शनिवार, 28 जून 2014

बजट सत्र से पहले नए सांसद पढेंगें संसदीय पाठ!

तीस जून से होगा दो दिन का ओरियंटेशन प्रोग्राम
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
भारतीय संसद में पहली बार निर्वाचित होकर आने वाले सांसदों को संसदीय प्रणाली और उनके नियमों का प्रशिक्षण देने की परंपरा के तहत 16वीं लोकसभा में नए सांसदों को संसदीय पाठ पढ़ाने के लिए दो दिन का ओरियंटेशन प्रोग्राम आयोजित किया जाएगा, ताकि सात जुलाई से शुरू होने वाले बजट सत्र में वे सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के कायदे-कानूनों और संसदीय प्रणाली का ज्ञान हासिल कर सकें।
संसद के दोनों सदनों में पहली बार निर्वाचित या मनोनीत होकर आने वाले सांसदों के लिए उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था का जिम्मा संभालते आ रहे संसद क ब्यूरो आॅफ पार्लियामेंट्री स्टडीज एवं टेÑनिंग डिपार्टमेंट इस कार्यक्रम को आयोजित करती रही है। सोलहवीं लोकसभा में संसदीय इतिहास में पहली बार 315 यानि 58 प्रतिशत सांसद पहली बार निर्वाचित होकर लोकसभा में दाखिल हुए हैं। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों की माने तो संसद के भीतर पिछले कई सत्रों में तार-तार होती रही संसदीय गरिमा के मद्देनजर नए सांसदों को सभी कायदे-कानूनों का ज्ञान कराना जरूरी हो जाता है। लिहाजा 30 जून व एक जुलाई को नए सांसदों को दो दिन के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में संसदीय पाठ पढ़ाया जाएगा। ऐसे कार्यक्रमों में नए सांसदों को विशेषज्ञों के अलावा लोकसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और वरिष्ठतम सांसदों द्वारा संसदीय परंपराओं और नियम कायदों की जानकारी दी जाती है। इसमें नए सांसदों को प्रभावशाली जनप्रतिनिध बनाने की कवायद होती है तो वहीं सदन के भीतर उनका आचरण कैसा होना चाहिए, संसदीय भाषाओं में एक सांसद का कैसा व्यवहार होना चाहिए जैसी जानकारी तो दी ही जाती है, वहीं सदन में किसी मुद्दे को किस नियम और कैसे उठाया जाना है, प्रश्नकाल, वाद-विवाद में हिस्सा लेने के नियमों की जानकारी भी उन्हें दी जाती है।
संसदीय परिपाटी जानेंगे सदस्य
संसद में नये सदस्यों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम एक सतत् प्रक्रिया है जिसमें नये सदस्यों को भारतीय राजनीति में लोकसभा की भूमिका, सदस्यों के योगदान, कर्तव्य और दायित्व के अलावा संसदीय परिपाटी व प्रक्रिया के अलावा शिष्टाचार, आचार संहिता और विशेषाधिकार आदि नियमों की जानकारी देने के अलावा सांसद की भूमिका और भारतीय राजनीतिक व्यवस्था के लिए योगदान, सदस्य की सुविधाएं और विशेषाधिकार का एक अवलोकन, संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस), कानून बनाने की प्रक्रिया, समिति प्रणाली, राजनीति में आचार संहिता जैसे विषयों के बारे में भी ज्ञान दिया जाएगा। वहीं नए सदस्यों को यह भी अवगत कराया जाएगा कि प्रश्नकाल, शून्यकाल, चर्चा या वाद-विवाद, विधेयकों, संसदीय समितियों, सांसद निधि और उसके विभिन्न योजनाओं में उपयोग, सदस्यों को दी जाने वाली सुख-सुविधाओं की क्या प्रक्रिया है और सदन में सदस्यों की क्या भूमिका होनी चाहिए।
क्लास में दिखेंगी हस्तियां
हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पहली बार सांसद बने हैं, लेकिन लोकसभा सचिवालय के सूत्रों का मानना है कि केंद्रीय कैबिनेट के सदस्यों के लिए इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने की कम ही संभावना है, फिर भी यदि कोई मंत्री इस कार्यक्रम में संसदीय प्रणाली की जानकारी लेना चाहेगा तो उनके लिए विकल्प खुला होगा। यह प्रोग्राम विशेषतौर से सांसदों के लिए आयोजित किया जाता है। प्रशिक्षण के लिए चलने वाली इस दो दिन की क्लास में फिल्मी हस्तियां हेमामालिनी, मुनमुन सेन, परेश रावल, बाबुल सुप्रियो, मनोज तिवारी, किरण खेल, अभिनेता से नेता चिराग पासवान, भगवंत मान के अलावा कई हस्तियों के चेहरे नजर आएंगे। इस बार संसदीय इतिहास में युवा सांसदों की तादात ज्यादा दिखेंगी।
26June-2014

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