गुरुवार, 2 अक्तूबर 2014

स्वयं सेवी संगठनों पर गाज गिरना तय!

गृह मंत्रालय ने हजारों एनजीओ को भेजे नोटिस
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
मोदी सरकार देश में चल रहे स्वयं सेवी संगठनों यानि एनजीओ के कार्यकरण और गतिविधियों को लेकर भी गंभीर हैं, जिसके लिए निरंतर एनजीओं पर शिकंजा कसने के लिए सरकार खासकर विदेशों से मिल रहे कोष के दुरूपयोग की शिकायतों पर सख्त कार्यवाही करने की तैयारी में है, जिसके लिए हाल ही में दस हजार से भी ज्यादा स्वयंसेवी संगठनों को कारण बताओं नोटिस जारी किये गये हैं।
एनजीओ द्वारा सरकारी फंड का हेर फेर कर अपना बैंक बैलेंस बढाने वाले लोगों पर नकेल कसने के लिए मोदी सरकार ने कवायद शुरू कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय विदेशी कोष को लेकर एनजीओ की कार्यशैली और गतिविधियों को दुरस्त करने की दिशा में 10331 स्वयंसेवी संगठनों को कारण बताओं नोटिस जारी किये हैं। इन संगठनों ने साल 2009-10, 2010-11 और 2011-12 के जरूरी रिटर्न फाइल नहीं किए हैं। इन संगठनों को उनके पते पर नोटिस भेजे गये हैं। नोटिस में मंत्रालय ने कहा है कि जिन एनजीओ ने रिटर्न फाइल कर दिए हैं, उन्हें इसका सबूत तुरंत पेश करना होगा। जिन्होंने अभी तक फाइल नहीं किया है, वे तुरंत बताएं कि फॉरन कॉन्ट्रिब्यूशन (रेग्युलेशन) ऐक्ट के तहत हुआ उनका रजिस्ट्रेशन रद्द क्यों न किया जाए। नोटिस में सवाल किया गया है कि विदेशों से मिले कोष का रिटर्न फाइल न करने की क्या वजह रही? ऐसे नियमों का पालन न करने के कारण क्यों न उनके पंजीकरण निरस्त कर दिये जाएं। सूत्रों के अनुसार पंजीकृत 43527 एनजीओ में से साढ़े 22 हजार से ज्यादा एनजीओ ने यह जानकारी तक नहीं दी है कि उन्हें विदेशों से कितना कोष मिला और उसे किस-किस मद में खर्च किया गया है। वहीं केंद्र सरकार से ऐसे स्वयं सेवी संगठनों को अनुदान दिया जाता है और ज्यादातर एनजीओ में धन के दुरूपयोग की शिकायतें मिलती रही हैं। शिकायतों की पुष्टि होने पर सरकार संबन्धित संगठन को कालीसूची में डाल देती है।
समीक्षा के बाद हैरतअंगेज रिपोर्ट
गृह मंत्रालय एनजीओ को विदेशी सहायता की समीक्षा के बाद खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट के बाद इन संभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि देश के विकास में रोड़ा बनने वाले गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर गाज गिर सकती है। सूत्रों के अनुसार यदि खुफिया ब्यूरो के आरोपों की पुष्टि होती है तो इन गैर-सरकारी संगठनों को विदेशी सहायता लेने से प्रतिबंधित भी किया जा सकता है। दरअसल आइबी ने अपनी रिपोर्ट में कई एनजीओ पर विदेशी ताकतों के इशारे पर देश के विकास में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाया है। नियमों के अनुसार विदेशी सहायता लेने के लिए विदेशी सहायता नियामक कानून के तहत एनजीओ को यह बताना पड़ता है कि विदेश से मिलने वाली मदद का उपयोग सामाजिक कामों के लिए किया जाएगा। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार आइबी रिपोर्ट से साफ है कि कुछ एनजीओ विदेशी सहायता का उपयोग सामाजिक कामों के लिए न कर देश के विकास में बाधा डालने के लिए कर रहे हैं, जो कि एफसीआरए के प्रावधानों के खिलाफ है।
चार संगठन काली सूची में डाले
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान (अधिनियम) के तहत ऐसे 21,493 स्वयंसेवी संगठनों को नोटिस जारी किए थे, जिन्होेंने 2006 से 2009 तक वार्षिक रिटर्न जमा नहीं किये, इनमें से 4,138 एनजीओ के पते पर भेजे गए नोटिस बैरंग लौट आए, क्योंकि उन पतों पर कोई एनजीओ का संचालन ही नहीं हो रहा है। इस कार्यवाही में दिल्ली की चार एनजीओ को काली सूची में डाला गया, जिनके खिलाफ कोष का दुरुपयोग करने का आरोप पुष्ट हो चुका था।
02Oct-2014

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