लोकसभा
सांसद धर्मवीर खर्च करने में सबसे आगे
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
सोलहवीं
लोकसभा के अंतिम वर्ष के लिए भी सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना निधि की राशि जारी
कर दी गई है, जिसमें हरियाणा के लिए सभी लोकसभा दस सांसदों को ज्यादातर राशि जारी कर
दी है, लेकिन राज्य में सांसद निधि के इस्तेमाल की गति धीमी नजर आ रही है। राज्य में
सांसद निधि का सबसे ज्यादा इस्तेमाल भिवानी के सांसद धर्मवीर ने किया है।
केन्द्रीय
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास
योजना निधि (एमपीलैड) के इस्तेमाल में प्रगति की समीक्षा के दौरान जो तथ्य सामने आए
हैं, उसमें कुछ राज्यों में सांसद निधि का बेहतर इस्तेमाल किया गया है। इसी में यदि
हरियाणा राज्य में सांसद निधि के इस्तेमाल पर गौर किया जाए, तो इसकी चाल धीमी है। मंत्रालय
के आंकड़ो के मुताबिक हरियाणा में दस संसदीय क्षेत्रों के लिए पांच साल के लिए स्वीकृत
250 करोड़ रुपये की धनराशि में 200 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं, जो ब्याज के
साथ 208.28 करोड़ रुपये की धनराशि में से 165.84 करोड़ रुपये यानि 82.92 करोड़ रुपये
का विकास कार्यो में इस्तेमाल किया गया है, जिसमें अभी 42.44 करोड़ खर्च होना बाकी
है।
किसे कितनी मिली निधि
लोकसभा
में हरियाणा के दस सांसदों को पांच साल के लिए सभी 25-25 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी
जा चुकी है, जिसमें भिवानी-महेन्द्रगढ़ संसदीय क्षेत्र के लिए स्थानीय सांसद धर्मवीर
व सोनीपत के सांसद रमेश चन्द्र को पूरी राशि जारी हो चुकी है, जबकि हिसार के सांसद
दुश्यंत चौटाला, फरीदाबाद के कृष्णपाल गुर्जर, रोहतक के दीपेन्द्र हुड्डा तथा अंबाला
के सांसद रतनलाल कटारिया को 20-20 करोड़ रुपये जारी किये गये, बाकी चार सांसदों करनाल
के अश्वनी कुमार, कुरुक्षेत्र के राजकुमार सैनी, गुरुग्राम के राव इंद्रजीत और सिरसा के चरणजीत सिंह को अभी तक 17.50-17.50
करोड़ रुपये की राशि ही जारी की गई है।
किसने कितना किया इस्तेमाल
हरियाणा
के दस सांसदों में से सबसे ज्यादा सांसद निधि का इस्तेमाल भिवानी के सांसद धर्मवीर
ने किया है, जिन्हों ने ब्याज समेत 27.46 करोड़ रुपये में से 23.01 करोड़ रुपये यानि
92.04 फीसदी राशि अपने संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए खर्च की हैं। कुरुक्षेत्र संसद
क्षेत्र में 18.20 करोड़ में से राजकुमार सैनी ने 15.27 करोड़ खर्च करके 87.28 फीसदी
के साथ दूसरा स्थान पाया है। इसके बाद तीसरे पायदान पर सोनीपत संसदीय क्षेत्र में
26.33 करोड़ रुपये में से 21.37 करोड़ रुपये यानि 85.49 फीसदी सांसद निधि का उपयोग
करके तीसरे स्थान पर रहे। इसके अलावा कृष्णपाल गुजर ने 20.92 करोड़ में से 16.57 करोड़
यानि 82.87 फीसदी तथा राव इन्द्रजीत ने 18.26 करोड़ में से 14.46 करोड़ यानि 82.65
फीसदी निधि का इस्तेमाल किया। रोहतक के सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने 20.16 करोड़
में से 16.05 करोड़ रुपये यानि 80.23 फीसदी, हिसार के सांसद दुश्यंत चौटाला ने
20.19 करोड़ रुपये में से 15.97 करोड़ यानि 79.86 फीसदी, सिरसा के सांसद चरणजीत सिंह
ने 17.79 करोड़ में से 13.93 यानि 79.62 फीसदी, अंबाला के सांसद रतनलाल कटारिया ने
20.24 करोड़ रुपये में 15.81 करोड़ यानि 79.04 फीसदी सांसद निधि का इस्तेमाल किया है।
जबकि करनाल के सांसद अश्वनी कुमार 17.50 करोड़ में से 13.39 करोड़ रुपये यानि
76.50 फीसदी सांसद निधि का ही इस्तेमाल कर सके हैं।
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राज्यसभा में रामकुमार रहे अव्वल
हरियाणा
राज्य से उच्च सदन में सांसद रामकुमार कश्यप ने स्वीकृत 25 करोड़ रुपये की सांसद निधि
में से जारी 12.50 करोड़ की राशि जो ब्याज के साथ 22.70 करोड़ होती है में से
18.64 करोड़ रुपये यानि 82.85 फीसदी निधि का इस्तेमाल करने वाले एक मात्र सांसद हैं।
जबकि कुमारी सैलजा को जारी 12.50 करोड़ रुपये (आधी) और ब्याज समेत हुई 12.73 करोड़
में से 8.52 करोड़ यानि 68.19 फीसदी सांसद निधि का इस्तेमाल करके दूसरे पायदान पर हैं।
इनके अलावा केंद्रीय मंत्री चौधरी बिरेन्द्र सिंह को स्वीकृत 12.50 करोड़ के सापेक्ष
अभी पांच करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जो ब्याज के साथ 7.81 करोड़ बनती है।
उन्होंने इसमें से 2.83 करोड़ रुपये यानि 56.60 फीसदी सांसद निधि का इस्तेमाल किया।
जबकि डा. सुभाष चन्द्रा ने ब्याज समेत जारी 5.11 करोड़ रुपये में से दो करोड़ रुपये यानि 39.97 फीसदी निधि का उपयोग
किया। हरियाणा से राज्यसभा सदस्य देवेन्द्र वत्स को स्वीकृत पांच करोड़ रुपये में से
2.50 करोड़ हाल ही में जारी की गई है, जिन्हें इस योजना का लाभ उठाने का इंतजार है।
02Sep-2018
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