सोमवार, 2 जून 2014

बिजली संकट पर केंद्र व यूपी सरकार में रार !

ऊर्जा मंत्री ने कहा, फोन तक नहीं उठाते अखिलेश
ओ.पी.पाल
. नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश में बिजली संकट पर सियासत इस कदर गरमाती जा रही है कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। जहां अखिलेश सरकार का आरोप है कि केंद्र राज्य के हिस्से की पूरी बिजली नहीं दे रहा है, जबकि केंद्र सरकार ने यूपी के बिजली संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार को उपाय ही नहीं सुझाए, बल्कि बिजली संकट से निपटने के लिए यूपी सरकार की पूरी मदद करने का आश्वासन देते हुए केंद्र ने कहा कि एक-दो दिन में ही एनटीपीसी से यूपी को 325 मेगावाट बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।
लोकसभा चुनाव के बाद से उत्तर प्रदेश में बिजली का संकट इतना गहरा गया है कि गर्मी के दिनों में आम जनता में हा-हाकार मचा हुआ है और विभिन्न जिलों में लोग आंदोलन के लिए सड़कों पर हैं। ऐसे में यूपी के बिजली संकट पर केंद्र सरकार ने यूपी में बिजली की उपलब्धता और आपूर्ति की समीक्षा करके अखिलेश सरकार को इस समस्या से निपटने के उपाय भी सुझाए हैं। लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस बिजली किल्लत का सारा दोष केंद्र के मत्थे मंढने में लगे हुए हैं। इधर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि इस समस्या का समधान करने के लिए उन्होंने जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से फोन पर बात करने का प्रयास किया तो सूबे के मुख्यमंत्री ने फोन उठाने की जहमत तक नहीं समझी। फोन पर संदेश का जवाब भी अखिलेश यादव देने को तैयार नहीं हैं, बल्कि इसके विपरीत आरोप-प्रत्यारोप के दौर को तेज करते हुए अखिलेश सरकार आरोप लगा रही है कि केंद्र की अनदेखी की वजह से ही राज्य में बिजली की किल्लत हो रही है। ऐसे में बिजली समस्या पर केंद्र और यूपी सरकार आमने-सामने है। यूपी सरकार के बिजली संकट के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराने के जवाब में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल का आरोप है कि यूपी की सपा सरकार बिजली संकट को सुलझाने के बजाए इस मुद्दे पर सियासत कर रही है। गोयल ने यहां तक कह दिया है कि अखिलेश सरकार लोकसभा चुनाव में मिली हार का गुस्सा जनता पर निकाल रही है।
जल्द मिलेगी 325 मेगावाट बिजली
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक यूपी की बिजली समस्या को दूर करने की दिशा में यूपी सरकार की मदद करने के लिए एनटीपीसी से इसी सप्ताह के भीतर 325 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करने की व्यवस्था की है। ऐसे में सूबे की सरकार को बिजली संकट के लिए केंद्र सरकार के सिर ठींकरा फोडने का प्रयास नहीं करना चाहिए। यूपी सरकार के पास इतना कोयला नहीं है कि वो बिजली का उत्पादन कर सके।
उधार बिजली मांगी
यूपी के बिजली संकट पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अब नया पासा फिर केंद्र सरकार के पाले में फेंक दिया और रविवार को ही कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही कोयला संकट को विद्युत उत्पादन में बाधक करार दे दिया था और कोयला देना केंद्र का काम है। अब अखिलेष यादव ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह यूपी को डेढ़ साल के लिए पर्याप्त बिजली उधार के रूप में दे, ताकि बिजली संकट से निपटा जा सके। अखिलेश यादव ने कहा कि 2016 तक राज्य में बिजली की स्थिति सुधार ली जाएगी और भरपूर उत्पादन का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। इस उधारी को यूपी भरपूर विद्युत उत्पादन होते ही दोगुनी बिजली केंद्र को वापस कर देगा। अखिलेश ने यह तर्क भी दिया है कि भाजपा को उत्तर प्रदेश ने 71 लोकसभा सीटें दी है इसलिए केंद्र सरकार की जनता की बिजली समस्या से निपटने की जिम्मेदारी भी बनती है।
आंधी-तूफान का भी असर
एक तो गर्मी उस पर बत्ती गुल यानी करेले पर नीम चढ़ा। यूपी में इस समय बिजली कटौती की समस्या अपने चरम पर है। हाल ही में दिल्ली और उत्तर भारत के कुछ प्रदेशों में आए तूफान के बरपे कहर ने बिजली संकट के लिए आग में घी डालने का काम किया यानि इसके प्रभाव से यह संकट और ज्यादा बढ़ता नजर आया। आलम यह हो गया कि इस भीषण गर्मी के दौरान उत्तर प्रदेश में पिछले दस दिनों से 12 से 14 घंटे की बिजली कटौती की जा रही है। इसके बावजूद जिन जिलों से सपा के सांसद निर्वाचित हुए हैं वहां इस बिजली संकट का तनिक भी प्रभाव नहीं है।
02June-2014

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