सोमवार, 19 अगस्त 2013

रालोद ने शुरू की हाईकोर्ट बैंच की सियासत!

यूपी सरकार से केंद्र को नहीं मिला कोई प्रस्ताव
ओ.पी. पाल

भले ही उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अभी तक केंद्र सरकार के पास पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट की बैंच स्थापित करने का कोई प्रस्ताव न हो, लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी को देखते हुए राष्ट्रीय लोकदल ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में हाई कोर्ट बैंच के मुद्दे पर सियासत शुरू कर दी है।
आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटा राष्ट्रीय लोकदल खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक जमीन को बनाये रखने की कवायद में रणनीति बनाने लगा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में रालोद ने पहले ही इलाहाबाद हाई कोर्ट बैंच की स्थापना, पश्चिमी उत्तर प्रदेश को हरित प्रदेश के रूप में अलग प्रदेश बनाने तथा जाटों को आरक्षण देने के मुद्दों पर संघर्ष करने का ऐलान कर दिया है। आगामी लोकसभा में रालोद इन्हीं खास तीन मुद्दों पर चुनाव में जाने की तैयारी कर रहा है। इनमें से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना के लिए रालोद के महासचिव जयंत चौधरी ने केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल को एक दृष्टिकोण यानि स्मरण पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने केंद्रीय कानून मंत्री को गत नौ अप्रैल को इलाहाबाद हाई कोर्ट की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बैंच की स्थापना के लिए एक पत्र लिखा था, जिस पर गंभीरता के साथ विचार किया जाना चाहिए। यही नहीं रालोद अध्यक्ष एवं नागर विमानन मंत्री अजित सिंह व सांसद जयंत चौधरी ने कानून मंत्री कपिल सिब्बल से मुलाकात भी की। हालांकि केंद्रीय कानून मंत्री ने इस पत्र के जवाब में स्पष्ट कर दिया है कि आज तक इस तरह का कोई भी प्रस्ताव केंद्र सरकार को उत्तर प्रदेश सरकार ने नहीं भेजा है। इसलिए इस मुद्दे पर केंद्र सरकार तब तक विचार नहीं कर सकती जब तक राज्य सरकार से कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार को प्राप्त नहीं हो जाता। कानून मंत्री के इस पत्र के जवाब के बाद मथुरा के सांसद जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी इस संबन्ध में पत्र लिखा है कि वे ऐसा प्रस्ताव भेजने पर विचार करें। इसमें उन्होंने तर्क दिया है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को इलाहाबाद जाना पड़ता है यदि हाईकोर्ट बैंच पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थापित होगी तो इस क्षेत्र के लोगों को न्याय के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी।
सपा सरकार पर सियासी वार
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव जयन्त चौधरी यह जानते हुए कि अस्सी के दशक से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वकीलों की हाईकोर्ट बैंच की स्थापना के लिए चल रहे आंदोलन के बावजूद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, भाजपा, बसपा व सपा की सरकारें रही हैं, लेकिन व्यापक स्तर पर हुए आंदोलनों में वकीलों को आश्वासन के अलावा किसी भी पार्टी की सरकार ने केंद्र सरकार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की खंडपीठ की स्थापना के लिए कोई प्रस्ताव भेजने की जहमत नहीं उठाई। ऐसे में यही माना जा रहा है कि रालोद ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह मुद्दा उठाकर उत्तर प्रदेश की सपा सरकार पर सियासी वार करके उसे जनता के सामने कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है।
19 Aug-2013


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