बुधवार, 15 जनवरी 2014

अफसरों पर भारी पड़ने लगी दंगों की राजनीति!

दंगा पीड़ितों पर मरहम लगाने में जुटी सपा
नई दिल्ली।

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने मुजफ्फरनगर व आसपास के दंगों की सियासत की रणनीति शायद बदलना शुरू कर दिया है। दंगा पीड़ितों के राहत शिविर हटाने का ठींकरा अब अफसरों के सिर फोड़ने का सिलसिला शुरू करके हर हाल में समाजवादी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में छिटके मुस्लिम वोट बैंक पर मरहम लगाने में जुट गई है।
मुजफ्फरनगर व शामली जिलों में दंगा पीड़ितों के लिए राहत शिविरों को हटाने के आदेश भी सरकार ने दिये, जिसके बाद जिला प्रशासन ने शिविरों को हटाकर शरणार्थियों को गांव और आसपास सुरक्षित स्थानों पर भेजने की कार्यवाही की तो वह भी उनके लिए भारी पड़ती नजर आने लगी है। दरअसल दंगों के बाद मुआवजा और पीड़ितों को नौकरियां देने की यूपी सरकार की घोषणाओं के कारण ही राहत शिविरों का दायरा बढ़ा और जिला प्रशासनिक अधिकारियों को राहत राशि वितरण करने के लिए मशक्कत, वो भी सरकार के आदेशों के अनुसार करनी पड़ी। जब सर्दी के कारण शिविरों में बच्चों की मौतों की खबर आई तो सरकार ने शिविरों का हटवाने के फरमान जारी कर दिये और अधिकारियों ने उन्हें अंजाम दिया। आदेश मानने के बावजूद दंगों की राजनीति में अफसरों को भारी पड़ती दिखने लगी है। अफसरों के गले की फांस बनती जा रही दंगों की राजनीति का संकेत उस दौरान सामने आया, जब सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करने के बाद मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले उलेमा मौलाना अरशद मदनी ने जिला प्रशासनिक अधिकारियों की शिकायत की। मदनी के अनुसार सपा मुखिया और मुख्यमंत्री ने जहां दंगों में मारे गये लोगों के परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की घोषणा में लापता लोगों के परिवारों को भी ऐसी सुविधाएं देने की मांग मानी है, तो वहीं इन जिलों में काम करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की भी बात मान ली है। दरअसल सपा प्रमुख और मुख्यमंत्री से मुलाकात करके उलेमाओं ने शिकायत की थी कि उन्हें अब भी धमकियां मिल रही हैं और शामली जिला प्रशासन के कुछ अधिकारी उनकी सहायता में आनाकानी कर रहे हैं। हालांकि इससे पहले हर घोषणा और रणनीति पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सफाई देते भी नजर आए, लेकिन आम चुनाव में समय कम है और हर हालत में सपा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना वोट बैंक साधना है तो उसके लिए अफसरों पर कार्यवाही करने में भी सपा को गुरेज नहीं
होगा।
मुलायम को पीएम बनाने की रणनीति
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान जिस प्रकार साइकिल रैली निकाल कर बसपा को सत्ता से बाहर करने रणनीति अपनाई गई थी, उसी प्रकार अब लोकसभा चुनाव में सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को दिल्ली के तख्त पर बिठाने के लिए साइकिल यात्रा निकालने का निर्णय सपा ने लिया है। सपा प्रवक्ता के अनुसार उत्तर प्रदेश में सपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए पार्टी ने एक से सात फरवरी को सभी विधानसभा क्षेत्रों में साइकिल यात्रा के जरिए अखिलेश सरकार की उपलब्धियों का प्रचार किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बूथ स्तर पर चुनाव तैयारियों की गहन समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए हैं। बूथ प्रभारियों की बैठकों में लोकसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी, लोकसभा क्षेत्र प्रभारी, जिला एवं महानगर अध्यक्ष, महासचिव,सभी विधायक या पिछले चुनावों के प्रत्याशी विधानसभा क्षेत्रों के अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष तथा जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष शामिल होंगे।
15Jan-2014

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