सोमवार, 24 सितंबर 2018

इस तकनीक से दुरस्त होगी यातायात व्यवस्था!



पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जल्द लागू होगी तकनीकी प्रणाली
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में सड़क सुरक्षा की प्राथमिकता के साथ सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में यातायात जाम जैसी समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ चुनिंदा शहरों में इंटैलिजेंट ट्रांस्पोर्ट सिस्टम यानि आईटीएस लागू करने की तैयारी में है। इस प्रणाली से विदेशी तकनीक की तर्ज पर वाहनों की संख्या और पैदल यात्रियों की संख्या के मुताबिक ट्रैफिक लाइटें स्वत: ही व्यवस्थित हो जाएंगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ब्रिटेन व अमेरिका समेत कई देशों के भ्रमण के दौरान वहां की यातायात व्यवस्था का आकलन करने के बाद उसी तर्ज पर ऐसी यातायात व्यवस्था को भारत में लागू करने की योजना लागू करने का प्रयास कर रहे हैं। इस प्रणाली यानि आईटीएस लागू होने पर सार्वजनिक वाहनों की जीपीएस सिस्टम काम करने की स्थिति में न होने के बावजूद यातायात पुलिस खुद ही अलर्ट हो जाएगी। यातायात व्यवस्था को दुरस्त करने के अलावा सरकार का इस प्रणाली को लागू करने का मकसद सड़क सुरक्षा और वायु प्रदूषण की चुनौती से निपटना भी है। केंद्र सरकार देश में हो रहे सर्वाधिक सड़क हादसों पर अंकुश लगाने और यातायात व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक के बाद एक तकनीकी उपाय करने में जुटी हुई है, जिसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के जरिए इंटैलिजेंट ट्रांसपोटेशन सिस्टम, ट्रैकिंग डिवाइस समेत अन्य उत्पाद तथा समाधान विकसित कराए जा रहे हैं। मंत्रालय के अनुसार परिवहन क्षेत्र में पैदल यात्रियों लिए भी सिग्नल कंट्रोलर, आपात सेवा वाहन प्राथमिकता तंत्र, यातायात निगरानी, प्रबंधन सॉफ्टवेयर जैसी तकनीक विकसित की जा रही है, ताकि इन तकनीकी तंत्र के जरिए सड़क सुरक्षा, यातायात व्यवस्था के दुरस्त होने के साथ वाहनों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन, जाम और सड़क दुर्घटना में कमी लायी जा सके। सरकार आईटीएस प्रणाली को जल्द ही देश के कुछ बड़े शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू करेगी, जिसके बाद इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। 
ऐसे काम करेगी आईटीएस
मंत्रालय के अनुसार मंत्रालय ने यातायात व्यवस्था सुधारने की दिशा में विकसित की जा रही आईटीएस प्रणाली प्रदूषण से बचाव और लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर वरदान साबित हो सकती है। यह अहम होगा। इस प्रणाली से सार्वजनिक वाहनों की निगरानी भी की जा सकेगी। यह प्रणाली के लागू होने के बाद प्रमुख चौराहों पर यातायात पुलिस को भी यातायात लाइटों के समय बढ़ाने या घटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं लाल बत्ती का उल्लंघन करके भागने वाले वाहन का नंबर व मॉडल ऑटोमैटिक ट्रैक होने के आधार पर अगले यातायात पुलिस की पकड़ में आ जाएगा, जिसकी जानकारी अगले पड़ाव पर यातायात पुलिस को स्वत: ही मिल जाएगी। इस प्रणाली के जरिए वाहन चालकों को चलती गाड़ी में मोबाइल का प्रयोग करना भी महंगा पड़ने वाला है, जिसका पता भी आईटीएस के तहत लगेगा। मंत्रालय के मुताबिक मौजूदा व्यवस्था में वाहनों के लिए हरी बत्ती होने पर रास्ता पार करने वाले पैदल यात्रियों के लिए भी आईटीएस लागू होने से पैदल यातायात नियंत्रित होगा। यही नहीं आईटीएस पार्किंग में वाहनों की सुरक्षा के मद्देनजर निगरानी और सही तरीके से खड़ा करने की व्यवस्था को दुरस्त करने में कारगर साबित होगी।
23Sep-2018

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