सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

राष्ट्रपति केअभिभाषण के साथ शुरू हुआ संसद का बजट सत्र

किसानों से लेकर कोरोना तक मोदी सरकार के कदमों को सराहा राष्ट्रपति कोविंद ने लाल किला पर तिरंगे के अपमान पर दी नसीहत हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र की शुरूआत राष्ट्रपति कोविंद के अभिभाषण के साथ शुरू हो गई है। इस दौरान अभिभाषण में बोलते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने गणतंत्र दिवस पर लाल किला पर तिरंगे के अपमान, कृषि कानून, भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध, गलवां घाटी में शहीद हुए जवानों, कोरोना वायरस, देश की अर्थव्यवस्था, आत्मनिर्भर भारत मिशन, जल जीवन मिशन, कोरोना वैक्सीन जैसे अनेक मुद्दों को उजागर किया। कोरोना महामारी के कारण शायद यह पहला मौका है जब संयुक्त सदनों की बैठक में संसद सदस्य केंद्रीय कक्ष के अलावा लोकसभा और राज्यसभा कक्ष में भी बैठाए गये। संसद के बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के संबोधन में कोविंद ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण के 91 बिंदुओं में मोदी सरकार की उपलब्धियों और देश व समाज हित में उठाए गये कदमों का जिक्र किया, जिसके लिए सदस्यों ने मेजे थपथपाकर अभिवादन किया। कोरोना महामारी के मद्देनजर शायद आजाद भारत के इतिहास में पहली बार संसद सदस्यों और मंत्रिपरिषद के सदस्यों को लोकसभा और राज्य सभा कक्ष में भी बैठाया गया। अपने अभिभाषण में कोविंद ने गणतंत्र दिवस पर लाल किला पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के हुए अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए नसीहत दी और कहा कि संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है, कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए। राष्ट्रपति कोविंद कहा कि कोरोना काल में मोदी सरकार के फैसलों की वजह से लाखों लोगों की जानें बचीं। कृषि कानूनों को बेहतर बताते हुए कहा कि इन कानूनों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं दी है और नए अधिकार भी। उन्होंने कोरोना महामारी जैसे संकट को लेकर कहा कि चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा। भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है। महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है। सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है। कोरोना काल में अर्थव्यवस्था पर रहा फोकस राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज के जरिए केंद्र सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया। सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की। महामारी के दौरान गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 50 करोड़ मैन डेज के बराबर रोजगार पैदा हुए। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि करीब 31 हजार करोड़ रुपए गरीब महिलाओं के जनधन खातों में सीधे ट्रांसफर भी किए और उज्ज्वला योजना में गरीब महिलाओं को 14 करोड़ से अधिक मुफ्त गैस सिलेंडर दिये। वहीं आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत देश में 1.5 करोड़ गरीबों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिला है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत सरकार ने 22 नए ‘एम्स’ को भी मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए गर्व की बात है कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। इस प्रोग्राम की दोनों वैक्सीन भारत में ही निर्मित हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 6 वर्षों में जो कार्य किए गए हैं, उनका बहुत बड़ा लाभ हमने इस कोरोना संकट के दौरान देखा है। कृषि और किसानों का रखा गया ख्याल अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति ने कृषि क्षेत्र और किसानों को लेकर कहा कि सरकार ने बीते 6 वर्षों में बीज से लेकर बाज़ार तक हर व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया है, ताकि भारतीय कृषि आधुनिक भी बने और कृषि का विस्तार भी हो। मेरी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करते हुए लागत से डेढ़ गुना एमएसपी देने का फैसला भी किया था। सरकार आज न सिर्फ एमएसपी पर रिकॉर्ड मात्रा में खरीद कर रही है, बल्कि खरीद केंद्रों की संख्या को भी बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि 2013-14 में जहां 42 लाख हेक्टेयर जमीन में ही माइक्रो-इरिगेशन की सुविधा थी, वहीं आज 56 लाख हेक्टेयर से ज्यादा अतिरिक्त जमीन को माइक्रो-इरिगेशन से जोड़ा जा चुका है। नए कृषि कानून बदलेंगे किसानों की तकदीर कृषि क्षेत्र को नई दिशा और किसानों की आय में बढ़ोतरी के इरादे से ही सरकार ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं। इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ। इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं। इसके अलावा लघु सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि, कृषि बीमा, मत्स्य योजना, खाद्यान्न उत्पादन, का भी जिक्र किया। वहीं उन्होंने राम मंदिर, जम्मू कश्मीर में जिला परिषद चुनाव, स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग पर ‘वोकल फार लोकल’ के जिक्र करने के साथ सरकार की मुद्रा योजना, महिलाओं की भागीदारी एवं स्वरोजगार, जनधन एवं उज्ज्वला योजना, नये एम्स को मंजूरी, शौचालयों का निर्माण का भी उल्लेख किया। उनके भाषण में सांसदों ने टीकाकरण अभियान, प्रत्यक्ष विदेश निवेश में वृद्धि, आधारभूत ढांचे के विकास के लिये निवेश, बोडो शांति समझौता, नक्सली हिंसा में कमी, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति भंग करने के प्रयास, भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध जैसी चुनौतियों से निपटने की नीतियों को भी सराहा। 30Jan-2021

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