शुक्रवार, 6 जून 2014

देशी भाषाओं के संगम से चमक उठी हिंदी की बिंदी


लोकसभा में दिखा क्षेत्रीय भाषाओं का संगम
ओ.पी.पाल 
सोलहवीं लोकसभा में नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण समारोह में विदेशी भाषा अंग्रेजी पर मातृभाषा हिंदी और भारत की अन्य क्षेत्रीय भाषाएं हावी रही। मसलन सदन में शपथ लेने के लिए अंग्रेजी भाषा का इस बार बहुत कम सांसदों ने प्रयोग किया। यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी और इसी प्रकार ज्यादतर सांसदों ने मातृभाषा को ही तरजीह दी। हालांकि सदन में देश के विभिन्न राज्यों की क्षेत्रीय भाषा का भी हिंदी के साथ संगम देखने को मिला।
नई लोकसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन गुरूवार को सदन में निर्वाचित होकर आए सांसदों को शपथ दिलाई गई। शपथ ग्रहण की शुरूआत ही मातृभाषा हिंदी से हुई जिसमें पहले तीन प्रमुख सांसदों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी व कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने हिंदी में ही सत्यानिष्ठा के नाम पर सदन की शपथ ली। प्रमुख सांसदों में केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान, छत्तीसगढ के सांसद एवं राज्यमंत्री विष्णुदेव साय और सुदर्शन भगत ने भी सत्यनिष्ठा के नाम पर शपथ ली। पश्चिम बंगाल के तृणमूल सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने भी हिंदी में शपथ ली। जबकि केंद्रीय मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा,अनंत कुमार, जी.एम. सिद्धेश्वर ने कन्नड़, सबार्नंद सोनोवाल ने असमिया और जुएल उरांव ने उड़िया भाषा में शपथ ग्रहण की। शिरोमणि अकाली दल की सांसद एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पंजाबी में शपथ ली। मोदी टीम के ज्यादातर मंत्रियों ने हिंदी में ही शपथ ग्रहण की। जबकि महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने अंग्रेजी में शपथ ली। बिहार से भाजपा सांसद कीर्ति आजाद, हुकुमदेव नारायण यादव और वीरेन्द्र कुमार चैधरी ने मैथिली में शपथ ली, जबकि चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर लोक जनशक्ति पार्टी में शामिल हुए और खगड़िया से चुने गये चैधरी महबूब अली कैसर ने अंग्रजी में शपथ ली। दिल्ली से निर्वाचित भाजपा सांसदों प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, मीनाक्षी लेखी और महेश गिरी ने संस्कृत तथा मनोज तिवारी व रामबीर विधूडी ने हिंदी के अलावा डा. उदित राज ने अंग्रेजी में शपथ ग्रहण की। गुजरात के ज्यादातर सांसदों ने गुजराती में शपथ ली, जबकि फिल्म अभिनेता से राजनीतिक पारी खेलने आए परेश रावल ने हिंदी में शपथ ग्रहण की।
संस्कृति से सराबोर सदन 
लोकसभा में सदस्यों के शपथ ग्रहण के दौरान जहां देशभर के विभिन्न क्षेत्रों से निर्वाचित होकर आए सांसदों ने अलग-अलग भाषाओं में जुबानों का रंग बिखेरा है, वहीं सदन भारत की मिली-जुली संस्कृति से भी सराबोर होता नजर आया। ऐसे सांसदों में बिहार से चुनकर आए कीर्ति आजाद, दिल्ली के मनोज तिवारी अपनी परंपरागत वेशभूषा में दिखाई दिये तो, दिल्ली के ही सांसद प्रवेश वर्मा पगड़ी बांधे हुए थे। इसी प्रकार राजस्थान के सांसद भी क्षेत्री परिधानों में नजर आए। इस पारंपरिक पारिधान की झलक में गुजरात के दो सांसद देवूसिंह जैसिंगभाई चैहान और मोहनभाई कल्याणजी भाई कुंडारिया पारंपरिक गुजराती पारिधान और पगड़ी पहने थे, जो समूचे सदन के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहे। अपनी क्षेत्रीयता की पहचान वाले रंग बिरंगे पारंपरिक पारिधान पहनकर आये ऐसे सांसदों में राजस्थानी और गुजराती पगडियों समेत अन्य क्षेत्रीयता की पहचान बताने वाले अलग अलग राज्यों के पारंपरिक पारिधान भी सदन में दिखाई दिया।
जब भाजपा सांसद ने लगाए ठुमके
लोकसभा में शपथ ग्रहण करने के बाद गुजरात की सुंदरनगर सीट से जीतकर आए भाजपा सांसद देवजी भाई फतेहपुरा की खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था, जिन्होंने संसद परिसर में जमकर ठुमके लगाए। फतेहपुरा पारंपरिक गुजराती वेश-भूषा में केसरिया पगड़ी पहन कर पहुंचे थे। इन्होंने संसद परिसर में सांसदों एवं लोगों का जमकर मनोरंजन किया। ऐसे माहौल में भोजपुरी अभिनेता और गायक से सांसद बने मनोज तिवारी ही पीछे कहां रहे उनहोंने भी संसद परिसर में भोजपुरी गीत गुनगुनाए।
06June-2014

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