सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

केंद्रित सुधार योजना में मध्य प्रदेश अव्वल

निर्धारित चारों नागरिक सुधार लागू करने वाला पहला राज्य बना बिजली सुधार: किसानों के बैंक खातों में पहुंची 32.07 करोड़ बिजली सब्सिडी ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। मध्य प्रदेश आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत राज्यों में आर्थिक सुधार की दिशा नागरिक केंद्रित सुधार योजना में निर्धारित चारों नागरिक सुधारों को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। हालांकि मध्य प्रदेश इन चारों सुधारों को लागू करने से पहले तीन सुधार लागू करते ही योजना के प्रावधानों के तहत पूंजीगत व्यय के लिए विशेष वित्तीय सहायता हासिल करने का हकदार बन गया था।सुधारों के साथ ही योजना के प्रावधानों के तहत पूंजीगत व्यय के लिए विशेष वित्तीय सहायता हासिल करने का हकदार बन गया था। वैश्विक कोरोना महामारी के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा गत 12 अक्टूबर को आत्मनिर्भर भारत पैकेज 2.0 जारी करने के दौरान ऐलान किया था कि इस पैकेज के एक हिस्से के रूप में निधारित वन नेशनवन राशन कार्ड रिफॉर्म, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिफॉर्म, अर्बन लोकल बॉडी/यूटीलिटी रिफॉर्म और पॉवर सेक्टर रिफॉर्म में से तीन सुधारों को पूरा करने वाले राज्यों को दूसरा लाभ पूंजीगत व्यय के रूप में दो हजार करोड़ रुपये की राशि अतिरिक्त वित्तीय सहायता के रूप देने का प्रावधान किया गया है। मंत्रालय ने बताया कि मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश ने अपने अपने राज्यों में निर्धारित चार नागरिक केंद्रित सुधारों में से शहरी निकाय सुधारों तरीके से तीन सुधारों वन नेशन-वन राशन कार्ड रिफॉर्म, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिफॉर्म और शहरी निकाय सुधारों को सबसे पहले पूरा किया। अब मध्य प्रदश ने चौथे सुधार के रूप में पॉवर सेक्टर में सुधारों को लागू करके आत्मनिर्भर भारत मिशन में एक मिसाल कायम की है, जिसमें सबसे पहले चारों नागरिक केंद्रित सुधारों को लागू किया गया है। केंद्र की योजना के तहत इससे पहले जनवरी के पहले सप्ताह में ही चार में से तीन सुधारों को लागू करके मध्य प्रदेश व आंध्र प्रदेश एक पुरस्कार के रूप में पूंजीगत व्यय के लिए विशेष सहायता के तहत 1,004 करोड़ रूपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता के हकदार बन गये थे, जिसमें मध्य प्रदेश को 660 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि देने का ऐलान किया गया। यह राशि इन दोनों राज्यों को इन सुधारों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त ऋण हेतु पहले जारी हो चुकी 14,694 करोड़ रुपये की अनुमति के अलावा एक पुरस्कार के रूप प्रदान की गई है। केंद्र सरकार ने इन चारों सुधारों के लिए राज्यों को 15 फरवरी तक की अवधि को पहले ही बढ़ाया हुआ है। चौथे सुधार के लिए 1423 करोड़ की अनुमति वित्त मंत्रालय के अनुसार मध्य प्रदेश द्वारा चौथे और अंतिम सुधार यानि बिजली क्षेत्र में सुधारों को लागू करने से राज्य को अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद यानि जीएसडीपी के 0.15 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त वित्तीय पूंजी जुटाने का हक मिल गया है। यानि इसके तहत केंद्र सरकार ने राज्य को पहले से जारी धनराशि के अलावा खुले बाजार में 1423 करोड़ रुपये कर्ज लेने की अनुमति प्रदान कर दी है। हालांकि मध्य प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2020 से राज्य के विदिशा जिले में किसानों को बिजली के तहत मिलने वाली सब्सिडी को सीधे बैंक खाते में देनी शुरू कर दी थी। मसलन अब तक 60,081 लाभार्थियों के बैंक खातों में 32.07 करोड़ रुपये डीबीटी के जरिए भेजे गए हैं। इसके अलावा राज्य ने झाबुआ और सिवनी जिलों में भी डीबीटीयोजना को लागू करने के लिए एक प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले चरणमें 3 जिलों में योजना के लागू होने के बाद उससे मिले अनुभव के आधार पर योजना को वित्त वर्ष 2021-22 में पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। बिजली क्षेत्र में तीन सुधार मंत्रालय के अनुसार हालांकि बिजली क्षेत्र के तीन सुधारों में बाकी दो सुधारों को लागू करना है। इन तय लक्ष्यों के अनुसार राज्य को जीएसडीपी के 0.05 फीसदी के बराबर कुल तकनीकी और वाणिज्यिक ह्रास (टेक्निकल एंड कॉमर्शियल लॉस) को लाना होगा। वहीं औसत बिजली आपूर्ति लागत और औसत कमाई (रेवेन्यू रियलाइजेशन) के अंतर को जीएसडीपी के 0.05 फीसदी के बराबर लाना है। 29Jan-2021

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