बुधवार, 8 जनवरी 2014

प्रवासी युवाओं में भी मोदी का क्रेज!

भ्रष्टाचार के मुद्दे की टीस उजागर
ओ.पी.पाल

भारतीय राजनीति में चल रही उथल-पुथल के बावजूद विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के युवाओं में भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार एवं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का क्रेज कम नहीं हुआ है। हालांकि प्रवासी युवा आप के केजरीवाल को भी भारत में नई राजनीतिक संभावनाओं का श्रेय दे रहे हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भारतीय राजनीति में आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन से मची उथल-पुथल और भारतीय राजनीति के परिपेक्ष्य में हरिभूमि ने यहां पहुंचे प्रवासी युवाओं के मन को टटोलने का प्रयास किया। ज्यादातर प्रवासी युवाओं ने राजनीतिक सुधार के लिए आप के अरविंद केजरीवाल के हौंसले को तो सराहा, लेकिन उनके राजनीतिक और शासन संभालने की क्षमताओं की अपेक्षा गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को कहीं ज्यादा अनुभवी और लोकप्रिय बताया। फिजी से आई छात्रा नताशा वर्मा को यह तो नहीं पता कि वह यूपी में किस जगह से ताल्लुक रखती है, लेकिन वहां भारतीय राजनीति और अन्य गतिविधियों की खबरों से पूरी तरह से वाकिफ है। हालांकि राजनीति में दिलचस्पी न रखते हुए भी उनके जहन में नरेन्द्र मोदी का बेहतर नेता के रूप में नाम है। नताशा के भाई मोहित वर्मा भी अपनी बहन की तरह ही नरेन्द्र मोदी की राजनीतिक क्षमताओं का गुणगान करते नजर आए।
दक्षिणी अफ्रीका के केपटाउन से आई छात्रा रक्षा गोंसार्इं जो गुजरात के अहमदाबाद की मूल निवासी है उनकी तो गुजरात के विकास पर नजर रहती ही है। इसलिए उनके नजरिए में देश की बागडौर नरेन्द्र मोदी को ही मिलनी चाहिए। कांग्रेस के राहुल गांधी की राजनीतिक क्षमताओं पर सवालिया निशान लगाते हुए रक्षा गोंसाइं का मानना है कि हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल में भी अनुभव की कमी है। दक्षिण अफ्रीका के डरबन में रहने वाली एवं आंध्र प्रदेश की मूल निवासी छात्रा देशिका मोडेली की नजर में भी नरेन्द्र मोदी का ही नाम सर्वश्रेष्ठ राजनीति के लिए सामने आया। उनका कहना था कि गुजरात सबके सामने है और नरेन्द्र मोदी के नाम का डंका विदेशों में भी बजता है। फिजी से आए प्रवासी छात्र कृथनील सिंह का भारतीय राजनीति के बारे में जो ख्याल है उसमें नरेन्द्र मोदी के साथ अरविंद केजरीवाल को भी बदलती राजनीति का द्योतक बताया, लेकिन गुजरात में विकास की दुनियाभर में चल रही गूंज की दृष्टि से नरेन्द्र मोदी में देश का शासन चलाने की क्षमताएं विद्यमान हैं। अमेरिका से आए राहुल अग्रवाल ने कांग्रेस के राहुल गांधी और आप के अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री की लाइन से अलग करते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी ही देश का कुछ भला कर सकते हैं।
मॉरिशस से आए छात्र-छात्राओं शिमलादेवी लक्ष्मी, छाया लाल बिहारी,रूकसार लाल मोहम्मद, परीक्षित अमृत, लक्ष्य रिदॉय तथा आइशा देवी मओमुब्बा का भारतीय राजनीति के बारे में मानना है कि मनमोहन सिंह की सरकार के शासन में भ्रष्टाचार की खबरें जो समाचार पत्रों या टीवी पर पढ़ने या देखने को मिलती है तो भारतवंशी होने के कारण उन्हें दुख होता है। ऐसे में देश की सत्ता नरेन्द्र मोदी जैसे नेता के हाथ में एक बार आना जरूरी है, जिसके कामकाज के आकलन के बाद कहा जा सकेगा कि देश किस दिशा में जा रहा है।
केजरीवाल में भी है क्षमताएं
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में देश की बदलती राजनीति के परिपेक्ष्य में विदेशों में रह रहे भारतवंशियों ने आप के नेता अरविंद केजरीवाल को भारत में उभरती राजनीतिक शक्ति के तौर पर आंका है। मलेशिया में रह रहे सुरेश कुमार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारत की कमजोर हुई छवि का जिक्र करते हुए अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक मुहिम को भावी राजनीतिक शक्ति करार दिया। इसी प्रकार मुंबई की रहने वाली डॉ. अल्का ईरानी का कहना है कि आध्यात्मिक और सामाजिक क्षेत्र में अच्छे संगठनों, एनजीओ, आध्यात्मिक और सामाजिक पृष्ठभूमि के लोगों को भी राजनीति के लिए चुना जाना चाहिए। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को भी इसी मुहिम का हिस्सा बताया। न्यूजीलैंड से आये महाराष्ट्र मूल के मूल निवासी अमोल पाटिल और अन्य प्रवासी भारतीयों ने अरविंद केजरीवाल के साहस का दाद दी और कहा कि उनसे अन्य राजनीतिक दलों को सबक लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ रणनीति बनाने में आगे आने की जरूरत है।
08Jan-2014

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें