक की उम्मीद थी, लेकिन उसकी पिस्टल में आई तकनीकी खराबी ने उसकी ऐसी किस्मत उलटी कि व पदक के बिना घर वापसी कर रही है। इसी प्रकार प्रदेश के संजीव राजपूत(यमुनानगर), अभिषेक वर्मा (पलवल) तथा यशस्विनी देसवाल(पंचकूला) भी आशा के अनुरुप निशाने नहीं लगा पाए। इसके अलावा टोक्यो ओलंपिक के लिए अंतिम क्षणों में चुने गये झज्जर के सुमित नागल भी लॉन टेनिस में शुरूआती दौर में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आ रहे थे, लेकिन उनकी किस्मत भी साथ न दे सकी।
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मुक्केबाजों से भी फिसले पदक---------- 
 प्रदेश के विश्व नंबर वन मुक्केबाज अमित पंघाल(रोहतक) के अलावा विकास कृष्ण(भिवानी), मनीष कौशिक (भिवानी) और पूजा(भिवानी) के शुरूआती मुकाबलों में बेहतर प्रदर्शन देखने को मिला, लेकिन शायद पदक हासिल करना उनकी किस्मत में न था। अमित पंघाल ने तो ओलंपिक में अपने कोच को साथ ले जाने की मांग की थी। यदि उनकी बात मान ली जाती तो शायद मुक्केबाजी में भी पदक के लिए हरियाणा की हिस्सेदारी होती। फिर भी हमारे मुक्केबाजों के प्रदर्शन ने खेल प्रेमियों का दिल जितने में कामयाबी हासिल की। 
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 नई खेल नीति से मिला प्रोत्साहन------
हरियाणा सरकार की इसी साल बनाई गई नई खेल नीतियों के तहत खिलाड़ियों के प्रोत्साहन और खेलों के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किये हैं। इसके लिए जहां खेल बजट में इजाफा किया गया है। वहीं खिलाड़ियों के लिए न्यूट्रिशन पर खर्च होने वाली राशि को भी बढ़ाया गया है। मसलन जहां प्रदेश में खानपान के लिए खिलाड़ियों पर 150 रुपये प्रतिदिन का खर्च होता था, अब इसे बढ़ाकर 250 रुपये गया है। इसी प्रकार नई खेल नीति में कुश्ती के लिए निर्धारित इनामों की राशि में भी कई गुना वृद्धि की गई, जिसमें हरियाणा केसरी व हरियाणा कुमार खिताब प्राप्त करने वाले खिलाडियों की पुरस्कार राशि को बढ़ाने का भी प्रावधान है। खेलों के प्रति रुझान को देखते हुए प्रदेश में भारतीय खेल प्राधिकरण के तहत 22 केंद्र हैं। वहीं राज्य सरकार प्रदेश के तमाम इलाकों में विश्वस्तरीय स्टेडियम और खेल ईकाई बनाने की नीति पर काम कर रही है।
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बेहतरीन प्रदर्शन का सम्मान------
राज्य सरकार ओलंपिक में पदक जीतने वाले जीतने वाले खिलाड़ियों को विशेष पुरस्कारों से सम्मानित करने की परंपरा को आगे बढ़ा रही है। इसके तहत की गई घोषणा के अनुसार सरकार स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी को 6 करोड़, रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ी को 4 करोड़ तथा कांस्य पदक जीतने वाले को 2.5 करोड़ रुपये मिलते हैं। इन तीनों श्रेणी के पदकों में ही हरियाणा के एथलीट नीरज चोपड़ा, पहलवान रवि दहिया व बजरंग पूनिया ने बाजी मारी है। वहीं सरकार ने पुरुष हॉकी टीम के कांस्य पदक जीतने पर उसमें प्रदेश के शामिल रहे दो खिलाड़ियों सुरेन्द्र व सुमित को भी ढाई-ढाई करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है। वहीं ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही महिला हॉकी टीम में शामिल प्रदेश की नौ महिला हॉकी खिलाड़ियों रानी रामपाल(कप्तान), सविता पूनिया(गोलकीपर), मोनिका मलिक, नवजोत कौर, नवनीत कौर, नेहा गोयल, निशा वारसी, शर्मिला और उदिता को 50-50 लाख रुपये की ईनामी राशि देने की घोषणा की है। वहीं पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के कोचों को भी सरकार 20-20 लाख रुपये की ईनामी राशि देने जा रही है।
 09Aug-2021

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