मंगलवार, 20 अगस्त 2013

अब हो सकेगी वक्फ संपत्तियों की हिफाजत!

वक्फ विधेयक पर लगी उच्च सदन की मुहर
ओ.पी. पाल
देश में वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और हिफाजत के उद्देश्य से कड़े प्रावधान करने वाले वक्फ (संशोधन) विधेयक-2011 को उच्च सदन ने अपनी मंजूरी दे दी है, जिस पर लोकसभा तीन साल पहले ही अपनी मुहर लगा चुकी है।
उच्च सदन में सोमवार को शोर-शराबे और हंगामे के बावजूद सरकार ने आधा दर्जन विधेयकों को पेश किया, जिसमें केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के. रहमान खान ने वक्फ (संशोधन) विधेयक-2011 को पारित कराने का प्रस्ताव रखा, जिस पर चर्चा हुई। चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया गया। संसद से पारित इस विधेयक पर अब राष्टÑपति की मंजूरी मिलना बाकी रह गया है, जिसके बाद यह विधेयक संशोधन काननू के रूप में लागू हो जाएगा। वक्फ विधेयक को वर्ष 2010 में वक्फ अधिनियम-1955 के स्थान पर लागू किया गया था, जिसमें और भी सुधार की आवश्यकता महसूस की गई और उसके बाद इस विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव आया। इससे पहले इस विधेयक को संशोधित रूप में गत मई 2010 में लोकसभा ने पारित कर दिया था, लेकिन तीन सालों से राज्यसभा में पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य मुस्लिम संगठनों की मांग पर सदन ने आपत्तियां दर्ज कराई थी, जिसके कारण इसके मसौदे की जांच के लिए इस विधेयक को सैफद्दीन सोज की अध्यक्षता वाली प्रवर समिति को भेज दिया गया था। संसद की प्रवर समिति ने संशोधनों के साथ इस विधेयक पर दिसंबर 2011 में अपनी रिपोर्ट राज्यसभा को सौंप दी थी और बाद में इसी साल फरवरी में कैबिनेट ने भी वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी थी, जिसे किन्हीं कारणों से बजट सत्र में पारित नहीं कराया जा सका था, लेकिन मानसून सत्र के दौरान आज सोमवार के दिन राज्यसभा में पेश किया गया और इसे सर्वसम्मिति से पारित कर दिया गया।
क्या थी आपत्ति
पर्सनल लॉ बोर्ड की मुख्य आपत्ति विधेयक में वक्फ की परिभाषा को लेकर थी। उसका कहना था कि उन संपत्तियों को भी वक्फ के तहत माना जाए जो कानूनी तौर पर पंजीकृत नहीं हैं, लेकिन उनका निर्माण मुस्लिम समुदाय की भलाई के मकसद से किया गया है। इसके साथ ही उसने अवैध कब्जों को हटाने के लिए सख्त प्रावधान करने की मांग की गई थी। नए वक्फ विधेयक में गैर कानूनी कब्जे को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बताया गया है तथा इसके दोषी के लिए दो साल के सश्रम कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
ये बिल भी हुए पेश
राज्यसभा में सोमवार को वाणिज्य पोत परिवहन(दूसरा संशोधन) विधेयक, भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक, मानसिक स्वास्थ्य देखरेख विधेयक, भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (संशोधन) विधेयक भी पेश किये गये, लेकिन चर्चा वक्फ विधेयक पर ही हो सकी।
20Aug-2013

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