सिंधु
आयोग की बैठक में सहमति के बाद भारत ने दी अनुमति
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
अंतर्राष्ट्रीय
अदालत में झटका खा चुके पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर में अधर में लटकी किशनगंगा जल
विद्युत परियोजना को भारत द्वारा फिर से शुरू करने पर पाकिस्तान इसका सिंधु जल
समझौते का उल्लंघन करार देते हुए विरोध करता आ रहा है। सिंधु समझौते को लेकर पिछले
सप्ताह सिंधु आयोग की बैठक में दोनों देशों के बीच चर्चा हुई, जिसके बाद भारत ने
पाकिस्तान को इस परियोजना का निरीक्षण करने की अनुमति दे दी है।
केंद्रीय
जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार 330 मेगावाट (3x110 मेगावाट) क्षमता वाली किशनगंगा परियोजना
का पाकिस्तान शुरूआत से ही विरोध कर रहा है, जो इस परियोजना के खिलाफ हेग स्थित
अंतर्राष्ट्रीय अदालत भी गया था, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने पाकिस्तान को झटका
देते हुए 2013 में अपना फैसला भारत के हक में सुनाया और इस परियोजना को सिंधु जल
समझौता-1960 के तहत करार दिया। अधर में लटकी इस परियोजना को गत मई माह में पीएम मोदी
ने फिर से शुरू करने के लिए हरी झंडी दी तो पाकिस्तान ने इसे सिंधु समझौते का
उल्लंघन करार दिया। पिछले सप्ताह ही लाहौर में सिंधु आयोग की बैठक में भारत और
पाकिस्तान के बीच चर्चा के दौरान झेलम नदी पर किशनगंगा परियोजना को लेकर बातचीत
हुई और पाकिस्तान ने इसे देखने की इच्छा जताई, तो भारत ने भी सिंधु नदी पर
पाकिस्तान द्वारा बनाए जा रहे कोटरी बैराज को देखेगा। इस बात पर दोनों देशों के
बीच बनी सहमति पर दोनों देशों ने एक-दूसरे को सिंधु समझौते के कानूनी ढांचे के तहत
अपनी-अपनी परियोजनाओं का निरीक्षण करने की अनुमति दी है।
05Sep-2018
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