मंगलवार, 4 सितंबर 2018

बाढ़ की तबाही में गई करीब डेढ़ हजार जानें

दस राज्यों में हुए जानमाल के नुकसान का आकलन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केरल में बाढ़, भूस्खलन और तेज बारिश के कारण मची तबाही के अलावा देश के अन्य कई राज्यों में भी बाढ़ की तबाही के कारण 1400 से भी कहीं ज्यादा लोगों की मौतें हो गई और सैकड़ो लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार दक्षिण भारत के केरल में हाल ही में आई बाढ़ के दौरान बाढ़ प्रभावितों के बचाव एवं राहत कार्यो की निगरानी करने वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) लगातार स्थिति की समीक्षा करती रही है। केरल के अलावा अन्य राज्यों में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की बचाव व राहत कार्यो में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आ रही है। उसी आधार पर मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन केंद्र ने सोमवार को केरल समेत दस राज्यों में इस साल मानसून की बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण हुए जानमाल के नुकसान का आकलन करने के बाद आंकड़े जारी किये हैं। मंत्रालय के अनुसार इस तबाही में जहां अकेले केरल में 488 लोगों की मौत होना बताया है, वहीं 54311 लाख लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। केरल में करीब 147.52 लाख लोगों को विस्थापित करके राहत शिविरों में रखा गया है। केरल में हुए नुकसान का आकलन करने के बाद मंत्रालय ने बताया कि राज्य में 57,024 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर पर खड़ी फसल बर्बाद हो गई। गृह मंत्रालय के इस केंद्र के मुताबिक इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 254, पश्चिम बंगाल में 210, कर्नाटक में 170, महाराष्ट्र में 139, गुजरात में 52, असम में 50, उत्तराखंड में 37, ओडिशा में 29 और नगालैंड में 11 लोगों की मौत हो गई।
दर्जनों लोग लापता
मंत्रालय के अनुसार बाढ़ के कारण मची तबाही में प्रभावित राज्यों में 43 लोगों के लापता होने की जानकारी है, जिसमें 15 केरल, 14 उत्तर प्रदेश, पांच पश्चिम बंगाल, छह उत्तराखंड और तीन कर्नाटक के लोगों का सुराग नहीं है। इस तबाही के दौरान 386 लोग घायल हो गये।  ओडिशा में 30 जिले, महाराष्ट्र में 26 जिले, असम में 25, उत्तर प्रदेश में 23, पश्चिम बंगाल में 23, केरल में 14, उत्तराखंड में 13, कर्नाटक में 11, नगालैंड में 11 और गुजरात में 10 जिले बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुये।
पूर्वोत्तर में भी बाढ़
पूर्वोत्तर के असम व नागालैंड में बाढ़ के कारण लोग प्रभावित हुए हैं। असम में बारिश और बाढ़ से करीब 11.47 लाख लोग प्रभावित हुए तथा राज्य में 27,964 हेक्टेयर जमीन की फसल बर्बाद हुई है। वहीं पश्चिम बंगाल में 2.28 लाख लोग प्रभावित हुए और 48,552 हेक्टेयर जमीन पर लगी फसलें बर्बाद हुई है। उत्तर प्रदेश में  बाढ़ से करीब 3.42 लाख लोग प्रभावित हुए और 50,873 हेक्टेयर भूमि पर लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसी प्रकार कर्नाटक में लगभग 3.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुये और राज्य के 3,521 हेक्टेयर जमीन पर खड़ी फसल बर्बाद हुई है।
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ऐसे होती है नुकसान की भरपाई
गृह मंत्रालय के अनुसार दिशा-निर्देशों के तहत केन्द्र सरकार प्रत्येक राज्य के राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) को अपना आवंटन दो किश्तों में अग्रिम रूप से देती है। किसी प्रकार की प्राकृति आपदा की स्थिति में राज्य एसडीआरएफ से राहत और बचाव के खर्च को पूरा करते है। यदि प्राकृतिक आपदा राज्य की मुकाबला करने की क्षमता से परे है, तो संबद्ध राज्य सरकार विस्तृत ज्ञापन देती है जिसमें नुकसान का क्षेत्रवार विवरण दिया जाता है और राहत कार्यों के लिए तत्काल फंड की आवश्यकता बताई जाती है। ज्ञापन मिलने पर नुकसान का मौके पर जायजा लेने और धन की अतिरिक्त जरूरत के लिए केन्द्र सरकार द्वारा अंतर-मंत्रिस्तरीय केन्द्रीय दल (आईएमसीटी) नियुक्त किया जाता है। आईएमसीटी की रिपोर्ट पर केन्द्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (एससी-एनईसी) की उप-समिति द्वारा नियमों के अनुसार विचार किया जाता है और इसके बाद केन्द्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति एनडीआरएफ से अतिरिक्त सहायता की मंजूरी के लिए विचार करती है।
04Sep-2018

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