शनिवार, 24 अगस्त 2013

तेदेपा सदस्यों के शोर में दबी पीएम की आवाज!

राज्यसभा में लोकसभा सांसदों के निलंबन का असर
मात्र दो सांसदों के सामने बेबस सरकार
ओ.पी. पाल

राज्यसभा में सबकुछ ठीकठाक चल रहा था, लेकिन जैसे ही भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही हुई तो विपक्ष की मांग पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी कोलगेट की गुम फाइलों पर बयान देने पहुंच गये थे, लेकिन लोकसभा में सांसदों के निलंबन पर आंध्र प्रदेश विभाजन के विरोध में तेदपा के मात्र दो सदस्यों के तेज नारो से गूंजे सदन में पीएम तो क्या कोयला मंत्री को भी अपने बयान को सदन के पटल पर रखने के लिए मजबूर होना पड़ा।
दरअसल लोकसभा में आंध्र प्रदेश के एक दर्जन सांसदों का निलंबन होने से उत्तेजित राज्यसभा में तेदेपा सांसद बेहद गुस्से में नजर आए। शायद यही कारण था कि राज्यसभा की कार्यवाही सुबह से लगभग ठीक-ठाक चली और शुक्रवार को लंबे अंतराल के बाद प्रश्नकाल भी हुआ, लेकिन लोकसभा में सांसदों के निलंबन का असर राज्यसभा में भोजनावकाश की कार्यवाही के बाद साफ नजर आया। जैसे ही ढाई बजे सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो तेदेपा के सीएम रमेश और वाईएस चौधरी सेव आंध्र प्रदेश के नारे लिखी शर्ट पहने उपाध्यक्ष पीजे कुरियन के समीप जाकर जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे,जबकि दूसरी ओर कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल अपना बयान पढ़ रहे थे और उन्होंने पीठ की भी नहीं सुनी, जबकि कुरियन ने जायसवाल से बयान की प्रतियां सदस्यों को उपलब्ध कराने की बात कई बार दोहराई। उधर तेदपा सदस्यों के नारेबाजी इतनी तेज थी कि कुछ भी साफ सुना नहीं जा सकता था। तभी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी सदन में बयान देने आ गये। पीठ से कुरियन ने वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे दोनों सांसदों को समझाने का प्रयास किया और साथ ही नियम 255 की कार्यवाही करने की भी चेतावनी दी, लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ तो सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। इस दौरान प्रधानमंत्री को भी कुरियन के कक्ष में बुला लिया गया, जहां संससदी कार्य मंत्री राजीव शुक्ला भी मौजूद रहे। इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो पीजे कुरियन ने सदन से इन दो सांसदों के खिलाफ कार्यवाही करने में सहयोग की अपील की, लेकिन सदन में शोरशराबा गूंजता रहा और तेदपा के दोनों सदस्यों की बुलंद आवाज ने प्रधानमंत्री को बयान देने हेतु खड़े होने तक का मौका नहीं दिया। इस पर चेतावनी देने के बाद उपसभापति कुरियन ने सदन की कार्यवाही को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
कुरियन ने बयां किया दर्द
सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले उपाध्यक्ष पीजे कुरियन ने सदन को अपना दर्द कहने के लिए शांत किया, तो उन्होंने वह बहुत दुखी हैं और उपाध्यक्ष होने के नाते वह सदन को सुचारू रूप से चलाना चाहते हैं लेकिन सभी सदस्य कोलगेट पर चर्चा चाहते हैं जिसके लिए प्रधानमंत्री भी सदन में मौजूद हैं, लेकिन तेदेपा के मात्र दो सदस्यों द्वारा सदन की कार्यवाही में लगातार बाधा डाली जा रही हैं। उन्होंने सदस्यों को दोहरे मापदंड की नसीहत दी और कहा कि एक तरफ वह इस मुद्दे पर पीएम का जवाब चाहते हैं और दूसरी ओर इन सदस्यों के खिलाफ कार्यवाही करने में भी सहयोग नहीं करना चाहते। इसलिए यदि सदन इन दो सदस्यों के खिलाफ कार्यवाही करने में सहयोग देता है तो सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी और पीएम का बयान होगा, वरना वह सदन की कार्यवाही को स्थगित कर रहे और यही कहते हुए उन्होंने सदन की कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।
सरकार समस्या, वो ही जाने
पीठ से जब उपाध्यक्ष कुरियन ने अन्नाद्रमुक के डा. मैत्रेयन को तेदपा के सदस्यों को वापस सीट पर ले जाने और समझाने का अनुरोध किया तो मैत्रेयन ने दो टूक शब्दों में कहा कि यह समस्या सरकार ने पैदा की है वही इसका समाधान निकाले। इसी प्रकार अन्य दलों ने भी इसका ठींकरा सरकार के सिर पर ही फोड़ा।
24Aug-2013

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