मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021

हरियाणा में छह साल में तेजी से बढ़ा साइबर अपराध, नतीजा शून्य

साइबर अपराधियों पर नकेल कसना बड़ी चुनौती? राज्य में दर्ज हुए 2262 मामले, दोषसिद्ध पाए गये 47 आरोपी ओ़ पी़ पाल़ रोहतक। हरियाणा में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए पिछले साल 13 अगस्त को हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने हर जिले में साइबर रिस्पांस सेंटर स्थापित करके साइबर सेल को मजबूत बनाने का दावा किया था। हरियाणा पुलिस के साइबर अपराधों पर शिकंजा कसने के दावों के विपरीत पिछले छह साल के साइबर अपराधों के बढ़ते आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि साइबर अपराधों की चुनौती से निपटना आसान नहीं है। मसलन राज्य में पिछले छह साल में 2262 मामले दर्ज किये गये, लेकिन एक भी मामले का निपटान नहीं किया सका है। देश में डिजिटल भारत के बढ़ते कदमों के साथ तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने की दिशा में केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत राज्य सरकारें भी साइबर अपराध पर शिकंजा कसने के भरकस प्रयास कर रही हैं। ऐसे ही हरियाणा राज्य सरकार भी भारतीय साइबर अपराध से निपटने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के अलावा साइबर थानों की स्थापना करने में जुटी है। मसलन जब देश डिजिटल दुनिया में सोशल नेटवर्किंग, ऑनलाइन शॉपिंग, डेटा स्टोर करना, गेमिंग, ऑनलाइन स्टडी, ऑनलाइन जॉब जैसी गतिविधियां की पटरी पर हैं, तो उससे कहीं ज्यादा रफ्तार से डिजिटलीकरण में साइबर अपराधों की अवधारणा विकसित हो रही है, जिससे निपटने की चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। केंद्रीय गृहमंत्रालय के हाल ही में नौ फरवरी को संसद के बजट सत्र में पेश किये एनसीआरबी आधारित आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में साइबर अपराधों पर नजर डाली जाए तो राज्य में वर्ष 2014-19 के दौरान छह साल में साइबर अपराध के 2262 मामले दर्ज किये गये, जिनमें 749 आरोपपत्रित मामलों में 1140 लोगों आरोपित हुए। इनमें से 39 दोषसिद्ध मामले पाए गये, जिसमें 47 आरोपियों पर दोषसिद्ध हुआ। इन छह साल में साइबर अपराध करने के आरोप में कुल 1259 लोगों की गिरफ्तारी की गई। हरियाणा पुलिस ने इन छह सालों में कुल दर्ज किये गये मामलों में 2006 मामलों को विचारण के लिए रखा, लेकिन एक भी मामले का अब तक निपटान नहीं किया गया है। राज्य में जहां वर्ष 2014 में साइबर अपराध के 151 मामले दर्ज किये गये थे, वहीं यह संख्या साल दर साल बढ़ते हुए वर्ष 2019 में 564 हो गई। ------ मजबूत होंगे हरियाणा के साइबर सेल----- हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में पुलिस रेंज स्तर पर छह साइबर की स्थापना की मंजूरी देने के बाद 13 अगस्त 2020 को हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने मौजूदा साइबर सेल को मजबूत करने के लिए राज्य के हर जिले में साइबर रिस्पांस सेंटर स्थापित करने के फैसला लिया था। पुलिस महानिदेशक मनोज यादव का दावा है कि इस फैसले से प्रदेश में उस साइबर क्राइम पर लगाम कसने में ज्यादा मदद मिलेगी, जिसमें पिछले कुछ समय से साइबर क्राइम में सामने आ रहे नए प्रचलन पुलिस के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। डीजीपी मनोज यादव का कहना था कि साइबर रिस्पांस सेंटर डिजिटलीकरण और तेजी से आधुनिकीकरण के कारण उभरती चुनौतियों के बढ़ते खतरों के मद्देजन मौजूदा साइबर सेल को सुदृढ़ कर बनाए जाएंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि बैंक धोखाधड़ी, भुगतान गेटवे का मिसयूज, फेसबुक, ट्विटर आदि सहित साइबर संबंधी सभी शिकायतों का इन केंद्रों के माध्यम से निपटान किया जाएगा। ------------------------------ क्या है हरियाणा सरकर की योजना---- पिछले करीब छह साल में हरियाणा में जिस प्रकार साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, उसके मद्देनजर राज्य सरकार ने पिछले साल पंचकूला और गुरुग्राम में चल रहे मौजूद दो साइबर पुलिस थानों के अतिरिक्त रेंज स्तर पर रोहतक, हिसार, करनाल, अंबाला, रेवाड़ी और फरीदाबाद में छह सइबर थानों की स्थापना के लिए मंजूरी थी थी, जिनमें से हाल ही में रेवाड़ी में नया साइबर थाना शुरू कर दिया गया है। इन थानों को शुरू करने का मकसद हरियाणा पुलिस के साइबर अपराध पर शिकंजा कसने के नेटवर्क को मजबूती देना है। इस योजना से साइबर जालसाजों को रोकने व अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने में मदद मिल सकेगी। साइबर थानों की विशेषता यह होगी कि इनमें पुलिस स्टॉफ के अलावा साइबर विशेषज्ञ भी तैनात रहेंगे। दरअसल देश में बढ़ते डिजिटल युग में साइबर अपराध भी सिर चढ़कर बोल रहा है और साइबर अपराधी या जालसाजों ने लोगों को मोबाइल कॉल, संदेश या अन्य तौर तरीकों से उनके बैंक अंकाउंट से जमा धन चंद मिनटों में गायब कर देते है। वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए पर राजनेताओं के अलावा प्रमुख हस्तियों के फर्जी प्रोफाइल को हैक करने के मामले लगातार आ रहे हैं। यही नहीं कई ऑनलाइन स्कैमर्स लोगों से पैसे ऐंठने के लिए मशहूर हस्तियों के फर्जी अकांउट्स का उपयोग कर रहे हैं और सरकार की ऑनलाइन योजनाओं पर भी फर्जी तरीके से पंजीकरण के नाम पर धन ऐंठने में भी साइबर अपराधी पीछे नहीं हैं। ----------------- महिलाओं व बच्चों के प्रति साइबर अपराधों पर अंकुश का प्रयास----- केंद्र सरकार ने पिछले साल जनवरी में खासतौर से महिलाओं, बच्चों, विशेष रूप से बाल पोर्नोग्राफी, बाल यौन शोषण सामग्री, रेप/गैंग रेप से संबंधित ऑनलाइन सामग्री, आदि के खिलाफ अपराधों पर विशेष ध्यान देने के साथ सभी साइबर अपराधों को दर्ज करने और व्यापक और समन्वित तरीके से तमाम साइबर अपराधों से निपटने की योजना की दिशा में नई दिल्ली में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र स्थापित करके राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल शुरू किया था। इस योजना में नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट, नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल, नेशनल साइबर क्राइम ट्रेनिंग सेंटर, साइबर क्राइम इकोसिस्टम मैनेजमेंट यूनिट, नेशनल साइबर क्राइम रिसर्च एंड इनोवेशन सेंटर, नेशनल साइबर क्राइम फॉरेंसिक लैबोरेट्री ईको सिस्टम और प्लेटफॉर्म फॉर ज्वाइंट साइबर अपराध जांच दल जैसे सात घटक हैं। यह पोर्टल एक नागरिक-केंद्रित पहल है जो पोर्टल के माध्यम से नागरिकों को साइबर अपराधों की ऑनलाइन रिपोर्ट करने में सक्षम बनाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहल पर हरियाणा समेत करीब डेढ़ दर्जन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में क्षेत्रीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। सभी साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए एक्सेस उपलब्ध है।------- थानों में साइबर विशेषज्ञों की टीम, केस सुलझाने में इंप्रूवमेट होगा--- साइबर अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटने के मकसद से ही हरियाणा में साइबर थाने, नेशनल साइबर क्राइम ट्रेनिंग सेंटर खोले जा रहे हैं। थानों में विशेषज्ञ पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की ही तैनाती की जा रही है, इससे पहले उन्हें तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है। हमारा प्रयास रहेगा कि गुगल और सोशल मीडिया से बेहतर समन्वय बने। इसका लाभ ये होगा कि साइबर क्राइम से जुड़े केस सुलझाने में मदद मिलेगी। अब तक के साइबर अपराधों के निपटान की बात की जाए तो कई केस ऐसे हैं जिनमें तकनीकी उलझनें इतनी हैं कि केस सुलझाना आसान नहीं। ऐसा भी नहीं कहा जा सकता कि साइबर अपराधों का निपटान नहीं हो पा रहा है। जिस प्रकार से तकनीकी विकसित करने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किए जा रहे हैं और साइबर विशेषज्ञों से लैस साइबर थाने खोले जा रहे हैं, तो ज्यादा मामले दर्ज होंगे। थाने खुलने से साइबर क्राइम के केस सुलझाने में इंप्रूवमेंट होगा। आधुनिक तकनीक से ज्यादा से ज्यादा मामलों का निपटान होगा। -संदीप खिरवार, (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, रोहतक रेंज) --------------------------------------- हरियाणा: आंकड़ों में साइबर अपराध --------------------- ------------------------2014--2015---2016----2017---2018---2019---=(2014-19) दर्ज मामले-सीआर 151 224 401 504 418 564= 2262 आरोपपत्रित मामले-सीसीएस 62 87 98 130 184 188= 749 दोष सिद्ध मामले-सीओएन 3 2 12 11 5 6= 39 निपटाए गये मामले-सीडीएस 0 0 0 0 0 0= 00 बरी किये गये मामले-सीएक्यू 35 24 33 77 34 40= 243 वर्षांत मे विचारण हेतु लंबित मामले-सीपीटीईवाई 150 211 263 318 461 603= 2006 गिरफ्तार व्यक्ति-पीएआर 121 205 148 211 260 314= 1259 आरोपपत्रित व्यक्ति-पीसीएस 101 189 113 197 252 288= 1140 दोषसिद्ध व्यक्ति-पीसीवी 4 2 14 12 5 10= 47 ----------- 22Feb-2021

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