शनिवार, 1 सितंबर 2018

जनगणना में ओबीसी डेटा एकत्रित करने का प्रस्ताव




हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली। 
गृह मंत्रालय ने 2021 की जनगणना में पहली बार अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) से संबंधित आंकड़े एकत्रित करने का प्रस्ताव किया है।
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को यहां भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के कार्यालय की कार्यवाही की समीक्षा बैठक की। केंद्रीय गृह मंत्री ने 2021 में जनगणना के लिए बनाए जा रहे रोडमैप चर्चा के दौरान इस बात पर जोर दिया कि जनगणना के कार्य को तीन साल में पूरा कर लिया जाए, जिसमें जनगणना डेटा को अंतिम रूप देने के लिए डिजाइन और तकनीकी के इस्तेमाल से सुधारने पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि अब तक जनगणना आंकड़ों का मानचित्र तैयार करने में सात-आठ साल लगते थे, जो तकनीकी सुधार के कारण तीन साल में पूरा होगा। उन्होंने जनगणना 2021 में डेटा के एकत्र के लिए सही तथ्यों और आंकड़ों की दिशा में करीब 25 लाख एन्युमरेटर्स को प्रशिक्षित और प्रशिक्षित करने की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बार जनगणना में पहली बार ओबीसी पर डेटा एकत्र करने पर भी विचार किया गया है, जिस पर अंतिम निर्णय होना है। राजनाथ सिंह ने नागरिक पंजीकरण प्रणाली में विशेष रूप से दूरदराज के इलाकों में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण और शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और प्रजनन दर के आंकड़ों के अनुमान के लिए नमूना पंजीकरण प्रणाली को मजबूत करने हेतु सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक में गृहराज्य मंत्री किरेन रिजजू, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा, आरजीआई शैलेश और आरजीआई और गृह मंत्रालय के कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
राजभाषा विभाग की समीक्षा
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यहां मंत्रालय के राजभाषा विभाग की समीक्षा बैठक में राजभाषा विभाग के द्वारा किए जा रहे वर्तमान प्रयासों तथा वर्ष 2018-19 के लिए लक्ष्यों की जानकारी ली। उन्होंने इस दौरान इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि राजभाषा विभाग वर्तमान में अपने कार्यों को सफलता पूर्वक कर रहा है। इस बैठक में माननीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू तथा सचिव, राजभाषा शैलेश सहित राजभाषा विभाग, केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो, केन्द्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में संयुक्त सचिव, राजभाषा डॉ बिपिन बिहारी ने विगत दो वर्षों में राजभाषा विभाग द्वारा किए गए कार्यों को विस्तार से बताया तथा 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन में पहली बार राजभाषा विभाग की सक्रिय भूमिका पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। डॉ. बिपिन बिहारी ने राजभाषा विभाग द्वारा वर्ष 2018-19 में किए जाने वाले कार्यों जैसे तकनीकी सॉफ्टवेयरों का निर्माण, राजभाषा हिंदी के प्रभावी कार्यान्वयन संबंधी लक्ष्यों की प्राप्ति तथा विदेशों में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति का गठन जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी माननीय मंत्री जी को अवगत कराया। आनेवाले हिंदी दिवस 14 सितंबर, 2018 को माननीय उप राष्ट्रपति वैंकेयानायडु द्वारा हिंदी तकनीक के क्षेत्र में बड़ी सफलता के रुप में लोकार्पित होने वाले ‘प्रवाह’(मोबाइल एप्प तथा वेब वर्जन) के संबंध में भी जानकारी प्रस्तुत की
01Sep-2018

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें