सोमवार, 12 अगस्त 2013

संसद में हंगामे के बादल छंटने के आसार नहीं!

सरकार के पास विधायी कार्यो का अंबार
ओ.पी. पाल

संसद के मानसून में सत्र जब सोमवार से दूसरे सप्ताह की कार्यवाही शुरू होगी तो सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर गतिरोध उसी तरह फूटकर सामने आएगा जैसा पहले सप्ताह में सामने आया था। इस सत्र की 16 बैठकों में 62 विधायी कार्य कराने के लक्ष्य को लेकर आई सरकार पहले हμते में केवल एक विधेयक ही पारित करा पाई है।
संसद के मानसून सत्र के पहले सप्ताह पांच दिन चली संसद में तेलंगाना मुद्दे के साथ पाक सेना के हमले में भारतीय सैनिकों की मौत पर रक्षा मंत्री एके एंटनी के बयान पर बवाल मचा रहा, जिसके कारण प्रश्नकाल भी नाम मात्र का ही चल पाया। कल सोमवार से संसद के मानसून सत्र की दूसरे सप्ताह की कार्यवाही शुरू होगी, जिसमें सरकार ने लोकसभा में पिछले सप्ताह पेश किये गये कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को पारित कराने का बीड़ा उठाया है, जिसके लिए चर्चा कराई जाएगी तो उस दौरान सरकार को विपक्ष से दो-दो चार होना पड़ेगा ऐसी  संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। लोकसभा में सोमवार के लिए सूचीबद्ध चार विधेयकों में सबसे पहले राजनीतिक दलों पर लटकी आरटीआई की तलवार को हटाने के लिए कैबिनेट की मंजूरी के बाद सूचना का अधिकार(संशोधित) विधेयक-2013 पेश किया जाना है। हालांकि इस विधेयक के समर्थन में सभी राजनीतिक दल पहले से ही लामबंद हैं यानि इसे पारित कराने में सरकार को काई दिक्कत नहीं है। इन सबके बावजूद तेलंगाना मुद्दे के साथ सरकार और विपक्ष खाद्य सुरक्षा बिल पर तकरार होने से वंचित रहे ऐसा संभव नहीं है यानि सोमवार को भी सदन में हंगामे के आसार बने रहने की संभावना है। उधर राज्यसभा में सोमवार को पांच विधेयक पेश किये जाने हैं जिनमें संविधान(119वां संशोधन) विधेयक-2013 वापस किया जाएगा।
चार दिन में एक विधेयक पारित
मानसून सत्र के पहले सप्ताह चार दिन हुई कार्यवाही के दौरान सरकार केवल राज्यसभा में कंपनी विधेयक ही पारित करा पाई है जो लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका था। जबकि राज्यसभा में इस बिल समेत छह बिल पेश किये गये। जबकि लोकसभा में पहले दिन केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कुमारी सैलजा संविधान(अजा) आदेश(संशोधन) विधेयक पेश किया था, जिसकी सरकार चर्चा भी पूरी नहीं करा सकी है। इसके अलावा लोकसभा में सात अगस्त को खाद्य सुरक्षा अध्यादेश का विवरण पटल पर रखते हुए उसे विधेयक के रूप में पेश किया गया। इसके अलावा विधायी कार्यो में कई महत्वपूर्ण बिल एजेंडे में रहे लेकिन हंगामे के कारण पेश नहीं किये जा सके।
12Aug-2013

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