बुधवार, 21 अगस्त 2013

सोनिया की प्रतिष्ठा से जुडा है खाद्य सुरक्षा विधेयक!

खाद्य सुरक्षा विधेयक पास कराना सरकार का मकसद
ओ.पी.पाल
संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में सरकार अभी तक एक भी विधेयक पारित नहीं करा पाई है, लेकिन कांग्रेसनीत यूपीए सरकार का राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को पारित कराना मकसद ही नहीं, बल्कि इसके लिए कांग्रेस प्रमुख की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।
संसद के मानसून सत्र की अभी तक की कार्यवाही में चार विधेयक राज्यसभा में पारित कराए गये हैं, लेकिन लोकसभा में हंगामे के चलते एक भी विधेयक को पारित नहीं कराया जा सका है। यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में देखे जा रहे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को लोकसभा में पेश तो कर दिया गया है,लेकिन उस पर चर्चा नहीं हो सकी है, जिसे सत्र की आगामी संभावित सात या आठ बैठकों में सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए अड़िग है। सरकार ने इस बिल को पारित कराने के लिए नरम रूख अपनाया है और विपक्ष की ओर से आने वाले संशोधनों को विधेयक के प्रावधानों में शामिल करने का पहले ही ऐलान कर दिया है। यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन देती आ रही उसकी संकट मोचक माने जाने वाली समाजवादी पार्टी को कांग्रेस ने उसके द्वारा लाये जाने वाले संशोधनों को बिल में शामिल करने का भरोसा देकर राजी कर लिया है। जिसका ऐलान सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने मंगलवार को पार्टी की संसदीय बैठक में कर दिया है। जबकि बसपा सुप्रीमों ने भी मंगलवार को साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी खाद्य सुरक्षा विधेयक का समर्थन करेगी। वहीं जद-यू ने भी संसद में खाद्य सुरक्षा विधेयक का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है। जहां तक प्रमुख विपक्षी भाजपा की छत्तीसगढ़ मॉडल को इस विधेयक में शामिल करने की मांग सरकार के समक्ष रखी हुई है। उधर विपक्षी दलों की ओर से चर्चा के दौरान आने वाले संशोधनो पर सरकार का नरम रूख है, लेकिन सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार उन्हीं संशोधनों को इस विधेयक में लाएगी, जो स्वीकार करने योग्य होंगे। बहरहाल इस मौजूदा सत्र में सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को पारित कराने के लिए अड़ी हुई है चाहे उसे किसी भी प्रकार की नीति ही क्यों न अपनानी पड़े।
मंत्रणा करने का दौर जारी
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को पारित कराने के लिए विपक्षी दलों के समर्थन के लिए जहां संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ सभी दलों के साथ मंत्रणा जारी रखे हुए हैं, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल और स्वयं केंद्रीय खाद्य मत्री केवी थॉमस विभिन्न दलों के प्रमुख नेताओं के संपर्क में हैं। इसी मंत्रणा के नतीजे के रूप में यह भी माना जा रहा है कि प्रमुख विपक्षी दल भाजपा भी इस विधेयक को सशर्त समर्थन देने के लिए तैयार है जैसे कि पहले भी भाजपा की ओर से संकेत दिये जा चुके हैं। विपक्षी दलों की ओर आये संशोधनों पर विचार करने और रणनीति तय करने के लिए स्वयं प्रधानमंत्री भी बैठक कर चुके हैं।
शनिवार को भी चलेगी कार्यवाही
लोकसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार इस सत्र में ज्यादा अवकाश होने के कारण लोकसभा की कार्यवाही को शनिवार 24 अगस्त को भी चलेगी। इसका कारण भी राष्ट्रीय  खाद्य सुरक्षा विधेयक की चर्चा को पूरा करने का मकसद माना जा रहा है।
21Aug-2013

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