गुरुवार, 9 अक्तूबर 2014

नेताजी जीते तो दागी होगी हरियाणा विधानसभा !

चुनावी जंग में हैं 90 से ज्यादा दागी प्रत्याशी
49 के खिलाफ अदालत में आरोप तय
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए 15 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में 94 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें 70 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या, सांप्रदायिक दंगे और महिलाओं के प्रति अत्याचार जैसे मामले लंबित हैं। यदि सभी दागी प्रत्याशी चुनावी जीत हासिल करते हैं तो हरियाणा विधानसभा को दागी बनने से नहीं रोका जा सकेगा। विधानसभा में दाखिल होने की जुगत में चुनावी जंग लड़ रहे 94 दागियों में में से 49 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके खिलाफ अदालतों में आरोप तय हो चुके हैं।
हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में कुल 1351 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, जिनमें से मात्र सात प्रतिशत प्रत्याशियों पर आपराधिक दाग है, लेकिन 94 दागी प्रत्याशियों की संख्या कुल 90 विधानसभा सीटों से भी ज्यादा है। चुनाव सुधार की दिशा में कार्य कर रही गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रकटिक रिफोर्म्स और नेशनल इलेक्शन वॉच ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे प्रत्याशियों में से 1343 उम्मीदवारों के शपथपत्रों को खंगालकर एक अध्ययन किया है, जिसमें यह तथ्य सामने आए हैं कि 94 प्रत्याशी अपराधिक छवि के हैं, हालांकि यह संख्या वर्ष 2009 में चुनाव लड चुके 109 प्रत्याशियों के मुकाबले कम है। दागी प्रत्याशियों में सर्वाधिक 41 दागी प्रत्याशी निर्दलीय हैं। जबकि इनेलो, हजकां व बीएल के दस-दस, भाजपा के नौ, हरियाणा लोकहित पार्टी के छह, कांग्रेस के चार, बसपा व सपा के तीन-तीन, संतमत भारतीय पार्टी तथा हरियाणा जन चेतना पार्टी के दो-दो के अलावा सीपीआईएम, गरीब दल व एसयूसीआई का एक-एक प्रत्याशी शामिल हैं। इन दागियों में 70 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, बलात्कार, लूट, डकैती और सांप्रदायिक दंगे जैसे संगीन अपराध करने के मामले लंबित हैं। संगीन मामलों वाले प्रत्याशियों में हजकां के आठ, भाजपा व इनेलो के छह-छह, कांग्रेस के चार, हरियाणा लोकहित पार्टी, बसपा व सपा के तीन-तीन, हरियाणा जनचेतना के दो और इससे कहीं ज्यादा निर्दलीय 31 प्रत्याशी शामिल हैं।
संगीन दाग वाले प्रत्याशी
हरियाणा की तोशाम विधानसभा सीट से हजंका प्रत्याशी वेदपाल, हलोपा के गढी सांपला-किलोई से प्रत्याशी रवि कुमार तथा बादली सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रतिराम के खिलाफ हत्या के मामले लंबित हैं, जबकि इनके अलावा 11 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके खिलाफ हत्या का प्रयास के मुकदमें चल रहे हैं। महिलाओं के प्रति अत्याचार और अपराधिक कृत्य के दाग वाले सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनमें दादरी सीट से भारतीय संतमत पार्टी के प्रत्याशी श्रीभगवान, बल्लभगढ़ सीट से बसपा प्रत्याशी धीरेन्द्र सिंह, नांगल चौधरी से हरियाणा जनचेतना के रामसिंह, पानीपत ग्रामीण सीट से सपा के मोहिन्द्र सिंह व खरखौदा से सपा के जयदेव के अलावा निर्दलीय प्रत्याशियों में नलवा सीट से जितेन्द्र चौहान व सोनीपत से विमल किशोर शामिल हैं। अपहरण के मामलों के आरोपियों में तोशाम सीट से हजकां के वेदपाल, गढी सांपला-किलोई से हलोपा प्रत्याशी रवि कुमार तथा इन्द्री से निर्दलीय प्रत्याशी राकेश बाघ सिंह शामिल है। अपने शपथ पत्र में लूट व डकैती के लंबित मामले घोषित करने वालों में बल्लभगढ़ सीट से बसपा प्रत्याशी धीरेन्द्र सिंह और महेन्द्रगढ़ से निर्दलीय प्रत्याशी अजय कुमार शामिल हैं।
दागी क्षेत्र के दायरे में नौ सीटें
एडीआर के मुताबिक ऐसे निर्वाचन क्षेत्र को दागी घोषित किया जाता रहा है, जहां तीन या उससे ज्यादा दागी चुनाव मैदान में हों। हरियाणा में 90 में से नौ विधानसभा सीटें उसी श्रेणी में आती हैं। हिसामें में सर्वाधिक चार प्रत्याशी दागियों की सूची मेंं हैं, जिसमें भाजपा, हजकां और दो निर्दलीय प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अलावा जिला हिसार की आदमपुर, गुडगांव की सोहना, सोनीपत की गोहना, भिवानी की दादरी, यमुनानगर की रादौर,पानीपत की पानीपत ग्रामीण, महेन्द्रगढ़ की अटेली तथा कैथल सीट को इसी दायरे में रखा गया हैं, जहां तीन-तीन प्रत्याशी अपराधिक छवि के चुनावी मुकाबलें में हैं।
गंभीर मामलों पर ये हैं मानदंड
लोक प्रतिनिधित्तव अधिनियम कानून एवं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक गंभीर आपराधिक मामलों के लिए मानदंड भी तय हैं, लेकिन इसके बावजूद राजनीतिक दल अपराधियों पर सियासी दांव खेलने में पीछे नहीं हैं। इन मानदंडों के अनुसार पांच साल या उससे अधिक सजा वाले अपराध, गैरजमानती अपराध, चुनाव से सुबंधित अपराध, सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का अपराध, हत्या, अपहरा, बलात्कार या हमले करने जैसे अपराध, महिलाओं ऊपर अत्याचार संबन्धी अपराध के अलावा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम कानून के तहत अपराधों की पुष्टि होने पर चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।
विधायकों ने पांच साल में बढ़ाई संपत्ति
हरियाणा विधानसभा चुनाव में वर्ष 2009 में जीत हासिल करके विधानसभा पहुंचने वाले 67 विधायक भी फिर से चुनावी जंग में हैं। इन विधायकों की वर्ष 2009 में औसतन संपत्ति 7.30 करोड़ थी, लेकिन पांच साल में यह औसत संपत्ति बढ़कर 18.71 करोड़ यानि दो गुणा से भी ज्यादा हो गई है। पुन: चुनाव लड़ रहे प्रत्येक विधायक की संपत्ति में इन पांच सालों में औसतन 11.41 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जो 156 प्रतिशत से भी ज्यादा बैठती है। सबसे ज्यादा संपत्ति में 69.59 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री जिंदल ने की है, जिसने 113.27 करोड़ रुपये की मल्कियत घोषित की है जो पांच साल पहले 43.68 करोड़ रुपये थी। दूसरे पायदान पर गुडगावं के निर्दलीय प्रत्याशी सुखबीर कटारिया हैं जिनकी संपत्ति में पांच साल के भीतर 65.92 करोड़ का इजाफा हुया, यानि उनकी संपत्ति 38.34 करोड़ से बढ़कर 104.26 करोड़ हो गई है। तीसरे स्थान पर हरियाणा चेतना पार्टी के उम्मीदवार विनोद शर्मा रहे जिन्होंने पांच साल में 87.40 करोड़ से अपनी संपत्ति को 153.14 करोड़ तक पहुंचा दिया है, जिसमें 65.73 करोड़ की वृद्धि हुई। हजकां प्रमुख और आदमपुर से चुनाव लड रहे कुलदीप विश्नोई की संपत्ति में 62.81 करोड़ की वृद्धि हुई और पांच साल में 17.30 करोड से बढ़कर इस बार 80.12 करोड़ की संपत्ति घोषित की है।
करोड़पतियों की भरमार
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुल 1351 उम्मीदवारों में 563 प्रत्याशी कुबेरों की फेहरिस्त में शामिल हैं, जिनमें नौ उम्मीदवारों की संपत्ति को सौ करोड़ से भी ज्यादा है। इनमें 122 ने तो अपनी संपत्ति को 10 करोड़ से ज्यादा घोषित किया है। सबसे ज्यादा 212 करोड रुपये से ज्यादा की संपत्ति अटेली के निर्दलीय प्रत्याशी रवि चौहान व अनिता चौहान ने घोषित की है। इसके बाद कालका से शक्तिरानी, अंबाला सिटी से विनोद शर्मा, सिरसा से गोपाल कांडा,हिसार से सावित्री जिंदल, फरीदाबाद से विपुल गोयल, गुडगांव से सुखबीर कटारिया व कैथल से कैलाशचंद भगत अरबपति उम्मीदवारों में शामिल हैं।
09Oct-2014

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