सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

एमएसपी योजना के दायरे में शामिल हुए 14 नए लघु वन उत्पाद

कोरोना में प्रभावित आदिवासियों की आर्थिक दशा में सुधार की कवायद हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। वैश्विक कोविड महामारी की वजह से पैदा हुए अभूतपूर्व संकट से प्रभावित आदिवासियों की आर्थिक दशा सुधारने की दिशा में केई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसी मकसद से केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में संशोधन करके 14 अतिरिक्त लघु वन उत्पादों को सूची में शामिल किया है। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संकट के कारण पूरी तरह से प्रभावित वंचित आदिवासियों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के माध्यम से लघु वन उपज (एमएफपी) के विपणन के लिए तंत्र और एमएफपी के लिए मूल्य श्रृंखला का विकास और बदलाव के रूप में सामने आया है। देश के 21 राज्यों में राज्य सरकार की एजेंसियों के सहयोग से भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ-टीआरआईएफईडी द्वारा संकल्पित और कार्यान्वित यह योजना अप्रैल 2020 से आदिवासी अर्थव्यवस्था में सीधे तौर पर 3000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा करने वाले आदिवासी संग्रहकर्ताओं के लिए बड़ी राहत का स्रोत बनकर उभरी है। यह मुख्य रूप से सरकार के समर्थन और राज्य सरकारों की सक्रिय भागीदारी के कारण संभव हो सका है। आदिवासी पारिस्थितिकी तंत्र में सरकार द्वारा अत्यंत आवश्यक नकदी प्रदान की गई है, जो प्रतिकूल समय में बहुत जरूरी है। वन उपज के आदिवासी संग्रहकर्ताओं को पारिश्रमिक और उचित मूल्य प्रदान करने के अपने पहले से जारी प्रयासों के साथ, जनजातीय कार्य मंत्रालय ने लघु वन उपज की सूची के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को संशोधित किया है और 14 अतिरिक्त लघु वन उत्पादों को सूची में शामिल किया है। इन नए उत्पादों में काजू बीज, एलफैंट एप्पल सूखा, असर कोकून, बांस की गोली, मलकानगनी बीज, माहुल पत्तियां, नागोद, गोखरु, पिप्पा, गमर, ओरोक्सिल्यूमिंडिकम, जंगली मशरुम, श्रृंगाराज और ट्री मॉस आदि शामिल है।इन उत्पादों में अतिरिक्त मदों की यह सिफारिश में 23 लघु वन उत्पादों को शामिल करने के लिए सूची को संशोधित किया गया था। आदिवासी लोगों के सशक्तीकरण में सुधार केंद्र सरकार ने 2011 में लघु वन उत्पादों-एमएफपी की एक चुनिंदा सूची के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) "न्यूनतम समर्थन मूल्य के माध्यम से लघु वन उत्पादों के विपणन तंत्र और एमएफपी के मूल्य श्रृंखला का विकास" के माध्यम से पेश किया था, ताकि वंचित वन वासियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा सके और उनका सशक्तिकरण में सहायता सहायता प्रदान की जा सके। इन आदिवासी लोगों की आजीविका और सशक्तीकरण में सुधार के लिए शीर्ष राष्ट्रीय संगठन के रूप में भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ-टीआरआईएफईडी, योजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी है। वन धन आदिवासी स्टार्ट-अप्स भी इसी योजना का एक घटक है, जो एमएसपी योजना को अच्छी तरह से लागू कर रहा है और आदिवासी संग्रहकर्ताओं और वन वासियों तथा घर में रहने वाले आदिवासी कारीगरों के लिए रोज़गार सृजन का एक स्रोत बन गया है। 01Feb-2021

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