सोमवार, 20 जनवरी 2014

राग दरबार-झूठ की राजनीति में सच्च का हौव्वा

आप पर संकट के बादल....
झूठ का का कोई भविष्य नहीं होता जबकि सच की उम्र बहुत लम्बी होती है! इस सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता। लेकिन लगता है इस कलयुग में सच्चाई पर झूठ की राजनीति इतनी हावी हो चुकी है कि सच्च को झुपाने के लिए बार-बार झूठ का सहारा लेना पड़ता है। दिल्ली में जब से आमा आम आदमी पार्टी की सत्ता आई तो सच्च और झूठ के सहारे ईमानदारी को प्रकट करने का हर दल प्रयास करता नजर आ रहा है। आप की ईमानदारी में भी  फूट पड़ने लगी तो परते खुलने से आप खुद ही जज बनकर उसे ढकने का प्रयास हो रहा है। बहरहाल राजनीति हो या कोई सार्वजनिक स्थल सभी गलियारों में आप सुर्खियों में बनी हुई है। सोसाल साइटों में इस सच्च और झूट के साथ ईमानदारी और बेइमानी के किस्से सामने आ रहे हैं, जिन पर टिप्पणियां भी चौंकाने वाली प्रकाशित हो रही हैं। आप के निरंतर बदलते बयान और वादों का ही यह कारण हो सकता है कि लोग फूल, कांटे और पत्थर लेकर सुबह से जुट जाते हैं। कोई खामियां ढूंढता है तो कोई आप को बेहतर बताने पर आमदा है जो बड़े दलों की परेशानी का भी कारण बन रही हैं। बने भी क्यों न सिर पर आम चुनाव जो हैं। ऐसे में सुर्खियों में चल रहे आम लोगोें के अलग-अलग बर्ताव यही कहता है कि झूठ की राजनीति में सच्च का हौव्वा बैठाने का प्रयास किया जा रहा है। मजे की बात तो यह है कि जो अपने को मूल निवासी यानी आम आदमी बताते नही थकते, यह समझ से परे होता जा रहा है कि सभी आम आदमी कहेंगे तो खास का क्या होगा।
19Jan-2014

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