गुरुवार, 16 जनवरी 2014

दंगों की सियासत में माया ने भी दी सपा को चुनौती!


मुलायम की तरह माया भी पीएम बनने की ख्वाहिश
ओ.पी.पाल

केंद्र की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है यह सभी राजनीतिक दल मानकर चलते हैं। तभी तो लोकसभा चुनाव की शुरू हो चुकी उलटी गिनती के मद्देनजर केंद्र में सत्ता का सपना देख रहे सभी बड़े दलों के लिए इस सूबे में चुनावी रणनीति बनाने के लिए सियासी स्पर्धा चल रही है। तो ऐसे में बहुजन समाजवादी पार्टी ही क्यों पीछे रहती, जिसने राज्य में दंगों की सियासत में सपा को कड़ी चुनौती देने के लिए लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा दिया है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर व आसपास के अलावा पूरे उत्तर प्रदेश में हो रहे दंगों को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने बुधवार को लखनऊ में रैली के जरिए शक्ति प्रदर्शन के साथ सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी को तो आड़े हाथों लिया ही, वहीं केंद्र की यूपीए सरकार के अलावा भाजपा पर भी जमकर बरसी। दरअसल लोकसभा चुनाव नजदीक है और सभी दलों की नजरें खासकर उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर लगी है, जिसके लिए यूपी में हुए दंगों से बदले राजनीतिक समीकरण को अपने-अपने पक्ष में संवारने के लिए कांग्रेस और उसके सहयोगी दल के अलावा भाजपा व अन्य दल भी लगे हुए हैं। जबकि दंगों के कारण चौतरफा घिरी सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी दंगों के दाग को धोने के प्रयास में जुटी हुई है। मायावती ने सियासी रणनीति के तहत ही बुधवार को अपना जन्म दिन दिल्ली में न मनाकर चुनावी रणनीति के लिए समर्पित कर दिया, जहां वह अपने शक्ति प्रदर्शन करने में भी कामयाब मानी जा रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट-मुस्लिम गठजोड़ को जिस तरह से मुजफ्फरनगर व आसपास के दंगों ने तितर-बितर किया है उसे लेकर सियासत इतनी गर्म है कि कोई भी राजनीतिक दल इन दंगों को भूलने नहीं देना चाहता। मसलन सभी राजनीतिक दलों में वोटबैंक संवारने की होड़ लगी हुई है। मुस्लिमों को अपने वोट बैंक में जमा करने के लिए सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव जिस प्रकार केंद्र की सत्ता में पीएम बनने का सपना संजोकर चुनावी कार्यक्रम चला रहे हैं उसी तरह इस रैली के जरिए बसपा प्रमुख मायावती ने भी पीएम बनने की ख्वाहिश जाहिर करते हुए अपने कार्यकर्ताओं को सतर्क कर दिया है कि इस बार लोकसभा चुनाव में बसपा का सीधा मुकाबला भाजपा, कांग्रेस व सपा के गठजोड़ से होगा तो एक दलित महिला भी केंद्र का नेतृत्व कर सकती है। यही कारण था कि मायावती ने अपना 58वां जन्मदिन सावधान रैली के रूप में मनाकर ठीक उसी तरह शक्ति प्रदर्शन किया, जैसे चौधरी चरण सिंह की जयंती पर रालोद की आड़ में कांग्रेस ने मेरठ में सियासी रंग जमाने का प्रयास किया था।
मुस्लिमों को लेकर खींचतान
उत्तर प्रदेश में सपा मुस्लिमों का हितैषी करार देती है, तो कांग्रेस भी मुस्लिमों को दंगों से बिखरने के बाद अपना बनाने के प्रयास में लगी है। जबकि रालोद टूटे जाट-मुस्लिम गठजोड़ को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है। इसी प्रकार बुधवार की रैली में बसपा सुप्रीमों ने भी वर्ष 2007 में पूर्ण बहुमत की यूपी में सरकार बनाने में दलित-मुस्लिम गठजोड़ को श्रेय देकर यह संदेश देने का प्रयास किया कि बसपा मुसलमानों की रहनुमा है। तभी तो मायावती ने भाजपा की ओर से पीएम के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल खड़े करने का प्रयास किया। इस सियासत के मौसम में मुस्लिम कार्ड खेलते हुए मायावती ने यहां तक कहा कि बसपा शासन में मुस्लिम लोग खुद को काफी हद तक सुरक्षित महसूस करते रहे हैं यदि मुस्लिम वोट आगामी लोकसभा चुनाव में बंटने के बजाय एकजुट होकर बसपा के पक्ष में जाएगा तो निश्चित रूप से साम्प्रदायिक ताकतें काफी कमजोर हो सकती हैं।
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मानवाधिकार आयोग ने उड़ाई यूपी सरकार की नींद
नई दिल्ली।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के यूपी में होने वाले तीन दिवसीय कैंप ने प्रदेश सरकार की नींद उड़ा दी है। पूर्व चीफ जस्टिस केजी बालाकृष्णन की अगुवाई वाली मुख्य पीठ मुजफ्फरनगर और शामली के दंगा राहत शिविरों में हुई बच्चों की मौत की सच्चाई जानेगी। इसके साथ ही चार अन्य मामलों की भी सुनवाई मुख्य पीठ के समक्ष होगी।
आयोग सभी मामलों की सुनवाई लखनऊ स्थित योजना भवन के सभागार में करेगा। मुजफ्फरनगर के राहत शिविरों में हुई बच्चों की मौत का मामला सबसे अहम है। इसे लेकर राज्य सरकार की काफी किरकिरी भी हुई थी। पहले सरकार ने मुजफ्फरनगर और शामली के राहत शिविरों में सिर्फ दो बच्चों की मौत होने की बात कही थी, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद राज्य सरकार द्वारा कराई गई जांच में 31 बच्चों की मौत होने की बात सामने आई थी। राहत शिविरों में रहने वाले परिवारों की अनदेखी को लेकर पहले ही सरकार सवालों के घेरे में है। अगर आयोग सुनवाई के बाद कोई और गंभीर कदम उठाता है तो सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, आयोग की दो टीमों ने राहत शिविरों का दौरा किया है।
16Jan-2014

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