रविवार, 5 जनवरी 2014

स्वागत 2014: भारतीय ओलंपिक संघ की बहाली रहेगी चुनौती!

पूरे साल की मशक्कत से भी नहीं हटी खिलाड़ियों के भविष्य पर लटकी तलवार
ओ.पी.पाल

बीते साल खेल मंत्रालय भारतीय ओलंपिक संघ के निलंबन को रद्द कराने के लिए संघर्ष करता रहा, लेकिन इस दौरान केंद्र सरकार का यह संघर्ष किसी काम नहीं आ सका। अब नए साल में केंद्र सरकार के लिए भारतीय खिलाड़ियों के भविष्य पर लटकी तलवार को हटाने के लिए चुनौती होगा कि वह भारतीय ओलंपिक संघ पर लगे प्रतिबंध को हटवाए।
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करके भारतीय ओलंपिक संघ का चुनाव कराने के कारण भारत को यह प्रतिबंध झेलना पड़ रहा है, जिसके कारण आगामी ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों पर भारतीय झंडे तले हिस्सा लेने पर तलवार लटकी हुई है। अजय माकन के बाद खेल मंत्री बने जितेन्द्र सिंह का बीता साल इसी कवायद में लगा रहा कि किसी तरह से भारतीय ओलंपिक संघ पर लगे प्रतिबंध को हटवाया जाए। आईओसी ने चार दिसंबर 2012 को भारतीय ओलंपिक संघ को निलंबित कर दिया था। हालांकि खेल मंत्रालय ने आईओसी के निर्देश और चेतावनी के मद्देनजर हस्तक्षेप करके संविधान संशोधन कराने जैसे कई ठोस कदम भी उठाए हैं। वर्ष 2013 में आईओए के निलंबन को रद्द कराने के लिए स्वयं खेल मंत्री आईओसी मुख्यालय तक भी पहुंचे और पत्राचार भी किये, लेकिन आईओसी के सख्त रवैये के चलते खेल मंत्रालय की कवायद साल के अंत तक किसी काम न आ सकी। इसलिए खेल मंत्रालय के सामने इस नए साल में यह एक बड़ी चुनौती होगी कि वह जल्द से जल्द भारतीय ओलंपिक संघ पर लगे प्रतिबंध को हटवाए। ओलंपिक संघ पर लगे प्रतिबंध को हटवाना इस दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण कदम होगा कि भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक खेलों, एशियाई खेलों तथा कॉमनवेल्थ खेलों में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के तले खेल सकेंगे।
दागियों पर चुनाव लड़ने पर रोक
खेल मंत्रालय के निर्देश पर भारतीय ओलंपिक संघ ने गत आठ दिसंबर को ही एक बैठक में संविधान में संशोधन करते हुए आईपीसी व भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी व्यक्तियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाकर भारतीय ओलंपिक संघ की बहाली के लिए उम्मीद जगाई है। भारतीय ओलंपिक संघ के चुनाव नौ फरवरी 2014 को प्रस्तावित हैं। गौरतलब है कि ऐसे दागियों में निलंबित ओलंपिक संघ के अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला और महासचिव ललित भनोट शामिल हैं। आईओसी के निर्देशानुसार यदि संविधान संशोधन के बिना चुनाव कराए जाते तो भारतीय ओलंपिक संघ की मान्यता भी रद्द की जा सकती थी। अब भारतीय ओलंपिक संघ का भविष्य आईओसी की कार्यकारी परिषद की नौ फरवरी को होने वाली बैठक में तय होगा।
बीते साल यह भी हुआ प्रयास
केंद्रीय खेल मंत्रालय ने देश में बड़े खेल-कूद आयोजनों के काम पर नजर रखने की दृष्टि से 2020 तक ओलंपिक समिति और संचालन समिति गठित किया है। वहीं शहरी और ग्रामीण खेल-कूद बुनियादी सुविधा स्कीमें भी लागू करने का दावा किया है। ओलंपिक संघ पर लगे प्रतिबंध के बावजूद सरकार ने ब्यूनस आयर्स में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की गत 08 सितम्बर, 2013 बैठक में 2020 के ओलंपिक खेलों में कुश्ती को शामिल कराने की पहल की है, लेकिन यदि निलंबन वापस न हुआ तो वह भारतीय ध्वज के बैनर तले नहीं होगी। खेलकूद में मानव संसाधन विकास की शुरूआत जैसी योजनाओं को अमलीजामा पहनाया है। खेल संघों से राजनीतिक वर्चस्व को कम करने की दिशा में राष्ट्रीय खेल महासंघों के पदाधिकारियों की आयु तथा उनका कार्यकाल निश्चित करने की भी पहल की गई है। मसलन देश के सभी 53 राष्ट्रीय खेल महासंघों ने राष्ट्रीय खेल विकास कोड 2011 के नियमों का पालन होना अनिवार्य किया गया है। हालांकि पूर्व खेल मंत्री अजय माकन की अधूरी हसरत को संशोधनों के साथ खेल मंत्री जितेन्द्र सिंह ने राष्ट्रीय खेल विकास मसौदा विधेयक 2013 व खेलों में धोखाधड़ी की रोकथाम संबंधी विधेयक-2013 के मसौदे तैयार तो करा लिये हैं लेकिन उन पर संसद की मुहर लगवाने में अभी पीछे ही रहे हैं।
02Jan-2014

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