मंगलवार, 21 जनवरी 2014

गणतंत्र दिवस: सरकार के सामने केजरी ‘वॉल’

मंत्रालयों में ठप रहा कामकाज
ओ.पी.पाल

आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रेल भवन के सामने धरने पर बैठने से केंद्र सरकार के मंत्रालयों में कामकाज को ही ठप नहीं कर दिया, बल्कि गणतंत्र दिवस के सामने भी केजरी की ‘वॉल’ खड़ी हो गई है। ड्यूटी में कोताही के बरतने का आरोप चस्पां करते हुए तीन थाना प्रभारियों खिलाफ निलंबन की मांग ने ऐसा तूल पकड़ा कि सरकार के दरवाजे पर भी तालाबंदी के आसार नजर आने लगे हैं। 
सोमवार को धरनास्थल रेल भवन के आसपास स्थित विभिन्न मंत्रालयों में एक भी फाइलें नहीं सरकीं। मंत्रियों को मिलने जुलने का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। लंच से पहले हर विभाग में छोटे-बड़े अधिकारी टीवी पर नजरें गड़ाए रहे। लंच के समय धरनास्थल पर तफरीह कर आए। तब तक आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का कारवां बढ़ता गया। पुलिस की नाकेबंदी का असर भी तेजी से हुआ। संसद भवन, रेलभवन, कृषि भवन, शास्त्री भवन, श्रमशक्ति भवन, परिवहन भवन,योजना आयोग ही नहीं अपेक्षाकृत दूर स्थित उद्योग भवन और निर्माण भवन स्थित मंत्रालयों में बस मुद्दा-केजरीवाल ही छाया रहा। रेलमंत्रालय में तयशुदा आठ अप्वाइंटमेंट्स रद्द करनी पड़ी, जबकि सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी जाम के हालात से पैदल ही सड़कें नापते हुए श्रममंत्री से मिलने मंत्रालय पहुंचे। गणतंत्र दिवस परेड की तैयारियों के रिहर्सल पर तो असर पड़ा ही 26 जनवरी के कार्यक्रम पर इसका क्या असर पड़ेगा, बहस इस पर भी तेज हो गई है। वहीं दिल्ली के लोगों की लाइफ लाइन मेट्रो के कुछ महत्वपूर्ण स्टेशनों को पीक टाइम में बंद किया गया। लोग जाम में फंसे रहे। शाम को पांच बजे से लेकर 7 बजे तक मध्य दिल्ली जाम के कारण जैसे ठहर सी गई थी।
पुलिस ने बनाया ज्यादा हव्वा
रेल मंत्रालय के सामने गोविंद बल्लभ पंत पार्क में जारी धरने के समर्थन में आप समर्थकों के आवागमन के कारण दिल्ली पुलिस ने जिस तरह की एक किमी पहले ही नाकेबंदी करके पुलिस बल ने आम आदमी या फिर मंत्रालय और अन्य कार्यालयों में आने जाने वाले संबन्धित अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी भी कीमत पर आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी, जिसके कारण जगह-जगह पुलिसकर्मियों के साथ किसी न किसी की नोंकझोंक चलती रही। पुलिस बलों का जिस तरह का जमावड़ा रहा उसने इस आंदोलन का ज्यादा हौव्वा दिखाने का प्रयास किया। वहीं पुलिसकर्मियों की बदसलूकी ने पुलिस के रवैये पर सवाल खड़े किये।
रोजमर्रा की कमाई पर भी मार
मंत्रालयों वाले भवनों के पास छोटे दुकानदारों और रेहड़ी पटरी वालों का भी रोजगार आम आदमी पार्टी के कारवां ने ठप रखा और उनकी रोजमर्रा कमाई से परेशान आम आदमी भी इस आंदोलन की मार का शिकार हुआ। इस धरने से ऐसे सैकड़ो रोजगारदारों का कहना था कि ऐसा कभी नहीं देखा कि यहां आंदोलन हुआ हो। एक तो उनकी रोजी मारी गई, वहीं पुलिस वालों की बदसलूकी उनकी परेशानी का कारण बनी।
21Jan-2014

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