रविवार, 25 अगस्त 2013

आखिर पटरी पर आई लोकसभा की कार्यवाही!


तीन विधेयक पारित, जनहित के मुद्दों पर भी हुई निर्विघ्न चर्चा
ओ.पी. पाल

संसद के मानसून सत्र में शनिवार को पहली बार लोकसभा की कार्यवाही निर्विघ्न चलती रही, जिसमें चर्चा के बाद तीन विधेयकों को भी पारित कर दिया गया और अन्य जनहित के मुद्दों पर भी खुलकर चर्चा हुई।
गत पांच अगस्त से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में अभी तक हुई 11 बैठकों के दौरान राज्यसभा में तो हंगामे के बावजूद कामकाज होता रहा, जहां आधा दर्जन विधेयक भी पारित हुए, लेकिन लोकसभा की कार्यवाही इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर हुए लगातार हंगामे के कारण सुचारू रूप से नहीं चल पा रही थी। सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष मीराकुमार ने आंध्र प्रदेश के विभाजन के विरोध में लगातार हंगामा करने वाले कांग्रेस व तेदेपा के 12 सांसदों को इस सत्र की पांच दिन की कार्यवाही से निलंबित करने का फैसला शायद लोकसभा की कार्यवाही को पटरी पर ले आया। लगातार सदन में हंगामे के कारण बाधित हुई कार्यवाही और कुछ अवकाश के कारण बर्बाद हुए समय की पूर्ति करने के उद्देश्य से सरकार ने शनिवार को भी लोकसभा की कार्यवाही शुरू करने का निर्णय लिया था जो विधायी कार्य की दृष्टि से कारगर साबित भी हुआ। मसलन शनिवार को लोकसभा की कार्यवाही आंरभ से छुटपुट व्यवधान को छोड़कर सुचारू रूप से चली और सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये, जिसमें राज्यसभा में पारित संसद(निरर्हरता निवारण) संशोधन विधेयक की जानकारी भी शामिल थी। इसके बाद नियम 377 के तहत सांसदों ने जनहित के मुद्दे भी उठाये और चर्चा की। वहीं सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही की अधूरे पड़े विधायी कार्यो का भी निपटान करने का प्रयास किया गया, जिसमें पहले गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह द्वारा पेश किये गये राज्यपाल(उपलब्धियां, भत्ते और विशेषाधिकार) संशोधन विधेयक-2012 विचार और पारित करने के लिए पेश किया, जिसे चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। वहीं मानसून सत्र के पहले दिन केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री कुमारी सैलजा द्वारा पेश किये जा चुके संविधान(अनुसूचित जातियां) आदेश संशोधन विधेयक-2012 तथा केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्री वी. किशोर चन्द्र देव द्वारा पेश किये गये संविधान(अनुसूचित जनजातियां) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक-2012 को भी चर्चा के बाद आये संशोधनों के साथ सर्वसम्मिति से पारित कर दिये गये। जबकि शनिवार की कार्यवाही में पांच विधेयकों को शामिल किया गया था।
विशेषाधिकार हनन नोटिस विचाराधीन
लोकसभा में शनिवार को अध्यक्ष मीरा कुमार ने बिहार के धमारा घाट रेल हादसे पर सदन से बाहर दिये गए रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी के बयान पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस उनके विचाराधीन है। जदयू सदस्य दिनेश चंद्र यादव एवं अन्य ने इस विषय पर अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। मीरा ने कहा कि कि उन्हें दिनेश चंद्र यादव एवं 11 अन्य सदस्यों का रेल राज्य मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस मिला है। यह नोटिस धमारा घाट हादसे पर रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी के संसद के बाहर बयान देने से संबंधित है जबकि संसद चल रही थी, इसलिए यह नोटिस कार्यवाही के लिए विचाराधीन है।
25Aug-2013

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें