सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

सरकार का गांव, गरीब और किसानों पर होगा विशेष फोकस!

देश की अर्थव्यवस्था में सुधार में केंद्रीय बजट की अहम भूमिका ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। संसद में कल सोमवार को केंद्रीय बजट-2021-22 पेश होगा। मोदी सरकार का यह बजट वैश्विक कोरोना महामारी के कारण देश की प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला साबित हो सकता है। वहीं बजट में देश के बुनियादी विकास के साथ विभिन्न क्षेत्रों के कारोबारियों के अलावा गांव, गरीब और किसानों की आर्थिक उन्नति पर भी फोकस रहने की उम्मीद है। संसद के बजट सत्र में कल एक फरवरी को लोकसभा में सुबह 11 बजे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वाला केंद्रीय बजट 2020-22 पेश करेंगी। सीतारमण के बजट भाषण पर पूरे देश की नजरें लगी होंगी, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में कोरोना वायरस से प्रभावित हुई आर्थिक गतिविधियों को पटरी लाने के लिए सरकार के बजट में प्रावधान शामिल करने की उम्मीदें हैं। माना जा रहा है कि कोरोना महामारी के कारण देश क अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लेन के लिए मोदी सरकार का यह बजट 2021-22 काफी महत्वपूर्ण होगा। ऐसी भी संभावनाएं हैं कि कोरोना महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से निपटने के लिए आर्थिक पैकेज की तर्ज पर केंद्रीय बजट में ऐसी घोषणाएं होंगी, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था को गति मिल सके। मसलन सरकार अर्थव्यवस्था की इस मंदी को पुनर्जीवित करने के प्रयास में विशेष व्यय प्रावधान करने की उम्मीद है। इसमें सरकार नई सड़कों और बंदरगाहों के निर्माण जैसी बुनियादी सुविधाओं पर खर्च बढ़ा सकती है और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए निर्माताओं को प्रोत्साहन प्रदान कर सकती है। ऐसे केई संकेत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान दिये हैं। पीएम मोदी ने भारत को कई क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाने के लिए भूमिका का जिक्र किया है। किसानों व गरीबों को मिल सकता है तोहफा मोदी सरकार किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने और देश के हर गरीब को पक्का मकान समेत गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास की प्राथमिकता पर काम करने का दावा करती आ रही है। इसलिए कोरोना महामारी के संकट काल में जब विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र के विकास पर प्रभावित होने के बावजूद देश में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र की गतिविधियों को थमने नहीं दिया गया। इसी लिहाज से किसान और कृषि क्षेत्र की ताकत को मजबूत करने की दिशा में कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में नए कृषि कानून बनाए, हालांकि इन कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन के रूप में मुखर है, लेकिन कृषि सुधार पर इस तकरार और कोरोना की मार से उबरने की उम्मीदों के बीच आम बजट में उम्मीद की जा रही है कि मोदी सरकार का गांव, गरीब और किसान की उन्नति को प्राथमिकता देने के कृषि और ग्रामीण विकास को ज्यादा तरजीह दी जाएगी। ऐसे संकेत संसद में 29 जनवरी को पेश आर्थिक समीक्षा में कृषि व संबद्ध क्षेत्र की संवृद्धि दर बरकरार रखने का अनुमान लगाया गया है। इसलिए कृषि विशेषज्ञ मान रहे हैं कि कल पेश होने वाले बजट में कृषि एवं ग्रामीण विकास क्षेत्र की प्रमुख योजनाओं के बजटीय आवंटन में इजाफा किया जा सकता है। किसानों को सस्ती ब्याज दरों पर अल्पकालीन कृषि ऋण मुहैया करवाने की स्कीम पर भी सरकार का फोकस होगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना समेत कृषि क्षेत्र की अन्य योजनाओं को इस बजट में भी सरकार तरजीह दे सकती है। माना जा रहा हैं कि कृषि के साथ-साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की योजनाओं को भी आगामी बजट में सरकार प्रमुखता देगी, जोकि किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। विकास संबन्धी योजनाओं का विस्तार मोदी सरकार के आम बजट में कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास के अलावा गरीबी उन्मूलन, जल एवं स्वच्छता, रक्षा, सड़क, रेल, स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा क्षेत्र, रियल एस्टेट, औद्योगिक आर्थिक विकास, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, उद्योग, वाणिज्य एवं निवेश जैसे प्रस्तावों को भी विस्तार दे सकती है। वहीं देश के बुनियादी ढांचे की अवसंरचना में राजमार्ग, जल मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग क्षेत्र में भी आधुनिक विकास की योजनाओं का ऐलान किया जा सकता है। जबकि वित्तीय क्षेत्र में भी जिस प्रकार की बैंकों के विलय करने की नीति बनाई गई है, इसके लिए भी बजट में अहम निर्णय होने की संभावनाएं बनी हुई हैं। वहीं आयकर दाताओं के लिए भी कोरोना संकट के मद्देनजर राहत दिये जाने की संभावनाएं जताई जा रही है। हालांकि सरकार बजट में राजकोषीय घाटा पाटने के उपायों को भी सामने रखेगी, जिसमें सरकार के सामने आर्थिक समीक्षा में लगाए गये अनुमान के आधार पर जीडीपी दर को छूने की भी चुनौती होगी, जिसके मद्देजनर केंद्रीय बजट की तस्वीर इसका संकेत देगी। 01Feb-2021

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