सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

भारतीय रेलवे ने 18 रेल मार्गो पर चलाई किसान रेलगाड़ियां

अब तक 157 किसान रेल में की गई 49 हजार टन से अधिक माल ढुलाई फल एवं सब्ज़ियों की ढुलाई पर 50 फीसदी की सब्सिडी का प्रावधान हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। वैश्विक कोरोना महामारी के बावजूद पिछले साल केंद्रीय बजट की घोषणाओं पर अमल करते हुए भारतीय रेलवे ने किसानों के उत्पादों को रेल परिवहन मुहैया कराने की दिशा में अब तक देश के 18 रेल मार्गो पर 157 किसान रेलगाड़ियों का परिचालन किया है। किसान रेल के जरिए देश के एक कोने से दूसरे कोने तक ने दूध, मीट और मछली सहित जल्दी ख़राब होने वाले खाद्य पदार्थ और कृषि उत्पादों समेत 49 हजार टन से अधिक माल की ढुलाई की गई है। रेल मंत्रालय के अनुसार केन्द्रीय बजट 2020-21 में की गई घोषणा के अनुसार भारतीय रेलवे ने दूध, मीट और मछली सहित जल्दी ख़राब होने वाले खाद्य पदार्थ और कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए किसान रेल सेवा शुरू कर दी है। यह मल्टी-कमोडिटी, मल्टी-कंसाइनर/कंसाइनी, मल्टी-लोडिंग/अनलोडिंग परिवहन सेवा है, जिसका उद्देश्य किसानों को बड़े स्तर पर बाज़ार उपलब्ध कराना है। किसान रेल सेवा का मुख्य उद्देश्य उत्पादन केन्द्रों को बाज़ार और उपभोक्ता केन्द्रों से जोड़कर कृषि क्षेत्र की आय को बढ़ाना है। भारतीय रेलवे किसान रेल सेवा को औपचारिक रूप से शुरू करने की योजना बनाने के लिए कृषि मंत्रालय, राज्य सरकारें और स्थानीय निकायों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है। डिमांड संबंधी रुझान और हितधारकों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर रेलवे ने अब तक 18 रूटों पर किसान रेल सेवा संचालित करना शुरू कर दिया है। किसान रेल के माध्यम से बुक की जाने वाली वस्तुओं पर ‘पी’ स्केल का माल शुल्क लगाया जाता है। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की ‘ऑपरेशन ग्रीन्स-टोप टू टोटल’ योजना के तहत किसान रेल के माध्यम से फल एवं सब्ज़ियों की ढुलाई पर 50 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है। ये सब्सिडी कन्साइनर/किसान को अपने सामान की बुकिंग के समय पर ही दी जा रही है, ताकि ये लाभ बिना किसी झंझट और देरी के किसानों तक पहुंच सके। अगस्त में चलाई गई पहली किसान रेल रेलवे के अनुसार गत 07 अगस्त 2020 को देवलाली (महाराष्ट्र) और दानापुर (बिहार) के बीच हरी झंडी दिखाकर पहली किसान रेल की शुरूआत की गई थी, जिसके बाद इसमें विस्तार करते हुए भारतीय रेलवे ने निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार 18 रूटों पर 157 किसान रेल सेवाएं संचालित की जा चुकी हैं, जो 49000 टन से अधिक माल की ढुलाई कर रही हैं। अब तक जिन रूटों पर किसान रेल सेवाएं संचालित की जा रही हैं, संचालित किया जाता है, और रास्ते में आने वाली किसी बाधा या देरी से बचाने के लिए इनकी समय की पाबंदी के पैमाने पर कड़ी निगरानी की जाती है। मुख्य रूप से जिन वस्तुओं को किसान रेल के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा रहा है, उनमें प्याज़, टमाटर, संतरा, आलू, अनार, केला, शरीफा, गाजर, शिमला मिर्च और अन्य सब्ज़ियां शामिल हैं। ये किसान रेल के 18 रुट रेल मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेलवे की किसान रेल सेवाओं में अब तक चलाई जा रही किसान रेलगाड़ियों में देवलाली से दानापुर और अब संगोला से मुज़फ्फरपुर, अनंतरपुर से आदर्श नगर दिल्ली, यशवंतपुर से निज़ामुद्दीन, नागपुर से आदर्श नगर दिल्ली, छिंदवाड़ा से हावड़ा/न्यू तिनसुकिया, संगोला से वाया सिकंदराबाद हावड़ा, संगोला से शालीमार, इंदौर से न्यू गुवाहाटी, रतलाम से न्यू गुवाहाटी, इंदौर से अगरतला, जालंधर से जिरानिया, नागरसोल से न्यू गुवाहाटी, नागरसोल से चितपुर, नागरसोल से न्यू जलपाईगुड़ी, नागरसोल से नौगचिया, नागरसौल से फतुहा, नौगरसौल से बैहाटा और नागरसौल से मालदा टाउन तक शामिल हैं। 31Jan-2021

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