शुक्रवार, 9 अगस्त 2013

आखिर विपक्ष के आगे झुका उच्च सदन!

हंगामा करने वाले सांसदों की सूची पर बिफरी भाजपा का वाक आउट
ओ.पी. पाल

संसद के उच्चसदन राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान हंगामा करने वाले माननीयों के नाम लिखित में सार्वजनिक किए जाने की नई परंपरा अपने पहले ही दिन सदस्यों के गुस्से और कोप का शिकार हो गयी। बुधवार को रक्षामंत्री के बयान को लेकर जिस कदर हंगामा हुआ उसे देखते हुए सभापति ने 22 सांसदों के नाम की सूची बृहस्पतिवार को क्या जारी की एक बार फिर सदन में हंगामा हो गया। जिन सांसदों को हंगामाई करार दिया गया था वे एवं उनके समर्थन में समूची भाजपा ने सदन का बहिँगमन कर दिया परिणामस्वरूप सरकार की सलाह पर पीठ ने यह नई परंपरा वापस लेने का आश्वासन दिया तब कहीं जाकर सदन को व्यवस्थित किया जा सका।
संसद के मानसून सत्र के पहले दिन से ही संसद के दोनों सदनों में हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित होती आ रही है। उच्च सदन के प्रतिदिन जारी होने वाले संसदीय समाचार में राज्यसभा के इतिहास में शायद पहली बार उन सांसदों की सूची जारी की गई जिन्होंने सात अगस्त को सदन में हंगामा किया था। इन सूचीबद्ध सांसदों पर राज्यसभा के नियमों और शिष्टाचार का उल्लंघन करके घोर अनुचित आचरण करते हुए सभापीठ के आसन के समक्ष आ जाने और लगातार जानबूझकर सभा की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने का आरोप है जिसके कारण सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। सबसे खास बात ये है कि इन 22 सांसदों की सूची में भाजपा के 20 सांसदों के नाम हैं जबकि दो तेदेपा के सांसदों का नाम प्रकाशित किया गया है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इसी मुद्दे पर प्रमुख विपक्षी दल बिफर गया और सख्त ऐतराज जताते हुए हंगामा किया। हंगामे के बाद भाजपा सदस्यों ने सदन से वाक आउट कर दिया। यह देख सभापति हामिद अंसारी ने 11.13 बजे सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
आश्वासन पर सदन में लौटै भाजपा सांसद
उच्च सदन की कार्यवाही जब तीन बार के स्थगन के बाद दो बजे पुन: शुरू हुई तो सदन में पहुंचे संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने हंगामेदार सूची वाले संसदीय समाचार पर भाजपा सांसदों की भावनाओं को सम्मान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस बारे में सदस्यों से बातचीत भी की गई है। कमलनाथ ने कहा कि शुरू की गई इस पंरपरा को बंद किया जाना चाहिए और पीठ से अनुरोध किया कि वे इस सूची पर पुनर्विचार करें। इसके बाद पीठ पर मौजूद उपाध्यक्ष प्रो. पीजे कुरियन ने इस सूची को वापस लेने की बात करते हुए सभी भाजपा सदस्यों से सदन में वापस आने की अपील की और कहा कि बिना विपक्ष के संसदीय कार्यवाही चलाना उचित नहीं है। इस अपील पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव शुक्ला गैलरी में जमा सभी भाजपा सदस्यों को सदन में लेकर आए। इससे पहले करीब तीन घंटे तक भाजपा सदस्यों का वाक आउट जारी था।
भाजपा ने जताया ऐतराज
राज्यसभा में इन सांसदों की सूची जारी करने पर बिफरी भाजपा ने तर्क दिया कि बुधवार को कार्यवाही के दौरान सभी पार्टियों के सदस्यों ने हंगामा किया था, जिसमें कांग्रेस के भी सांसाद शामिल थे, लेकिन केवल विपक्षी दलों के नाम ही क्यों शामिल किये गये? इस सूची पर सदन में वेंकैया नायडू ने कहा कि भाजपा सदन में शांतिपूर्ण बहस चाहती है। प्रतिपक्ष नेता अरूण जेटली ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि बुधवार को रक्षा मंत्री के बयान पर हंगामा करने वाले उन भाजपा सदस्यों को भी सूचीबद्ध कर दिया गया है जो सदन में थे ही नहीं और जो थे वे अपनी-अपनी सीट पर बैठे थे। जेटली ने कहा कि तेलंगाना के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के मंत्री और सांसद भी आपस में भिड़े हैं, लेकिन सूची में उनका नाम नहीं डाला गया है और कांग्रेस के मणिशंकर अय्यर व सपा सदस्य नरेश अग्रवाल की तकरार को भी नजर अंदाज कर दिया गया। इन सवालों को उठाते हुए सदन का बहिष्कार करने से पहले जेटली ने सूची वापस करने की मांग भी की। तरूण विजय, धर्मेन्द्र प्रधान, माया सिंह और स्मृति ईरानी सहित कई सदस्य हैं जो आसन के करीब हंगामे में शामिल नहीं थे।
इन सांसदों के नाम हुए प्रकाशित
हंगामा करने वालों की जारी सूची में तेलगू देशम पार्टी वाई एस चौधरी व सी एम रमेश के अलाव भाजपा के सभी 20 सदस्यों में जगत प्रकाश नाड्डा, पुरुषोत्तम खोडाभाई रुपाला, अविनाश राय खन्ना, स्मृति ईरानी, धर्मेंद्र प्रधान, वी पी सिंह बदनौर, ओम प्रकाश माथुर, बी पी परमार, भूपेंद्र यादव, नातूजी हालाजी ठाकोर, दिलीपभाई पांड्या, भूषणलाल जंगड़े,प्रभाकर कोरे, तरुण विजय, फग्गन सिंह कुलस्ते, रंगासाईं रामाकृष्णा, नंद कुमार साईं, माया सिंह, मनसूख मनडाविया तथा शंकरभाई वेगाड का नाम प्रकाशित किया गया है।
09Aug-2013

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