सोमवार, 13 जनवरी 2014

अब ऐसे नहीं मिलेगा खेल पुरस्कार!

सरकार ने जारी किये नए मानक व दिशानिर्देश
ओ.पी.पाल

राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों को लेकर उठने वाले सवालों को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है। इसलिए अब खिलाड़ियों के लिए राष्टÑीय पुरस्कार हासिल करना इतना आसान नहीं होगा, जितना पहले था। मसलन केंद्र सरकार ने पुरस्कारों के लिए नए सिरे से मानक और दिशा निर्देश जारी करके आमूलचूल बदलाव किया है, ताकि इन पुरस्कारों को प्रदान करने की प्रक्रिया में एकरूपता और पारदर्शिता बनी रहे।
केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और और ध्यान चंद पुरस्कार जैसे विभिन्न राष्ट्रीय खेल पुरस्कार प्रदान करने की प्रक्रिया में एकरूपता लाने के उद्देश्य से नए मानक और दिशा निर्देशों को तैयार किया है, उससे खेल संघों पर भी लगाम कसी गई है। भारतीय खेल प्राधिकरण, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी, राज्य सरकारों और राष्ट्रीय खेल महासंघों और खेल संवर्धन और नियंत्रण बोर्ड को भेजे गये नए मानक और दिशा निर्देशों को सख्त किया गया है, ताकि खेल पुरस्कार प्रदान करने के लिए पिछले दिनों उठे सवालों का सामना न करना पड़े। इन नए नियमों के तहत यह व्यवस्था भी की गयी है कि उपरोक्त पुरस्कारों के लिए नामांकन आमंत्रित करने से लेकर चयन समितियों के गठन तक  हर स्तर पर नए दिशा निदेर्शों का पालन सुनिश्चित किया जा सके। इन नए मानकों के अनुसार खेल पुरस्कारों के लिए नामांकन भेजने के लिए हर खेल संस्था के अध्यक्ष और महासचिव ही मान्य होंगे। भारतीय खेल प्राधिकरण की तरफ से महानिदेशक या सचिव नामांकन भेजने के पा़त्र होंगे। जबकि खेल मंत्रालय अपनी ओर से किसी भी खिलाड़ी या कोच का स्वतंत्र संज्ञान लेते हुए नामांकन कर सकता है।
क्रिकेट में बीसीसीआई को अधिकार
क्रिकेट के मामले में युवा मंत्रालय की ओर से किसी भी महासंघ को मान्यता प्राप्त नहीं है इसलिए क्रिकेट में पुरस्कारों के लिए नामांकन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष और महासचिव की ओर से भेजे जाने होंगे। इसके साथ राज्यों, संघशासित प्रदेशों, खेल संवर्धन एवं नियंत्रण बोर्डों की ओर से सचिव और निदेशक स्तर के अधिकारी सक्षम अधिकारियों से मंजूरी लेने के बाद नामांकन भेज सकते हैं। एसएआई अपने स्तर पर इनकी स्वतंत्र जांच करेगा।
पुरस्कार विजेता भी होंगे मान्य
खेल मंत्रालय ने उक्त अधिकारियों के अलावा किसी और पदाधिकारी द्वारा आने वाले नामांकन पर विचार न करने का निर्णय लिया है, लेकिन राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार जीत चुके खिलाड़ी अपने-अपने खेलों में राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन, ध्यान चंद और द्रोणाचार्य पुरस्कारों के लिए नामांकन भेजने के पात्र होंगे। इसी प्रकार अर्जुन, ध्यानचंद और द्रोणाचार्य पुरस्कार पा चुके खिलाड़ी और कोच इन पुरस्कारों के लिए अपने-अपने खेलों में नामांकन भेजने के लिए पात्र माने जाएंगे। जबकि खेल मंत्रालय अपनी ओर से किसी भी खिलाड़ी या कोच का स्वतंत्र संज्ञान लेते हुए नामांकन कर सकता है।
डोपिंग का दोषी को नहीं मिलेगा पुरस्कार
खेल मंत्रालय के नए दिशा निर्देशों के अनुसार यदि किसी खिलाड़ी को प्रशिक्षण के दौरान ड्रग लेने के लिए प्रोत्साहित करने वाले ऐसे कोच जिन्हे विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी की ओर से प्रतिबंधित किया गया हो द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने के योग्य नहीं होंगे। ऐसा कोई कोच जिसके खिलाफ डोपिंग मामले की जांच चल रही हो या लंबित हो भी पुरस्कार के लिए योग्य नहीं होगा।
13Jan-2014

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